यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द होने और बिहार और गुजरात में नीट-यूजी पेपर लीक की बात सामने आने के बाद से भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठनों ने भी सवाल उठाया है। छात्र संगठन एबीवीपी ने गुरुवार को कहा कि जब प्रजा की तरफ से सवाल उठता है तो सरकार की तरफ से जवाब होना चाहिए।
इन परीक्षाओं को आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव याज्ञवल्क्य शुक्ला ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “ऐसा सामने आ रहा है कि एनटीए द्वारा कुप्रबंधन किया जा रहा है। ऐसा कैसे है कि कुछ केंद्रों पर प्रश्नपत्र 15-20 मिनट देरी से पहुंच रहे हैं? ऐसा कैसे है कि एक ही केंद्र के 7-8 छात्रों को 100% अंक मिलते हैं? 67 छात्रों को 720 अंक कैसे मिले? एनटीए की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान है और जब प्रजा की तरफ से सवाल है तो सरकार की तरफ से जवाब होना चाहिए।”
ABVP ने की पेपर लीक की CBI जांच की मांग
एबीवीपी महासचिव ने आगे कहा, “क्या ऐसा हो सकता है कि जब केंद्रीय नेतृत्व का ध्यान कहीं और (लोकसभा चुनाव में) था तो कुछ गलत हुआ हो? एनटीए की भूमिका संदेह के घेरे में है। एबीवीपी की मांग है कि पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से करायी जाये। एनटीए की भूमिका की जांच होनी चाहिए। ग्रेस मार्क्स की प्रक्रिया की समीक्षा की जानी चाहिए। इस मुद्दे पर हमारा प्रतिनिधिमंडल पहले ही शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिल चुका है।
फरवरी 2024 में पेपर लीक को रोकने के लिए संसद द्वारा एक सख्त नया कानून पारित करने के बाद यह पहली बार है जब केंद्र द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि यूजीसी-नेट 2024 को 19 जून को रद्द कर दिया गया था जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाया कि शायद परीक्षा की अखंडता से समझौता हुआ है।

एबीवीपी का आंदोलन
याज्ञवल्क्य शुक्ला के अनुसार, एबीवीपी ने 5 जून को एक आंदोलन शुरू किया था। उन्होंने कहा, “हमने 6 जून को ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर सवाल उठाए थे और 8 जून को हमने देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की थी। सरकार को परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि सिस्टम में छात्रों का भरोसा बरकरार रहे। छात्रों और अभिभावकों दोनों के लाखों सपने इन परीक्षाओं से जुड़े हैं।”
बीजेपी नेताओं ने भी उठाए सवाल
एबीवीपी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद में इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया है। इसमें देश में परीक्षाओं में अनियमितताओं की जांच के लिए एक अलग केंद्रीय एजेंसी के गठन की भी मांग की गई है। NEET और NET परीक्षा के इस प्रकरण से सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता भी परेशान हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने पेपर सेटर्स और कोचिंग संस्थानों के बीच पाए गए किसी भी सांठगांठ को अपराध घोषित करने की मांग की।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए राकेश सिन्हा ने कहा, “शिक्षा क्षेत्र अब पैसे कमाने का जरिया हो गए हैं। कोचिंग संस्थानों पर ध्यान देने की जरूरत है। हजारों केंद्रों पर परीक्षाएं होने के कारण कुछ परीक्षा केंद्रों की विश्वसनीयता पर विवाद बना हुआ है। इसके लिए पहले से ही पूरी तैयारी की जरूरत होती है। परीक्षा केंद्रों में बाहरी इनविजिलेटर का होना जरूरी है, साथ ही कोचिंग सेंटरों से किसी भी तरह का संबंध रखने वाले शिक्षकों द्वारा प्रश्न सेट करना अपराध बनाया जाना चाहिए। पूरी प्रक्रिया, लोग और प्रतिभागी सभी बहुत महत्वपूर्ण हैं।”
कई संगठन भी कर रहे NEET-UG 2024 को रद्द करने की मांग
शिक्षा बचाओ आंदोलन ने NEET-UG 2024 को रद्द करने, चल रही काउंसलिंग प्रक्रिया को बंद करने और अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की। संगठन ने संरचनात्मक सुधारों का सुझाव देने और एनटीए के कामकाज को देखने के लिए विशेषज्ञों के एक निकाय के गठन की भी मांग की।
शिक्षा बचाओ आंदोलन से संबंधित शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने परीक्षाओं के संचालन के लिए केंद्र द्वारा 2017 में गठित एनटीए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। निकाय के सूत्रों ने कहा कि एनटीए की आखिरी पूर्ण बोर्ड बैठक कब हुई थी? उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि महज कुछ साल पुरानी संस्था कैसे कई परीक्षाएं आयोजित कर सकती है?

मधुबनी से भाजपा सांसद ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
बिहार के मधुबनी से भाजपा के लोकसभा सांसद अशोक कुमार यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ”निश्चित रूप से ऐसी घटनाएं सभी के लिए चिंता का विषय है और ऐसे गलत कामों में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसको लेकर हर कोई चिंतित है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं दी जानी चाहिए। इसे लेकर केंद्र और बिहार सरकार दोनों चिंतित हैं। मुझे पता चला है कि बिहार सरकार अगले विधानसभा सत्र में पेपर लीक रोकने के लिए एक ड्राफ्ट कानून लाने जा रही है।”
उत्तर प्रदेश के हरदोई से भाजपा सांसद जय प्रकाश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ऐसे मामलों पर सतर्क थी और ऐसी हर घटना पर तुरंत कार्रवाई की थी। सरकार की ओर से कोई ढिलाई नहीं है। सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
राजस्थान के राजसमंद से बीजेपी सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने नीट विवाद पर इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “यह हमारे बच्चों के भविष्य के बारे में है और इसलिए हर कोई इसे लेकर बहुत गंभीर और ईमानदार है। मुझे यकीन है कि जो कुछ भी हुआ है, सरकार और पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों ने इसका संज्ञान लिया है और जो भी सही होगा वह किया जाएगा। जो कुछ भी किया जाएगा वह छात्रों के सर्वोत्तम हित में किया जाएगा।”