अग्निपथ योजना को लेकर एक बार फिर एनडीए के दो प्रमुख सहयोगी भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) आमने सामने नजर आ रहे हैं। इस योजना के तहत सिर्फ चार साल के लिए नौकरी मिलने से आक्रोशित युवा हिंसा और आगजनी पर उतर आए हैं। हंगामे की सबसे अधिक खबरें बिहार से आ रही हैं।

बिहार में एनडीए का जूनियर सहयोगी होने के बावजूद सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व जद (यू) सुप्रीमो और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है। जद (यू) ने गुरुवार को केंद्र से अग्निपथ पर “पुनर्विचार” करने के लिए कहा था। अब योजना के खिलाफ युवाओं के बढ़ते विरोध के बीच जद (यू) ने अपने पक्ष को अधिक मजबूती से दोहराया है। हालांकि भाजपा इस मुद्दे पर अपने सहयोगी के कड़े रुख से बचने की कोशिश कर रही है। जबकि डिप्टी सीएम रेणु देवी और राज्य भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के घरों को भी अग्निपथ विरोधी प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया है।

पिछले एक महीने में भाजपा और जद (यू) दो मुद्दों पर आमने सामने हो चुके हैं। पहला- जाति जनगणना का मुद्दा, जिसमें जद (यू) ने भाजपा की राज्य और केंद्रीय इकाइयों के बीच कथित अलगाव को भुनाने की कोशिश की। दूसरा- जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा, भाजपा इसे राज्य में उछालने की कोशिश कर रही थी लेकिन जद (यू) ने खारिज कर दिया।

राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार ने अपने वरिष्ठ सहयोगी (भाजपा) के लिए बमुश्किल ही कुछ किया, बस इतना कहा गया कि ”जद (यू) चर्चा की प्रतीक्षा करेगी। पहले शुरू करें और देखें कि कौन उम्मीदवार है।” जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ​​ललन सिंह ने अग्निपथ पर अपनी पार्टी की आलोचनात्मक स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा, बिहार में असंतोष बढ़ रहा है। कुछ अन्य राज्यों में भी इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। कई जगह हिंसक घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और योजना पर फिर से विचार करना चाहिए। छात्रों और युवाओं को आश्वस्त करना होगा कि इस योजना का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। पार्टी प्रवक्ता निखिल मंडल और जद (यू) के अन्य नेताओं ने भी अग्निपथ योजना पर फिर से विचार करने की मांग करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है।

वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता जद (यू) की मांग को नजरअंदाज करते हुए हिंसक विरोध के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने कहा है, बिहार पुलिस को यह पता लगाना चाहिए कि क्या विरोध प्रदर्शनों में विपक्षी नेताओं की भागीदारी है। डिप्‍टी सीएम रेणु देवी ने जद (यू) की मांग पर कहा है, जद (यू) के नेता जो कह रहे हैं वह उनकी निजी राय है। अग्निपथ योजना युवाओं को कौशल देने के लिए है। मालूम हो कि बेतिया (पश्चिम चंपारण) स्थित रेणु देवी के घर पर आज प्रदर्शनकारियों ने हमला किया था। कुल मिलाकर भाजपा जद (यू) पर पलटवार करने से बच रही है।

हाल ही में नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल विवाद के दौरान भी जद (यू) ने फटकार लगाई थी। जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने तब द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, ”हम भाजपा के दो प्रवक्ताओं द्वारा की गई ईशनिंदा की निंदा करते हैं। यह अच्छा है कि बीजेपी ने उनके बयानों को खारिज कर दिया और उनके खिलाफ कार्रवाई की… एनडीए सरकार ने बहुत प्रयासों से खाड़ी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए हैं। उनके साथ हमारे आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लाखों भारतीय वहां रहते हैं और व्यापार करते हैं। उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है।”