सुप्रीम कोर्ट ने लॉ क्लर्क (Law Clerk) की नियुक्ति के लिए एक खास योजना तैयार की है। अब इसी योजना के जरिये उच्चतम न्यायालय में लॉ क्लर्क (जजों के असिस्टेंट) की नियुक्ति होगी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने बताया है कि किस तरीके से वह पिछले साल पूरी गर्मी के दौरान खास दस्तावेज तैयार कर रहे थे। ताकि सुप्रीम कोर्ट में खुले और पारदर्शी तरीके से लॉ क्लर्क की नियुक्ति हो सके।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के एक कार्यक्रम में CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं हमेशा से चाहता था कि सुप्रीम कोर्ट में लॉ क्लर्क की नियुक्ति ओपन और पारदर्शी तरीके से हो। क्योंकि जब हम लॉ क्लर्क की नियुक्ति करते हैं तो सिर्फ जजों का सहयोगी नहीं नियुक्त कर रहे होते, बल्कि भविष्य के लॉयर्स को भी ट्रेनिंग दे रहे होते हैं। और बार के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है।
क्यों तैयार करनी पड़ी खास योजना?
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना है कि सुप्रीम कोर्ट में देश के तमाम हिस्सों से लॉ क्लर्क नियुक्त हों। सिर्फ ऐसे लोग लॉ क्लर्क ना बन जाएं, जिनके अच्छे ताल्लुकात हैं, जो किसी के रिकमेंडेशन से आ गए, वकील या वकीलों के बच्चे या रसूखदार लोग। मैं चाहत था कि ऐसे नौजवान लॉ क्लर्क बनें, जिनका कोई संपर्क ना हो। ना ही कोई लीगल बैकग्राउंड हो। वे एक प्रक्रिया के तहत आएं और अप्लाई करें।
CJI ने दिया अपना उदाहरण
सीजेआई ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि मैं आप सब को बताना चाहता हूं कि मेरे लॉ क्लर्क ऐसे बैकग्राउंड से आते हैं, जिनका न तो कोई संपर्क है और ना ही कोई लीगल बैकग्राउंड है। लेकिन वह बहुत शानदार काम कर रहे हैं।
किसने तैयार किया खाका?
जस्टिस चंद्रचूड़ ने बताया कि मैंने सुप्रीम कोर्ट में अपने सबसे वरिष्ठ सहयोगी जस्टिस संजय किशन कौल की अगुवाई में एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने उस दस्तावेज के आधार पर एक वाइट पेपर तैयार, जिसे मैंने पिछली पूरी गर्मियों के दौरान तैयार किया था। अब हमारे पास लॉ क्लर्क की नियुक्ति के लिए एक नई योजना है और मई में परीक्षा भी होने जा रही है।
क्या है नई स्कीम?
लॉ क्लर्क (Supreme Court Law Clerk Scheme) की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो योजना तैयार की है, उसके तहत बाकायदा परीक्षा आयोजित की जाएगी। सीजेआई ने बताया कि परीक्षा मई में प्रस्तावित है और यह एनालिटिकल स्किल्स पर बेस्ड होगी। परीक्षा के दो भाग होंगे। पहला मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन के 300 अंकों का पेपर होगा और दूसरा अभ्यर्थियों को एक मॉक जजमेंट का ब्रीफ तैयार करना होगा। साथ ही एक रिसर्च पेपर तैयार करना होगा। इसके लिए साढ़े तीन घंटे मिलेंगे। इन दोनों का उत्तर 750 शब्दों से ज्यादा नहीं होना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य अभ्यर्थियों का एनालिटिकल स्किल्स चेक करना है।
क्या होता है लॉ क्लर्क का काम?
सुप्रीम कोर्ट में प्रत्येक जज के लॉ क्लर्क होते हैं। इन्हें एक तरीके से जज का असिस्टेंट भी कहा जाता है। इनकी नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट असाइनमेंट बेस्ड होती है। लॉ क्लर्क, केस की ब्रीफिंग, नोटिंग से लेकर रिसर्च और स्पीच तैयार करने में मदद करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट प्रशासन के मुताबिक प्रत्येक जज अधिकतम 4 लॉ क्लर्क रखने के लिए अधिकृत हैं। दो क्लर्क की नियुक्ति अनिवार्य तौर पर सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सिलेक्शन प्रोसेस के जरिए होना चाहिए। यदि कोई जज चाहता है तो चारों क्लर्क की नियुक्ति रजिस्ट्री के जरिए हो सकती है। काम का दबाव ज्यादा होने पर एक अतिरिक्त यानी 5 लॉ क्लर्क की नियुक्ति हो सकती है।
साथ ये शर्तें भी
सुप्रीम कोर्ट ने जो स्कीम तैयार की है, उसके मुताबिक कोई लॉ क्लर्क और असाइनमेंट या काम नहीं कर सकता है। ना ही उच्चतम न्यायालय में काम के दौरान, बतौर एडवोकेट प्रैक्टिस कर सकता है।
कौन कर सकता है लॉ क्लर्क के लिए अप्लाई?
ऐसे अभ्यर्थी जो 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स में पढ़े रहे हैं और तो पांचवें साल में हैं, तो लॉ क्लर्क स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसी तरह अगर कोई अभ्यर्थी 3 वर्षीय लॉ कोर्स का छात्र है तो तीसरे साल अप्लाई कर सकता है। 30 अप्रैल 2023 को अभ्यर्थी की उम्र न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 30 साल होनी चाहिए।
लॉ क्लर्क को कितना मिलेगा वेतन?
सुप्रीम कोर्ट ने लॉ क्लर्क का वेतन (Law Clerk Salary) भी निर्धारित कर दिया है। प्रत्येक लॉ क्लर्क को 80000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा। यदि 12 महीने के बाद एक्सटेंशन मिलता है तो वेतन 90000 हजार रुपये प्रति माह हो जा जाएगा।