Battle of Karnal: 24 फरवरी, 1739 को करनाल में बड़ा युद्ध हुआ था। यह युद्ध इसलिए अहम है क्योंकि इसने भारत में मुगल साम्राज्य की बुनियाद हिला दी थी और इसके कुछ सालों के बाद मुगल साम्राज्य का अंत हो गया। ऐसा क्या हुआ था करनाल के युद्ध में और इसके बाद धीरे-धीरे ऐसा क्या हुआ कि मुगल सम्राज्य का हिंदुस्तान से वजूद मिट गया। आइए, इस बेहद दिलचस्प और रोचक घटना के बारे में जानते हैं।

करनाल के युद्ध में ईरान के अफशरीद वंश के संस्थापक नादिर शाह ने मुगल सम्राट मोहम्मद शाह ‘रंगीला’ की सेना को 3 घंटे से भी कम वक्त में हरा दिया था। इसके बाद नादिर शाह ने उस वक्त में मुगलों की राजधानी दिल्ली पर कब्जा कर उसे लूट लिया।

मयूर सिंहासन और कोहिनूर हीरा भी ले गया नादिर शाह

नादिर शाह यहां से जाते वक्त अपने साथ मयूर सिंहासन (Peacock Throne) और कोहिनूर हीरा भी ले गया। हालांकि नादिर शाह ने रंगीला को बख्श दिया और उसकी अधिकतर जमीन भी उसे वापस कर दी लेकिन उसने मुगलों को इतना कमजोर कर दिया कि वह कभी भी अपनी पुरानी ताकत हासिल नहीं कर सके।

बस कंडक्टर की पिटाई से फिर भड़का महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद, क्या है इस झगड़े की असली वजह?

Maharashtra claim on Belagavi, Karnataka border tensions,
कई बार आमने-सामने आ चुके हैं दोनों राज्य। (Source-Jansatta)

इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने 1922 में पटना विश्वविद्यालय में कहा था कि नादिर शाह का आक्रमण मुगल साम्राज्य के पतन का कारण नहीं, बल्कि उसका सबसे बड़ा लक्षण था। जदुनाथ सरकार के बयानों को Nadir Shah in India किताब में शामिल किया गया था, यह 1925 में प्रकाशित हुई थी।

मुगलों के पतन के पीछे कई कारण थे। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इसका कारण यह भी था कि औरंगजेब के बाद आने वाले शासक कमजोर थे। आइए, इन्हें कुछ इतिहासकारों और किताबों के हवाले से समझते हैं।

इतिहासकार इरफान हबीब का तर्क है कि किसानों पर भारी करों का बोझ बढ़ने से कई जगह विद्रोह हुए। इन विद्रोहों को दबाने के लिए और कर लगा दिए गए, जिससे एक दुष्चक्र बन गया और मुगल साम्राज्य कमजोर होता चला गया। (The Agrarian System of Mughal India, 1963)

एम. अतहर अली का कहना है कि 17वीं शताब्दी के अंत तक मुगल दरबार में बड़ी संख्या में अमीर जुड़ गए लेकिन उनके लिए पर्याप्त जागीरें नहीं थीं। इससे भ्रष्टाचार और आपसी संघर्ष बढ़ा और सेना की कमजोर हो गई। (The Mughal Nobility under Aurangzeb, 1966). कुछ इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब की धार्मिक नीतियों से हिंदू और अन्य गैर-मुस्लिम समुदायों में असंतोष बढ़ा और इससे भी मुगल साम्राज्य कमजोर हुआ।

क्या बीजेपी का पसमांदा मुसलमानों से मोहभंग हो गया है, मुस्लिम आरक्षण का विरोध क्यों कर रही है पार्टी?

