सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान बड़ा दिलचस्प वाकया सामने आया। सुप्रीम कोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) के मार्क्स में कट ऑफ की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी।
एआईबीई की परीक्षा बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया के द्वारा एलएलबी की डिग्री ले चुके लॉ ग्रेजुएट्स के लिए कराई जाती है। परीक्षा इस बात को सुनिश्चित करती है कि लॉ ग्रेजुएट्स को भारत में वकालत करने के लिए जरूरी कानून के नियमों की समझ हो।
कट ऑफ कम करने की याचिका पर सुनवाई के दौरान चंद्रचूड़ ने इस बात को महसूस किया कि अगर एआईबीई की परीक्षा में कट ऑफ को कम कर दिया जाता है तो बार को इससे अच्छे वकील मिलने में मुश्किल आएगी।
सीजेआई ने कहा कि एआईबीई की परीक्षाओं में पहले से ही सामान्य वर्ग के लिए कट ऑफ 45 और एससी-एसटी के लिए 40 है। अगर कोई इतने अंक भी नहीं ला सकता तो वह किस तरह का वकील बनेगा और आप कह रहे हैं कि इसे 40 से घटकर 35 कर दिया जाना चाहिए।
सीजेआई ने याचिका को खारिज करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज में याचिकाकर्ता से कहा कि- पढ़ो भाई।
इस साल मई में एक आरटीआई के हवाले से जानकारी मिली थी कि एआईबीई की पिछले साल हुई परीक्षाओं में 50% से ज्यादा उम्मीदवार फेल हो गए थे। शिबू बाबू नाम के शख्स की ओर से यह आरटीआई लगाई गई थी और इससे जानकारी मिली थी कि एआईबीई की परीक्षा के लिए कुल 1,48,781 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 74,368 छात्र फेल हो गए और 4,700 से अधिक गैर हाजिर रहे।


NEET UG मामले में 11 जुलाई को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG मामले में सुनवाई करते हुए सोमवार को कहा था कि इस परीक्षा में पेपर लीक हुआ है और इसे खारिज नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा था कि वह जानना चाहती है कि पेपर लीक से कितने लोगों को फायदा हुआ है और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।
सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करने के बाद सुनवाई की अगली तारीख 11 जुलाई तय की है। शीर्ष अदालत में कई छात्रों और कोचिंग संस्थानों की ओर से NEET UG के नतीजों के खिलाफ याचिका दायर की गई है। अदालत में दायर याचिकाओं में मांग की गई थी कि 5 मई को हुई NEET UG परीक्षा को रद्द कर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, एनटीए और सीबीआई से कहा था कि वे 10 जुलाई शाम 5 बजे तक अपना हलफनामा दाखिल करें और इसे याचिकाकर्ताओं के साथ भी साझा करें।
अदालत में इससे पहले हुई सुनवाइयों के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि NEET UG 2024 की परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से लाखों ईमानदार उम्मीदवारों के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाएगी और ऐसा करना ठीक नहीं होगा।
NEET UG की परीक्षाओं को लेकर चल रहे जबरदस्त घमासान के बीच भारत सरकार ने पिछले महीने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को इसके महानिदेशक पद से हटा दिया था और रिटायर्ड आईएएस प्रदीप सिंह खरोला को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी थी।