आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कथित तौर पर अपशब्द कहने के कारण चर्चा में हैं। पिछले दिनों 33 वर्षीय इटालिया का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कथित तौर पर पीएम मोदी को ‘नीच’ व अन्य अपशब्द कहते नजर आ रहे हैं। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। तीन घंटे तक सरिता विहार थाने में पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
हालांकि इटालिया का कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है। वायरल वीडियो उनका नहीं है। उन्होंने भाजपा पर पाटीदार समाज से नफरत करने का आरोप लगाया है। बता दें कि इटालिया पहले भी कई बार विवादों में आ चुके हैं।
कौन हैं गोपाल इटालिया?
गोपाल इटालिया दिसंबर 2020 से आम आदमी पार्टी के गुजरात संयोजक हैं। पाटीदार समाज से आने वाले इटालिया पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हैं। उन्होंने हार्दिक पटेल के साथ मिलकर गुजरात में पाटीदार आरक्षण को आंदोलन खड़ा किया था।
द प्रिट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इटालिया साल 2013 में गुजरात पुलिस में शामिल हुए थे। वह अहमदाबाद में एक कांस्टेबल के रूप में लोक रक्षक दल का हिस्सा थे। उनके करीबी उन्हें निरंतर आगे बढ़ते रहने वाले व्यक्ति के रूप में व्याख्यायित करते हैं।
2014 में इटालिया को अहमदाबाद कलेक्ट्रेट में क्लर्क की नौकरी मिल गई। हालांकि तीन साल में ही उन्हें राजस्व विभाग की इस नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया। नौकरी से निकाले जाने की वजह आगे जानेंगे, पहले पाटीदार आन्दोलन में उनकी भूमिका समझ लेते हैं।
क्लर्क की नौकरी करते हु्ए इटालिया पाटीदार आरक्षण आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे। साल 2015 में जब आन्दोलन अपने चरम पर था, तब गुजरात के बाहर तो हार्दिक दिख रहे थे लेकिन गुजरात में इटालिया की जड़ मजबूत हो रही थी।
मंत्री फेंका जूता
साल 2017 में एक कॉल रिकॉर्डिंग वायरल होने के बाद, अचानक से इटालिया मीडिया में छा गए। जनवरी का महीना था, इटालिया ने तत्कालीन डिप्टी सीएम नितिन पटेल को फोन कर खुद को एक पुलिस कॉन्स्टेबल बताया। उपमुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए उन्होंने शराबबंदी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि गुजरात में शराब ब्लैक में बेची जा रही है। इस धंधे में पुलिस, नेता, व्यापारी सब शामिल हैं।
इस बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद गुजरात सरकार की खूब किरकिरी हुई। इटालिया पर मामला दर्ज किया गया क्योंकि उन्होंने कॉन्सटेबल बनकर बात की थी, जबकि पुलिस की नौकरी वह 2014 में ही छोड़ चुके थे।
2017 में ही इटालिया दूसरी बार मंत्री पर जूता फेंकने के लिए चर्चा में आए। इटालिया ने राज्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधानसभा के बाहर गुजरात के तत्कालीन मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा पर जूता फेंकते हुए चिल्लाकर कहा था- ये सरकार घमंडी है, भ्रष्ट है। बेरोजगारों का शोषण करती है। इटालिया ने जूता फेंकने का काम सरकारी क्लर्क रहते हुए किया था। घटना के बाद सेवा नियमों के उल्लंघन के आरोप में उन्हें राजस्व विभाग से बर्खास्त कर दिया।
जाति व्यवस्था के खिलाफ रहे हैं गोपाल इटालिया
सरकारी नौकरी से बर्खास्त इटालिया सामाजिक कार्यकर्ता बन गए। आप नेता के करीबी बताते हैं कि वह हमेशा से व्यवस्था के खिलाफ रहे हैं। राम कथा जैसे आयोजनों के खिलाफ मुखर होकर बोलते रहे हैं। नौकरी जाने के बाद उन्होंने इन बुराइयों के खिलाफ पूरी मुहिम ही शुरु की थी।
गोपाल इटालिया मामले में स्मृति ईरानी ने किया प्रेस कॉन्फ्रेंस, देखें वीडियो:
साल 2020 में AAP में शामिल होने के तुरंत बाद, इटालिया को पार्टी की गुजरात इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। मात्र दो साल में वह गुजरात में पार्टी का चेहरा हैं। उनके नेतृत्व में आप ने पिछले साल सूरत नगर निगम चुनाव में 27 सीटें जीती थीं।