Pasmanda Muslim reservation Telangana, Telangana Muslim quota controversy, BJP on Pasmanda Muslim reservation,
मुस्लिम आरक्षण पर रार। (Source-Jansatta)

नादिर शाह का भारत पर आक्रमण

औरंगजेब के वक्त में मुगल साम्राज्य कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहा था। दक्षिण में मराठे, पूर्व में आहोम, उत्तर और पश्चिम में जाट, राजपूत, बुंदेला और सिख लगातार मुगलों को चुनौती दे रहे थे। ये न सिर्फ मुगल साम्राज्य के क्षेत्र और धन पर कब्जा कर रहे थे बल्कि मुगल खजाने को भी खत्म कर रहे थे।

मुगलों के शासन को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब नादिर शाह ने भारत पर आक्रमण कर दिया। नादिर शाह को इतिहासकार ‘फारस का नेपोलियन’ भी कहते हैं। नादिर शाह ने पहले ईरान में सफ़वीद वंश को सत्ता से उखाड़ फेंका और पश्चिम में ओटोमन्स, उत्तर में रूसियों, पूर्व में अफगान जनजातियों और मुगलों के साथ लड़ाई लड़ी। इस तरह नादिर शाह ने कई बड़े और कामयाब सैन्य अभियान चलाए।

1738 में कंधार जीतने के बाद नादिर शाह ने भारत की ओर कूच किया। वह खैबर दर्रे से होते हुए भारत में आया, जिसे अलेक्जेंडर और तैमूर जैसे आक्रमणकारियों ने भी पार किया था। उसने कई मुगल रियासतों को हराया और फिर वह दिल्ली की ओर बढ़ गया।

करनाल का युद्ध (24 फरवरी, 1739)

इतिहासकार जदुनाथ सरकार के मुताबिक, मोहम्मद शाह ‘रंगीला’ ने नादिर शाह का मुकाबला करने में बहुत देर की। रंगीला कार्रवाई करने के लिए दिसंबर तक रुका रहा जबकि नादिर शाह ने जून में काबुल पर कब्जा कर लिया था और नवंबर के मध्य तक उसने खैबर के दर्रे को पार कर लिया था।

जब तक ‘रंगीला’ ने सेना तैयार की तब तक नादिर शाह लाहौर तक पहुंच चुका था। दोनों सेनाओं की भिड़ंत करनाल (हरियाणा) में हुई।

युद्ध में क्या हुआ?

मुगलों की सेना में 3 लाख सैनिक, 2,000 युद्ध हाथी और 3,000 तोपें थीं। कुल मिलाकर, मुगलों के पास लगभग 10 लाख की ताकत थी। ‘रंगीला’ अपने हरम और सेवकों के विशाल दल के साथ युद्ध में शामिल था। दूसरी ओर, नादिर शाह की सेना में सिर्फ 55,000 सैनिक थे। लेकिन वे अनुशासित, अनुभवी और आधुनिक हथियारों से लैस थे। युद्ध में नादिर शाह की रणनीति ने मुगलों को हरा दिया।

BJP के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म, क्या दक्षिण के किसी नेता को मिलेगा मौका?

BJP new national president 2025, Who will be the next BJP president, JP Nadda tenure end BJP president, BJP president election 2025,
कौन होगा बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? (Source-PTI)

युद्ध में हार के बाद ‘रंगीला’ को पकड़ लिया गया और नादिर शाह दिल्ली आ गया। इतिहासकार-प्रशासक गुलाम हुसैन खान ने लिखा (डेलरिम्पल और आनंद ने बताया) है- यहां उसकी सेना ने शाही खजाने को लूटा और 30 हजार से अधिक निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई। महिलाओं को गुलाम बनाया गया और दिल्ली में दरीबा कलां के आसपास के पूरे मोहल्लों में आग लगा दी। उन्होंने सोने-चांदी के बर्तन, कपड़े लूट लिए। नादिर शाह की सेना मयूर सिंहासन और कोहिनूर हीरा भी लूटकर ले गयी।

खाली हो गया मुगल खजाना

नादिर शाह ने बाद में मोहम्मद शाह ‘रंगीला’ को उसका साम्राज्य वापस लौटा दिया और अपने बेटे की शादी रंगीला की भतीजी से करा दी। लेकिन उसने दिल्ली से आठ पीढ़ियों की संपत्ति लूट ली जिससे मुगल खजाना पूरी तरह खाली हो गया। इसके बाद अगले 100 सालों में मुगल साम्राज्य लगातार कमजोर होता गया और 1857 में अंग्रेजों ने अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर को सत्ता से हटा दिया और इस तरह भारत में मुगल शासन हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो गया।

क्लिक कर जानिए किस तरह बढ़ा बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री का कद?