Pervez Musharraf Passed Away: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) का दुबई के एक अस्पताल में निधन (Former President of Pakistan Pervez Musharraf Death) हो गया है। 79 साल के मुशर्रफ लंबे समय से बीमार थे। उन्हें एमीलॉयडोसिस (Amyloidosis) नामक एक बीमारी से ग्रस्त थे। साल 2017 में परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तान (Pakistan) ने भगोड़ा घोषित कर दिया था।
मुशर्रफ ने इंडियन क्रिकेटर को किया था कॉल
पाकिस्तान का राष्ट्रपति रहने के दौरान परवेज मुशर्रफ भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के दौरे पर गयी थी। बीबीसी संवाददाता विकास पांडेय दिए एक इंटरव्यू में गांगुली बताते हैं कि कैसे जब वह बिना सुरक्षा अपने साथी खिलाड़ियों के साथ पाकिस्तान की सड़कों पर निकल गए थे, तो तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का कॉल आ गया था।
दरअसल भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान में थी। वनडे मैच भारत जीत चुकी थी। अब सौरभ गांगुली अपने दोस्तों के साथ पाकिस्तान के जायके का मजा लेना चाहते थे। साथ ही वह यह भी चाहते थे कि उनके साथ पूरे टाइम बंदूकधारी सुरक्षाकर्मी न रहें। गांगुली अपने दोस्तों के साथ चुपके से बिना सुरक्षाकर्मियों को लिए निकल गए। लेकिन फूड स्ट्रीट पर खाना खाते हुए पकड़े गए।
गांगुली बताते हैं, “अगले दिन सुबह 11 बजे मेरे पास मुशर्रफ़ साहब का कॉल आया और उन्होंने कहा कि अब ऐसा न करें क्योंकि अगर कुछ हो जाएगा तो दोनों मुल्कों में झगड़ा हो जाएगा, युद्ध हो जाएगा। मैंने उन्हें समझाया कि थोड़ी आजादी चाहिए थी इसलिए निकल गए। आगे से ऐसा नहीं करेंगे।”
तख्तापलट कर बने थे पाकिस्तान के राष्ट्रपति
अक्तूबर 1999 में पाकिस्तान का सेना प्रमुख रहते हुए परवेज मुशर्रफ ने सैन्य विद्रोह कर देश में तख्तापलट कर दिया था। उन्होंने संविधान और बहुदलीय राजनीतिक व्यवस्था को रद्द कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। 2001 में उन्होंने खुद ही खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। अप्रैल 2002 में उन्होंने एक विवादस्पद जनमत संग्रह करवाया था, जिसके दम पर वह अगले पांच साल तक राष्ट्रपति रहे।
पांच साल बाद साल 2007 में वह राष्ट्रपति चुने गए। लेकिन उनके चुनाव को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। इससे बौखलाए मुशर्रफ ने देश आपातकाल लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को बदलकर अपने निर्वाचन को सही साबित कर दिया।
हालांकि तब तक उनके खिलाफ देश में विरोध प्रदर्शन होने लगा था। उन्हें सत्ता से हटाने के लिए महाभियोग लाने की तैयारी शुरू हो गयी थी। इस बीच उन्होंने साल 2008 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और लंदन भाग गए। 2013 में वह आम चुनाव लड़ने के लिए पाकिस्तान लौट थे, लेकिन अयोग्य करार दिए जाने की वजह से चुनाव नहीं लड़ पाए थे।