सुप्रीम कोर्ट में आज (11 जुलाई) चीफ जस्‍ट‍िस डी.वाई. चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अदालत में कुछ ऐसा हुआ क‍ि उनके प‍िता जस्‍ट‍िस वाई.वी. चंद्रचूड़ का ज‍िक्र छ‍िड़ गया। 

सॉल‍िस‍िटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) को ज‍िरह करनी थी, लेक‍िन वह मौजूद नहीं थे। उनके जून‍ियर अव‍िनाश अग्रवाल ने ज‍िरह शुरू की। इस बीच मेहता क‍िसी दूसरी कोर्ट से आ गए, लेक‍िन सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा क‍ि एसजी मेहता, आप अपने जून‍ियर को ही ज‍िरह करने दीज‍िए। सीजेआई और वकील अव‍िनाश के बीच कुछ सवाल-जवाब हुए।

इसके बाद सीजेआई दूसरे मामले की सुनवाई करने लगे। तीन-चार केस सुन ल‍िए जाने के बाद सीन‍ियर वकील राजू रामचंद्रन की बारी आई। वह क‍िसी मामले में अपने मुवक्‍क‍िल की ओर से पेश हुए। उन्‍होंने अपनी ज‍िरह के अंत में अव‍िनाश अग्रवाल वाले वाकये का ज‍िक्र क‍िया।

एडवोकेट रामचंद्रन ने कहा- माई लॉर्डश‍िप, आज जो आपने एक जून‍ियर वकील का हौंसला बढ़ाया, वह देख कर मुझे 48 साल पुराना वाकया याद आ गया। तब बेंच में जस्‍ट‍िस वाई.वी. चंद्रचूड़ (सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ के प‍िता) थे और मुझे वकालत करते केवल दो महीने हुए थे। मैं अदालत में पेश हुआ था। मैं पूरी तरह नर्वस था। जस्‍ट‍िस चंद्रचूड़ ने अपीयरेंस स्‍ल‍िप पर नजर डाली और कहा- तो हां, रामचंद्रन जी…। उनके मुंह से यह सुनते ही मुझे जबरदस्‍त आत्‍मव‍िश्‍वास म‍िला था और मैंने एक मामूली केस में पांच-दस म‍िनट तक बहस कर डाली थी। 

सीजेआई ने वर‍िष्‍ठ वकील रामचंद्रन से यह वाकया सुन कर बस इतना कहा- शुक्र‍िया।

भारत के 16वें सीजेआई थे जस्‍ट‍िस वाईवी चंद्रचूड़, सबसे लंबे समय तक रहे थे चीफ जस्‍ट‍िस

बता दें क‍ि मुख्य न्यायाधीश (CJI) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) भारत के 50वें सीजेआई हैं और उनके पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ (YV Chandrachud) सुप्रीम कोर्ट के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे। वह करीब 13 साल सीजेआई रहे थे। वाईवी चंद्रचूड़ के नाम सबसे लंबे समय तक CJI रहने का रिकॉर्ड भी है। वह 22 फरवरी, 1978 को CJI बने और 11 जुलाई, 1985 को सेवानिवृत्त हुए थे।

जस्‍ट‍िस वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे और मौजूदा सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ 2022 से इस पद पर हैं। सुप्रीम कोर्ट में उनकी न‍ियुक्‍त‍ि 2016 में हुई थी। सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ के बेटे अभ‍िनव चंद्रचूड़ भी कानून के पेशे में ही हैं। वह मुंबई में बड़े वकील हैं और कई क‍िताबें भी ल‍िख चुके हैं।

सीजेआई रहते हुए भी सुबह की चाय खुद बनाते थे जस्‍ट‍िस चंद्रचूड़

राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के पूर्व निदेशक और प्रोफेसर एमेरिटस डॉ. बलराम के. गुप्ता के मुताबिक, “पूर्व सीजेआई जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के परिवार में परंपरा थी कि सुबह की चाय परिवार का मुखिया बनाता था। सीजेआई रहते हुए भी जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ ऐसा करते थे। आश्चर्य होता है आज भी वही परंपरा जारी रखी गई है।”

जस्‍ट‍िस वाई.वी. चंद्रचूड़ की पत्‍नी को चलने में द‍िक्‍कत होती थी। बेटे डी.वाई. चंद्रचूड़ ने एक बार प‍िता से पूछा कि मां के लिए एक छड़ी क्यों नहीं ला देते, तो वाईवी चंद्रचूड़ ने जवाब दिया था- जब तक उसके पास मेरा हाथ और मेरा कंधा है, उसे छड़ी की जरूरत नहीं है।

पढ़ो भाई…कहते हुए याच‍िका कर दी खार‍िज

CJI Chandrachud
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़। (Source-PTI)

सीजेआई चंद्रचूड़ हमेशा चाहते हैं क‍ि न्‍यायपाल‍िका में प्रत‍िभाशाली वकील व जज आगे आएं। हाल ही में उन्‍होंने वकालत शुरू करने वालों के ल‍िए ली जाने वाली परीक्षा में कट ऑफ मार्क्‍स कम करने की याच‍िका खार‍िज की थी और कहा था क‍ि अगर कोई इतना भी मार्क्‍स नहीं ला पाता तो वह अच्‍छा वकील कैसे बन सकता है! उन्‍होंने ‘पढ़ो भाई!’ कहते हुए याच‍िका खार‍िज कर दी थी।