Donald Trump Dead Economy: अपने अजीबोगरीब बयानों के लिए पहचाने जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि भारत और रूस डेड इकोनॉमी हैं। उनके इस बयान का लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने समर्थन किया और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बिल्कुल सही कहा है।

भारत में लोगों को यह बात समझ नहीं आई कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ऐसा बयान क्यों दे दिया? उनके बयान के पीछे क्या आधार है? इतना ही नहीं ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने के अलावा रूस से कारोबार करने पर पेनल्टी लगाने की भी घोषणा कर दी।

ऐसे में ट्रंप के इस बयान की जांच पड़ताल करना जरूरी है कि क्या वाकई उनके इस ‘Dead Economy’ वाले बयान का कोई मतलब है या फिर यह सिर्फ हवा-हवाई बयान है।

भारत का क्या कहना है?

भारत सरकार पिछले कुछ सालों में लगातार कहती रही है कि उसने अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया भर के देशों के बीच अच्छी तरक्की की है और छलांग लगाई है। ट्रंप के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी में 11 नंबर को पीछे छोड़कर टॉप फाइव में शामिल हो गया है।

गोयल ने कहा कि भारत वैश्विक विकास में लगभग 16% का योगदान दे रहा है और पिछले 11 सालों में हमारे निर्यात में लगातार वृद्धि हुई है। मोदी सरकार का यह भी कहना है कि कुछ सालों में ही भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा।

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अमेरिका चार और भारत 12 गुना बढ़ा

अंतरष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पिछले 30 सालों (1995 से) के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका तब के मुकाबले चार गुना बड़ा हुआ है जबकि भारत की इकोनॉमी 1995 के मुकाबले 12 गुना बढ़ गई है। जापान की जीडीपी 1995 की तुलना में कम हो गई है। ब्रिटेन की जीडीपी 3 गुना से भी कम और जर्मनी तो दोगुनी भी नहीं हुई।

1995 में भारत की इकनॉमी अमेरिका की इकनॉमी का 5% थी जबकि 2025 में यह लगभग 14% हो जाएगी। पिछले 30 सालों में अमेरिका के मुकाबले केवल तीन ही इकोनॉमी आकार में बढ़ी हैं। इनमें चीन, भारत और रूस का नाम शामिल है। हालांकि 2011-12 के बाद भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट आ रही है।

जीडीपी ग्रोथ रेट नहीं बढ़ रही

2014 से भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6% के आसपास ही रही है और भारत चीन जैसी ग्रोथ रेट को हासिल नहीं कर सका है। 2014 में भारत की GDP 2.1 ट्रिलियन डॉलर थी, जिसके 2025 में 4.1 ट्रिलियन डॉलर होने का अनुमान है जबकि चीन 2004-2008 के बीच सिर्फ 4 साल में 1.9 ट्रिलियन डॉलर से 4.6 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया।

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कई मोर्चों पर करना होगा काम

भारत के आगे बढ़ने के दावों के बीच कुछ मामलों में काफी संकट भी है। जैसे भारत की एग्रीकल्चर इकोनॉमी की हालत खराब है और किसान खुशहाल नहीं हैं। जीडीपी में बढ़ोतरी के बावजूद असमानताएं, गरीबी बढ़ रही है। भारत की 24% आबादी वर्ल्ड बैंक द्वारा निर्धारित गरीबी रेखा से नीचे है।

ट्रंप के बयान का जवाब यही है कि भारत की इकोनॉमी डेड इकोनॉमी नहीं है। IMF के पिछले 30 साल के आंकड़े इस बात को बताते हैं कि भारत दुनिया भर में तेजी से बढ़ती इकोनॉमी में से एक है। हालांकि अभी भी बेरोजगारी, कृषि क्षेत्र सहित तमाम मामलों में भारत को बहुत काम करने की जरूरत है लेकिन सच यही है कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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