भारतीय मूल के अजय बंगा वर्ल्ड बैंक के अगले प्रेसिडेंट होंगे। विश्व बैंक ने खुद इसकी पुष्टि की है। बंगा का कार्यकाल पांच साल का होगा। वह डेविड मलपास की जगह लेंगे। मलपास जून 2023 में अपने पद से इस्तीफा देंगे। वह अपने निर्धारित कार्यकाल से एक साल पहले पद छोड़ रहे हैं।

दुनिया की कई बड़ी कंपनियों में ऊंचा ओहदा संभाल चुके अजय बंगा को एक दिन में पचास लाख रुपये कमाने के लिए भी जाना जाता है। आइए जानते हैं उनकी अब तक की यात्रा और संपत्ति के बारे में:

DU और IIM से की है पढ़ाई

अजय बंगा के पिता भारतीय सेना में वरिष्ठ ऑफिसर रहे हैं। बंगा की स्कूलिंग हैदराबाद पब्लिक स्कूल से हुई है। स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से करने के बाद बंगा ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया। अजय बंगा अब अमेरिका की नागरिकता ले चुके हैं। साल 1981 में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत नेस्ले (Nestle) से की थी। इसके बाद वह पेप्सिको, सिटी ग्रुप और क्रेडिट कार्ड की जानीमानी कंपनी मास्टरकार्ड से भी जुड़े।

बंगा ने मास्टरकार्ड साल 2010 में बतौर अध्यक्ष और सीईओ के रूप में ज्वाइन किया था। वे निदेशक मंडल के भी सदस्य थे। उन्होंने मास्टरकार्ड का एक दशक से भी अधिक वक्त तक नेतृत्व किया। वह मास्टरकार्ड के 113,123,489 डॉलर के शेयर्स के मालिक हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजय बंगा मास्टरकार्ड में हर साल 23,250,000 डॉलर (1.92 अरब रुपये) सैलरी लेते थे, इसका मतलब है कि वह हर दिन 5.2 मिलियन रुपये यानी पचास लाख रुपये कमा रहे थे। बंगा ने 2021 में मास्टरकार्ड से रिटायरमेंट लेकर प्राइवेट इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक ज्वाइन कर लिया था और वर्तमान में इसके वाइस चेयरमैन हैं। भारत सरकार अजय बंगा को साल 2016 में पद्म श्री से सम्मानित कर चुकी है।

जो बाइडेन की पसंद हैं बंगा

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी चाहते थे कि अजय बंगा दुनिया के दो शीर्ष वित्तीय संस्थानों- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में से किसी एक का प्रमुख बने। राष्ट्रपति बाइडन ने ही बंगा के नॉमिनेशन का ऐलान किया था। दरअसल, वर्ल्ड बैंक का सबसे बड़ा शेयरहोल्डर अमेरिका है, इसलिए पांरपरिक तौर वही विश्व बैंक का प्रमुख चुनता रहा है।

अजय बंगा को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस की तरफ से एक बयान जारी किया गया था, जिसमें बाइडन ने बंगा के लंबे अनुभव को रेखांकित किया था। बाइडन ने कहा था उन्हें इंटरनेशनल कंपनियों को बनाने और चलाने का तीन दशक से अधिक का अनुभव है।