उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जो नतीजे/रुझान सामने आ रहे हैं, उससे पता चलता है कि एनडीए यहां कई सीटों पर जबरदस्त चुनावी मुकाबले में फंस गया है।
इस बात पर भी ध्यान देना जरूरी है कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सीटें लगातार घटी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 71 सीटें जीती थी लेकिन 2019 में यह आंकड़ा गिरकर 62 सीटों पर आ गया था।
इस बार बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में जिस रणनीति, जबरदस्त प्रबंधन के साथ चुनाव लड़ा था, उससे ऐसा लग रहा था कि पार्टी इस बार पिछले आंकड़े से आगे जा सकती है। बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की सभी लोकसभा सीटें जीतने का नारा भी दिया था लेकिन चुनाव के नतीजे/रुझानों से पता चलता है कि बीजेपी पिछले चुनावी आंकड़े से काफी दूर है।
आइए, कुछ ऐसी लोकसभा सीटों के बारे में बात करते हैं जहां पर चुनाव के दौरान एनडीए को कड़े चुनावी मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।

Smriti Irani Amethi: पीछे हैं स्मृति ईरानी
उत्तर प्रदेश में जिन बड़ी सीटों पर बीजेपी/एनडीए पीछे है, उनमें अमेठी की सीट सबसे अहम है। अमेठी सीट से केंद्रीय मंत्री और स्मृति ईरानी पीछे चल रही हैं। स्मृति ईरानी ने पिछले चुनाव में यहां से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को शिकस्त दी थी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कैराना सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार प्रदीप कुमार और सपा की उम्मीदवार इकरा हसन के बीच जबरदस्त चुनावी टक्कर देखने को मिल रही थी।
इसी तरह पूर्वांचल की एक बेहद अहम सीट आजमगढ़ सीट को सपा के पाले में वापस लाने के लिए अखिलेश यादव ने पूरी ताकत लगाई थी। यहां से अखिलेश यादव के भतीजे धर्मेंद्र यादव और भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ आमने-सामने हैं। इस सीट पर पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली बड़ा फैक्टर हैं क्योंकि गुड्डू जमाली ने आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में ढाई लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे और इस वजह से धर्मेंद्र यादव उपचुनाव बाहर गए थे।
सीट का नाम | उम्मीदवार का नाम | राजनीतिक दल का नाम | कितने वोटों से पीछे |
अमेठी | स्मृति ईरानी | बीजेपी | 54,837 |
अयोध्या | लल्लू सिंह | बीजेपी | 3551 |
चंदौली | डॉ. महेंद्र नाथ पांडे | बीजेपी | 1485 |
खीरी | अजय मिश्र टेनी | बीजेपी | 948 |
कैराना | प्रदीप कुमार | बीजेपी | 42,653 |
इलाहाबाद | नीरज त्रिपाठी | बीजेपी | 22,398 |
रॉबर्ट्सगंज | रिंकी सिंह | अपना दल (सोनेलाल) | 25,350 |
आजमगढ़ | दिनेश लाल यादव निरहुआ | बीजेपी | 73,424 |
बाराबंकी | राजरानी रावत | बीजेपी | 1,05,815 |
कन्नौज | सुब्रत पाठक | बीजेपी | 72,390 |
श्रावस्ती | साकेत मिश्रा | बीजेपी | 29,264 |
गाजीपुर | पारस नाथ राय | बीजेपी | 36,219 |
घोसी | डॉ. अरविंद राजभर (एनडीए) | सुभासपा | 23,389 |
मोहनलाल गंज | कौशल किशोर | बीजेपी | 69,062 |
फिरोजाबाद | विश्वदीप सिंह | बीजेपी | 72699 |
यह साफ है कि 80 सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में एनडीए गठबंधन अपने पिछले प्रदर्शन से काफी दूर है। उत्तर प्रदेश में इस बार सपा और कांग्रेस ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था जबकि एनडीए ने राष्ट्रीय लोकदल, सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) के साथ मिलकर चुनावी मुकाबला किया।

2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 64 सीटें जीतने वाला एनडीए गठबंधन इस बार हांफता हुआ दिख रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक 1:20 पर उत्तर प्रदेश में सपा 36 सीटों पर और कांग्रेस 8 सीटों पर आगे चल रही थी जबकि भाजपा 33 सीटों पर।
पूरी ताकत लगाने के बाद भी बीजेपी और एनडीए गठबंधन पिछले चुनाव में किए गए अपने प्रदर्शन के आसपास भी आता नहीं दिख रहा है।