लाइटहाउस जर्नलिज्म को एक वीडियो मिला जिसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा था। इस वीडियो में मंदिर के पुजारी और उनके बीच हो रही लड़ाई दिखाई दे रही थी।
वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा था कि पुजारी मंदिर की दान पेटी से मिलने वाले पैसों के हिस्से को लेकर लड़ रहे थे।
जांच के दौरान हमने पाया कि वायरल हो रहा यह दावा भ्रामक है। यह वीडियो मिर्जापुर के विंध्याचल मंदिर का है, जहाँ ‘वीआईपी दर्शन’ (VIP Darshan) को लेकर विवाद हुआ था।
क्या है दावा?
‘Satyadarshan’ नामक एक X यूजर ने अपनी प्रोफाइल पर यह वीडियो और वायरल दावा साझा किया था।
अन्य यूजर भी इसी तरह के दावों के साथ X और इंस्टाग्राम पर इस वीडियो को साझा कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने वीडियो से प्राप्त की-फ्रेम्स (key-frames) पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की। इससे हमें 8 जुलाई को ‘JMD NEWS‘ के इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट की गई एक पोस्ट मिली। इसके कैप्शन में लिखा था: “मिर्जापुर न्यूज: मिर्जापुर के विंध्याचल मंदिर में पुजारी के साथ मारपीट, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल।”

हमें यही वीडियो ‘Bharat Samachar TV‘ के फेसबुक हैंडल और ‘Uttar Pradesh Kesari’ के इंस्टाग्राम हैंडल पर भी मिला।

हमें bhaskar.com पर भी इस घटना के बारे में एक रिपोर्ट मिली:
रिपोर्ट के अनुसार: मिर्जापुर में मां विंध्याचल मंदिर के गर्भगृह में पंडों ने पुजारी पर हमला किया। मां के श्रृंगार के दौरान 6-7 लोगों ने मुख्य पुजारी से धक्का-मुक्की की। उनके बेटे को कई थप्पड़ मारे। इस दौरान एक पुलिसकर्मी बीच-बचाव करता रहा। एसपी सिटी नीतेश कुमार सिंह ने कहा- श्रद्धालुओं को VIP दर्शन कराने के नाम पर पैसे लेकर मंदिर में जबरन प्रवेश कराया जा रहा था। मंदिर के पुजारी और उनके बेटे ने आपत्ति जताई। इस पर मंदिर के पंडा समाज के तीर्थ पुरोहितों ने उनको गर्भगृह में घुसकर पीटना शुरू कर दिया।
गाली-गलौज की और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी। सोने की चेन और चांदी जड़ी रुद्राक्ष की माला भी छीन ली। मारपीट का वीडियो भी सामने आया है। पुजारी की शिकायत पर पुलिस ने 3 नामजद और एक अज्ञात आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुख्य आरोपी अमित पांडेय के खिलाफ SI पर हमले समेत 25 मामले दर्ज हैं।
निष्कर्ष: मिर्जापुर के विंध्याचल मंदिर का यह वायरल वीडियो पुराना (जुलाई का) है, जो अब भ्रामक दावों के साथ फिर से सामने आया है। मूल विवाद ‘वीआईपी दर्शन’ के नाम पर पैसे लेकर प्रवेश देने को लेकर हुआ था। वायरल दावा पूरी तरह भ्रामक है; पुजारियों के बीच दान पेटी के पैसों के बंटवारे को लेकर कोई लड़ाई नहीं हुई थी।
