हरियाणा के विधानसभा चुनाव में मतदान से ठीक 2 दिन पहले राज्य की बड़ी नेता और सांसद कुमारी सैलजा ने पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है। कुमारी सैलजा की सोनिया गांधी से अचानक हुई मुलाकात के बाद हरियाणा कांग्रेस में सियासी हलचल तेज है। बताना जरूरी होगा कि हरियाणा में कांग्रेस को एक बड़ी कामयाबी मिली है, जब दलित नेता और पूर्व सांसद अशोक तंवर बीजेपी छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी कांग्रेस में वापस लौट गए।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म हो गया है और अब 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। राज्य में 90 सीटों के लिए एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे और 8 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी। कांग्रेस लगातार दावा कर रही है कि वह इस बार हरियाणा में सरकार बनाएगी।

प्रियंका और राहुल ने लगाई प्रचार में ताकत

हरियाणा में अपने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगाते हुए प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने अंतिम दिनों में हरियाणा विजय संकल्प यात्रा निकाली थी। चुनावी रैलियों के अलावा भी प्रियंका और राहुल संकल्प यात्रा के जरिए लोगों के बीच पहुंचे थे। दूसरी ओर बीजेपी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित तमाम बड़े नेताओं को पार्टी के चुनाव प्रचार में उतारा।

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सैलजा की नाराजगी बनी थी मुद्दा

हरियाणा कांग्रेस में पिछले महीने तब अच्छी खासी उथल-पुथल हुई थी, जब कुमारी सैलजा कई दिनों तक चुनाव प्रचार करने के लिए मैदान में नहीं आईं। यह कहा गया था कि कुमारी सैलजा टिकट बंटवारे में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों को अच्छी-खासी तवज्जो देने से नाराज हैं।

उनके चुनाव प्रचार में न आने को बीजेपी ने मुद्दा बना लिया था। खुद चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित हरियाणा बीजेपी के कई नेताओं ने कहा था कि कांग्रेस में दलित नेताओं का कोई सम्मान नहीं है। विधानसभा चुनाव के मौके पर सैलजा जैसी वरिष्ठ नेता के नाराज होने की खबरों को कांग्रेस नेतृत्व ने बेहद गंभीरता से लिया था। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी कुमारी सैलजा से मुलाकात की थी। इसके बाद सैलजा ने चुनाव प्रचार किया था।

कुमारी सैलजा की सोनिया गांधी के साथ हुई इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। सोनिया गांधी के साथ कुमारी सैलजा की आधा घंटे तक बातचीत हुई। इसके बाद सैलजा ने मीडिया से कोई बात नहीं की और वहां से निकल गईं।

सीएम बनना चाहती हैं सैलजा

कुमारी सैलजा हरियाणा का मुख्यमंत्री बनने की अपनी सियासी ख्वाहिश को खुलकर जाहिर कर चुकी हैं। वह विधानसभा का चुनाव भी लड़ना चाहती थीं लेकिन पार्टी ने किसी भी सांसद को विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ाया। सैलजा ने टीवी चैनलों के साथ बातचीत में हरियाणा में दलित समुदाय से मुख्यमंत्री होने की बात भी कही थी।

सैलजा इस बार लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट से जीती थीं, इससे पहले वह अंबाला से सांसद रहने के साथ ही नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकारों में मंत्री रही हैं। वह हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष रहने के साथ ही राज्यसभा की सदस्य भी रह चुकी हैं। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार थे और भारत सरकार में मंत्री रहे थे।

अशोक तंवर के आने से क्या होगा?

अशोक तंवर लंबे वक्त तक कांग्रेस में रहे हैं लेकिन साल 2019 में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाराजगी के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी। अशोक तंवर और कुमारी सैलजा दोनों ही दलित समुदाय से आते हैं।

अगर हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब रहती है तो निश्चित रूप से मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर लड़ाई देखने को मिल सकती है। लेकिन मतदान से ठीक पहले सोनिया गांधी के साथ कुमारी सैलजा की मुलाकात को लेकर हरियाणा में तमाम तरह के सियासी मायने जरूर निकाले जा रहे हैं।