Karachi Terror Attack 2024: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकी हमला हुआ है। वैसे, पाकिस्तान में आतंकी हमले होना कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान के लिए यह ताजा हमला इसलिए बेहद बेहद गंभीर है क्योंकि यह घटना कराची में स्थित जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक हुई है। इसमें तीन लोगों की मौत हुई है और 11 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में दो चीनी नागरिक भी शामिल हैं।

पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में लगातार चीनी नागरिकों पर हमले होते रहे हैं और ऐसे हमलों के बाद पाकिस्तान की सरकार का एक ही बयान आता है कि वह हमले में शामिल दोषियों को नहीं बख्शेगी। लेकिन सरकार ऐसी घटनाओं को रोक नहीं पाई है। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में सक्रिय बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है। बीएलए ने लगातार ऐसे प्रोजेक्ट्स को निशाना बनाया है जिसमें चीन शामिल है।

सवाल यह है कि पाकिस्तान में आखिर ऐसे प्रोजेक्ट्स जिनमें चीन ने पैसा लगाया है, वह आतंकियों के निशाने पर क्यों हैं?

पाकिस्तान में यह हमला ऐसे वक्त में हुआ है, जब अगले हफ़्ते शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक का आयोजक भी पाकिस्तान ही है। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस बैठक में हिस्सा लेंगे।

जिस काफिले पर यह आतंकी हमला हुआ, वह पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर कंपनी का था। पोर्ट कासिम परियोजना के तहत कराची के पास दो कोयला बिजली प्लांट लगाए जाने हैं, इनमें से एक शुरू भी हो चुका है। यह 46 अरब डॉलर की चीन पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का हिस्सा है।

क्या है बीएलए?

बीएलए एक अलगाववादी और चरमपंथी समूह है। यह संगठन बलोच लोगों के लिए एक अलग देश की मांग करता है। बलूचिस्तान पाकिस्तान के पश्चिम में है और इसकी सीमा अफगानिस्तान और ईरान से मिलती है। बलूचिस्तान में गैस, तेल, तांबे और सोने के भंडार हैं और यह पाकिस्तान के चारों सूबों में सबसे ज्यादा समृद्ध है।

बलूचिस्तान के बारे में कहा जाता है कि पाकिस्तान ने इसके प्राकृतिक संसाधनों का तो इस्तेमाल किया है लेकिन इसका फायदा स्थानीय लोगों को नहीं मिल रहा है। बलूचिस्तान में 1947 से ही उग्रवाद देखने को मिल रहा है। पाकिस्तान ने उग्रवाद को बढ़ावा देने के लिए भारत को दोषी ठहराया है।

निश्चित रूप से इस तरह के लगातार हमलों के बाद चीन से जुड़ी परियोजनाओं की सुरक्षा खतरे में आ गई है और इससे स्थानीय लोगों को भी बहुत मुश्किल हुई है।

इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक AIERD के सीईओ शकील अहमद रमई ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘आतंकवादी विदेशी ताकतों के एजेंडे को पूरा कर रहे हैं। CPEC पर हमला करके विदेशी ताकतें चीन और पाकिस्तान के बीच दरार पैदा करना चाहती हैं। यह अराजकता फैलाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है।’

पाकिस्तान में निवेश क्यों करना चाहता है चीन?

एक सवाल यह भी है कि जब चीन से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर पाकिस्तान में लगातार हमले हो रहे हैं तो फिर भी चीन पाकिस्तान में निवेश क्यों करना चाहता है उसे इससे क्या फायदा है? चीन के लिए CPEC उसके व्यापारिक संबंधों को और केंद्रीय और दक्षिण एशिया में उसके प्रभाव को बढ़ाने में मदद करने वाले हैं। इस कॉरिडोर का सबसे अहम हिस्सा बलूचिस्तान में बन रहा ग्वादर पोर्ट है। पोर्ट के जरिये अरब सागर तक पहुंचना चीन के लिए आसान होगा।

सिर्फ अगस्त में हुए 59 आतंकवादी हमले

अगस्त, 2024 में ही पाकिस्तान में कुल 59 आतंकवादी हमले हुए, जिनमें 84 लोग मारे गए, जबकि जुलाई में 38 हमले हुए थे। पाक इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज (पीआईपीएस) के मुताबिक अगस्त तक पाकिस्तान में कुल 325 हमले हो चुके हैं।

पीआईपीएस के मुताबिक, 2006 से अब तक पाकिस्तान में 17,846 आतंकवादी घटनाएं हुई हैं, जिनमें 24,373 लोगों की मौत हुई और 48,085 लोग घायल हुए हैं।

पीआईपीएस के मुताबिक, अगस्त 2024 में अकेले बलूचिस्तान में 28 आतंकवादी घटनाएं हुईं, जिनमें 57 लोगों की मौत हुई और 84 लोग घायल हुए। इनमें से 26 हमले बीएलए द्वारा किए गए और उन्होंने सुरक्षा बलों, गैर-बलोच लोगों (मुख्य रूप से पंजाबी) और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट्स को निशाना बनाया। पीआईपीएस ने कहा कि बीएलए लगातार आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहा है और धमाके करने के लिए महिला आत्मघाती हमलावरों का भी इस्तेमाल कर रहा है।