बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस पिछले कुछ समय से ईडी (Enforcement Directorate) की रडार पर हैं। 200 करोड़ रुपये की जालसाजी के मामले में उनसे आए दिन पूछताछ की जा रही है। हाल में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (Economic offences wing) ने उनसे घंटों पूछताछ की है।
जैकलीन पर आरोप है कि उन्होंने ठगी के पैसों से महंगा गिफ्ट लिया है। जिस व्यक्ति पर ठगी का आरोप है उसे अब सीरियल कॉनमैन कहा जाने लगा है। बालिग होने से पहले ही ठगी और धोखाधड़ी में पारंगत हो चुके इस कॉनमैन ने 17 साल की उम्र में कर्नाटक के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर के हस्ताक्षर वाला एक जाली पत्र तैयार किया था, जिसके मुताबिक लड़के को पूरे कर्नाटक में कहीं भी कार और बाइक चलाने की अनुमति थी।
इसके बाद से वह कभी पूर्व मुख्यमंत्री का बेटा बनकर, कभी सीबीआई अधिकारी बनकर, कभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बनकर, कभी प्रधानमंत्री कार्यालय का अधिकारी बनकर और कभी केंद्रीय गृह मंत्रालय जैसे हाई प्रोफाइल मंत्रालयों का अधिकारी बनकर और यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनकर भी ठगी कर चुका है।
इस शातिर ठग का नाम है- सुकेश चंद्रशेखर। साल 2017 में सुकेश को AIADMK के पूर्व बागी टी.टी.वी. दिनाकरण से पैसा लेकर चुनाव आयोग के अधिकारी को रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इससे भी दिलचस्प बात ये है कि गिरफ्तारी के बाद जेल में रहते हुए सुकेश ने अपनी सबसे बड़ी 200 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया।
फिलहाल सुकेश दिल्ली की जेल में बंद है। उस पर करीब 30 प्राथमिकी दर्ज है। सुकेश ने बहुत कम समय में जैकलीन फर्नांडिस, नोरा फतेही समेत कई बॉलीवुड एक्ट्रेस और मशहूर हस्तियों को अपने साथ किसी न किसी तरह जोड़ा, जिसके बाद से अब सभी से पूछताछ जारी है।
कौन है सुकेश चंद्रशेखर?
तमिलनाडु के मदुरै निवासी सुकेश चंद्रशेखर के पिता का नाम विजयन चंद्रशेखर है। मां का नाम माला है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिता रबड़ के ठेकेदार थे। कभी-कभी मैकेनिक का काम भी कर लिया करते थे। मां हाउस वाइफ थीं। मां-बाप अपने इकलौते बेटे सुकेश को शिक्षित बनाना चाहते थे। लेकिन बेटा बचपन से ही अमीरों की जिंदगी जीना चाहता था। सुकेश के बड़े होने पर मां-बाप को भी उसके के साथ तीन बार जेल जाना पड़ चुका है।
17 साल की उम्र में पहली बार हुई जेल
2007 की बात है। तब सुकेश उर्फ बालाजी उर्फ शेखर रेड्डी की उम्र 17 साल थी। सुकेश ने JD(S) नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे साथ दोस्ती का दावा कर 76 साल के सुब्रमणि को 1.14 करोड़ रुपये का चूना लगाया था। सुकेश ने वादा किया था कि वह बैंगलोर विकास प्राधिकरण के कब्जे में गए जमीन को वापस दिलवा देगा। बैंगलोर पुलिस ने इस मामले में अगस्त 2007 में सुकेश को गिरफ्तार किया था।
सुकेश को किशोरावस्था से जानने वाले एक व्यक्ति ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ”एक बार, दक्षिण बैंगलोर के एक कॉफी शॉप में मैंने उसे किसी को यह कहते हुए सुना कि वह स्कूल में एडमिशन दिलवा सकता है क्योंकि वह स्कूल के मालिक का बेटा। यह सुनकर मैं चौक गया क्योंकि मेरी मां स्कूल चलाती थीं।”
सुकेश कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा का सचिव बनकर भी धोखाधड़ी कर चुका है। उसने सचिव बनकर दर्जनों व्यापारियों से कथित तौर पर वादा किया था कि अगर वह पैसा (रिश्वत) देंगे तो उन्हें सरकारी ठेका मिलेगा। अप्रैल 2011 में इस मामले में सुकेश को पकड़ने वाली एक टीम को बेंगलुरु के पूर्व पुलिस उपायुक्त डी देवराज ने लीड किया था। वह बताते हैं कि सुकेश ने स्कूल के दिनों से ही हाई-एंड कारों और हाई फाई जीवन का सपना देख लिया था।
शशिकला और उनके भतीजे को दो पत्ती का वादा!
मामला 2017 का था। जयललिता की मौत के बाद AIDMK में फूट की चर्चा थी। शशिकला और उनके भतीजे टी.टी.वी. दिनाकरण का गुट कथित तौर पर AIDMK को हथियाना चाहता था। सुकेश ने इस गुट को कथित तौर पर आश्वासन दिया कि वह चेन्नई में आर के नगर उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग के अधिकारियों को प्रभावित कर, पार्टी का चिन्ह ‘दो पत्ती’ उन्हें दिला देगा। इस मामले में दिल्ली के एक होटल से दिल्ली पुलिस ने सुकेश को चुनाव आयोग के अधिकारियों को घूस देने की कोशिश करते पकड़ा। सुकेश को तिहाड़ भेजा गया।
कथित तौर पर 50 करोड़ रुपये के रिश्वत सौदे की जांच के दौरान नवंबर 2017 में आयकर अधिकारियों ने बीएमडब्ल्यू, जगुआर, लेम्बोर्गिनी समेत आठ लग्जरी कारें जब्त कीं। सभी कारें आज भी आईटी विभाग के कर्नाटक विंग के परिसर में पड़ी हैं।
सुकेश कथित तौर पर द्रमुक (DMK) प्रमुख एम करुणानिधि के पोते के रूप में, पूर्व केंद्रीय मंत्री एम के अलागिरी के दामाद के रूप में और पूर्व केंद्रीय मंत्री टी आर बालू जैसे कई राजनीतिक नेताओं और नौकरशाहों के बेटे के रूप में लोगों से ठगी कर चुका है।