ग्वालियर स्थित सिंधिया स्कूल अपना 125वां स्थापना वर्ष मना रहा है। हाल में स्कूल के स्थापना दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और सिंधिया परिवार के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया इस स्कूल के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के प्रेसिडेंट हैं।
हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद कभी अपने परदादा के बनवाए इस स्कूल में नहीं पढ़े। स्कूल की स्थापना के बाद से सिंधिया परिवार के बच्चे ‘सिंधिया स्कूल’ में पढ़ा करते थे। लेकिन मुंबई में पले-बढ़े ज्योतिरादित्य सिंधिया की स्कूली पढ़ाई चैंपियन स्कूल (मुंबई) और द दून स्कूल (देहरादून) से हुई है।
‘सिंधिया स्कूल’ पहले ‘सरदार स्कूल’ था
‘सिंधिया स्कूल’ की स्थापना ग्वालियर के एचएच महाराजा माधवराव सिंधिया प्रथम ने अक्टूबर 1897 में की थी। स्थापना के समय स्कूल को सरदार स्कूल के नाम से जाना जाता था। दरअसल, ग्वालियर के महाराजा ने स्कूल की स्थापना जागीरदारों और सरदारों के बेटों को भविष्य के प्रशासक के रूप में शिक्षित करने के लिए किया था। आम लोगों के बच्चों को इस स्कूल में दाखिला नहीं मिलता था। यही वजह रही कि स्कूल ‘सरदारों के स्कूल’ के रूप में प्रचलित हुआ।
1908 में सरदार स्कूल को फूल बाग से हटाकर ग्वालियर किले में स्थानांतरित कर दिया गया। एचएच महाराजा माधवराव सिंधिया प्रथम के बेटे जीवाजीराव सिंधिया ने सरदार स्कूल को न सिर्फ एक आधुनिक आवासीय विद्यालय में बदल दिया। बल्कि नाम भी बदलकर ‘सिंधिया स्कूल’ कर दिया। 1 जुलाई, 1933 को सिंधिया राजपरिवार ने अपने स्कूल का दरवाजा गैर-राजपरिवारों के बच्चों के लिए भी खोल दिया।
कंप्यूटर शिक्षा के मामले में स्कूल का रिकॉर्ड
स्कूल के प्रधानाध्यापक अजय सिंह एक इंटरव्यू में बताते हैं कि सिंधिया स्कूल वर्ष 1984 में अपने पाठ्यक्रम में IT को शामिल करने वाला देश का पहला स्कूल था। CBSE बोर्ड की बारहवीं कक्षा की कंप्यूटर परीक्षा देने वाले देश के पहले चार लड़के सिंधिया स्कूल से ही थे। पिछले पांच वर्षों में सिंधिया स्कूल से बारहवीं कक्षा के लगभग 90% और दसवीं कक्षा के 88% स्टूडेंट्स पास हुए हैं। स्कूल CBSE का सिलेबस फॉलो करता है।
प्रधानाध्यापक के मुताबिक स्कूल में साहसिक कार्य एक धर्म है। वह कहते हैं, “स्कूल में पढ़ाई के बराबर ही खेलों को महत्व दिया जाता है। घुड़सवारी सहित 18 प्रमुख खेल हैं। हम छात्रों को पहाड़ पर चढ़ने, स्कीइंग, साइकिलिंग और ट्रेकिंग के लिए भेजते हैं। असफलताओं से निपटने और हार से उबरने की क्षमता खेल और शारीरिक फिटनेस के माध्यम से पैदा होती है। स्कूल में आर्ट पर भी जोर दिया जाता है। छात्रों को लकड़ी, पेपर और पत्थर से तरह-तरह के डिजाइन बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।”
एक साल की फीस?
अक्सर यह पूछा जाता है कि सिंधिया स्कूल की फीस कितनी है? प्रधानाध्यापक के मुताबिक, स्कूल के एक साल की फीस 8,67,00 (आठ लाख सड़सठ हजार) है। एडमिशन के वक्त, वार्षिक शुल्क के साथ एकमुश्त प्रवेश शुल्क और कॉशन मनी (यह रिफंडेबल होता है) ली जाती है।
प्रधानाध्यापक मानते हैं कि फीस एक अच्छे आवासीय स्कूलों के अनुसार है, जहां बोर्डिंग, आवास, भोजन, किताबें और खेल की सबसे अच्छी व्यवस्था है। इसके अलावा पढ़ाने और प्रशिक्षण देने के लिए हाई क्वालिटी फैकल्टी भी रखी गई है।