न्यूज वेबसाइट द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु के दिल्ली स्थित निवास स्थान पर दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की है। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने द वायर और उसके संपादकों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
मलवीय ने अपनी शिकायत में सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एम. के. वेणु, डिप्टी एडिटर और एग्जीक्यूटिव न्यूज़ प्रोड्यूसर जाह्नवी सेन, फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म और अन्य अज्ञात लोगों का नाम दिया है।
अमेरिकी नागरिक हैं वरदराजन
द वायर से सह-संस्थापक और संपादक सिद्धार्थ वरदराजन अमेरिकी नागरिक हैं। सिद्धार्थ वरदराजन की वेबसाइट के मुताबिक, अक्टूबर 2013 तक द हिंदू के संपादक रहे वरदराजन फिलहाल सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स एंड क्रिटिकल थ्योरी, नई दिल्ली में पत्रकार और सीनियर फेलो हैं। अर्थशास्त्र में प्रशिक्षित वरजदरान ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और कोलंबिया विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है।
एक पत्रकार के रूप में काम करने के लिए भारत लौटने से पहले वह न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में पढ़ा चुके हैं। साथ ही वरदराजन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया पत्रकारिता स्कूल में अतिथि व्याख्याता और येल विश्वविद्यालय में पोयन्टर फेलो रह चुके हैं।
सिद्धार्थ के भाई हैं ब्रिटिश नागरिक
सिद्धार्थ वरदराजन के भाई टुंकू वरदराजन ब्रिटिश नागरिक हैं। वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में वर्जीनिया हॉब्स कारपेंटर रिसर्च फेलो रहे हैं। टुंकू का लिखा द वॉल स्ट्रीट जर्नल, फोर्ब्स, न्यूयॉर्क टाइम्स, डेली मेल, द टेलीग्राफ, न्यूजवीक, मिंट, द इंडियन एक्सप्रेस, जैसे दुनिया भर के विभिन्न मीडिया प्लेटफार्म्स पर प्रकाशित हुआ है।
टुंकू वरदराजन 1992 से पत्रकार हैं। वह अपने करियर में कई पदों पर रहे हैं, जिसमें न्यूजवीक इंटरनेशनल का एडिटर होना भी शामिल है। वह न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में सहायक प्रोफेसर और कोलंबिया विश्वविद्यालय में सेंटर ऑन कैपिटलिज्म एंड सोसाइटी में विजिटिंग स्कॉलर भी हैं।
1992 में पत्रकारिता में अपना करियर शुरू करने से पहले, वह ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज में कानून के व्याख्याता थे। वरदराजन के पास ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री है और वे स्पेनिश और हिंदी भाषा में भी जानते हैं। टुंकू वरदराजन ने अपने ट्विटर बायो में खुद को एंटी हिंदुत्व बताया है।
पिता ने इंदिरा के साथ किया है काम
सिद्धर्थ वरदराजन के पिता मुथुसामी वरदराजन एक सम्मानित भारतीय सिविल सेवक थे। दिसंबर 2014 में 81 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था। द गार्जियन पर प्रकाशित एक लेख मुताबिक, मुथुसामी वरदराजन लंदन में भारतीय उच्चायोग में मिनिस्टर (1979-83) थे। उन्होंने इंदिरा गांधी और मारग्रेट थैचर के संरक्षण में 1982 के फेस्टिवल ऑफ इंडिया के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
1983 में भारत लौटने पर वे दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय में स्थायी सचिव बने, और रविशंकर और बिस्मिल्लाह खान सहित कई योग्य कलाकारों के करियर को बढ़ावा दिया। मुथुसामी वरदराजन को भारतीय संस्कृति और साहित्य और विशेष रूप से भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य का शौक था।
मुथुसामी वरदराजन का जन्म तमिलनाडु में हुआ था। वह दक्षिण भारतीय ब्राह्मण ओमबालापदी अप्पासामी मुथुसामी के पुत्र थे। ओमबालापदी अप्पासामी एक उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारी थे। उन्होंने तंजावुर जिले के सेंट जेवियर्स स्कूल और मद्रास विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी।
सिद्धार्थ वरदराजन के दादा ने 1956 में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण कर उत्तर प्रदेश कैडर में शामिल होने का फैसला लिया था। यह एक दक्षिण भारतीय व्यक्ति के लिए अजीब निर्णय था। हिंदी और उर्दू उनकी मूल भाषा नहीं थी – वे तमिल बोलते थे – लेकिन जल्द ही उन्होंने उनमें महारत हासिल कर ली।