हरियाणा में जाट लैंड कही जाने वाली सोनीपत लोकसभा सीट पर इस बार राज्य के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों बीजेपी और कांग्रेस ने जाट नेताओं को चुनाव मैदान में नहीं उतारा। यह हालात तब हैं जब इस लोकसभा सीट पर 35 प्रतिशत जाट मतदाता हैं और यहां अब तक हुए 12 लोकसभा चुनावों में 9 बार जाट नेता ही लोकसभा का चुनाव जीते हैं।
पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल भी सोनीपत सीट से चुनाव जीत चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां बड़ा झटका तब लगा था जब उसके हैवीवेट नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इस सीट से डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे। हुड्डा को बीजेपी उम्मीदवार रमेश चंद्र कौशिक ने हराया था। कौशिक यहां से 2014 में भी चुनाव जीते थे।
इस बार बीजेपी ने कौशिक का टिकट काट दिया और उनकी जगह पर सोनीपत की राई विधानसभा सीट से विधायक मोहनलाल बडोली को टिकट दिया है। बडोली हरियाणा बीजेपी के महामंत्री भी हैं। सोनीपत से कांग्रेस के उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी हैं।

Haryana BJP: बीजेपी-कांग्रेस ने उतारे ब्राह्मण उम्मीदवार
जाट मतदाताओं के वर्चस्व वाली इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही ब्राह्मण उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। हालांकि इनेलो, जेजेपी और बीएसपी ने यहां से जाट उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
इनेलो ने पूर्व आईपीएस अफसर अनूप दहिया, जेजेपी ने भूपेंद्र मलिक और बीएसपी ने उमेश गहलावत को टिकट दिया है। लेकिन यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है और दोनों ने ही जाट नेताओं को उम्मीदवार बनाना मुनासिब नहीं समझा।
Sonipat Lok Sabha Seat: कौन-कौन जीता सोनीपत से
1996, 2014 और 2019 के अलावा हमेशा से ही सोनीपत में जाट उम्मीदवार जीत हासिल करते आए हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में रमेश चंद्र कौशिक ने कांग्रेस के उम्मीदवार जगबीर सिंह मलिक को यहां मात दी थी। हालांकि उस चुनाव में मलिक के हारने की एक बड़ी वजह इनेलो के उम्मीदवार पदम सिंह दहिया के द्वारा जाट मतदाताओं के वोटों में सेंध लगाना थी।
| साल | सांसद का नाम |
| 1977 | मुख्तियार सिंह मलिक |
| 1980 | देवीलाल |
| 1984 | धर्मपाल सिंह मलिक |
| 1989 | कपिल देव शास्त्री |
| 1991 | धर्मपाल सिंह मलिक |
| 1996 | अरविन्द शर्मा |
| 1998 | किशन सिंह सांगवान |
| 1999 | किशन सिंह सांगवान |
| 2004 | किशन सिंह सांगवान |
| 2009 | जितेंद्र सिंह मलिक |
| 2014 | रमेश चंद्र कौशिक |
| 2019 | रमेश चंद्र कौशिक |
Sonipat Caste Equation: 5.5 लाख से अधिक जाट मतदाता
सोनीपत सीट के जातीय समीकरणों की बात करें तो यहां 15 लाख मतदाता हैं। जिसमें से 5.5 लाख से अधिक जाट, 1.9 लाख ब्राह्मण, 1.1 लाख पंजाबी और लगभग 80,000 मतदाता बनिया समुदाय से हैं।
Congress Satpal Brahmachari: हुड्डा की पसंद का रखा ध्यान
सोनीपत लोकसभा सीट को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ माना जाता है। भले ही हुड्डा पिछला चुनाव यहां से हार गए हों लेकिन इस बार भी सोनीपत से टिकट देने में कांग्रेस हाईकमान ने उनकी पसंद का ख्याल रखा है। कांग्रेस ने यहां से हरिद्वार में राजनीति करने वाले सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया है। सतपाल ब्रह्मचारी हरिद्वार नगर पालिका के अध्यक्ष रहे हैं और वहां दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन वह मूल रूप से हरियाणा के ही रहने वाले हैं।

सोनीपत लोकसभा सीट में गन्नौर, राई, खरखौदा(एससी), सोनीपत, गोहाना, बरोदा, जुलाना, सफीदों और जींद विधानसभा सीट आती है। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में इनमें से 5 सीटों पर कांग्रेस, 3 सीटों पर बीजेपी और एक सीट पर जेजेपी को जीत मिली थी।
जाट और ब्राह्मण मतदाताओं से है उम्मीद
कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पैरवी पर ही सतपाल ब्रह्मचारी को टिकट दिया है इसलिए यहां ब्रह्मचारी को जिताने की जिम्मेदारी हुड्डा के कंधों पर है। हुड्डा ने भी ब्रह्मचारी को जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। हुड्डा का कहना है कि सतपाल ब्रह्मचारी सोनीपत की सीट से बड़ी चुनावी जीत हासिल करेंगे। सतपाल ब्रह्मचारी ने हुड्डा को अपना जजमान बताया है। कांग्रेस की कोशिश यहां पर जाट और ब्राह्मण मतदाताओं को गोलबंद करने की है। हुड्डा इस सीट पर जीत हासिल करके 2019 में उन्हें मिली हार का बदला लेना चाहते हैं।
Haryana Non Jat Politics: गैर जाट फॉमूले पर आगे बढ़ रही बीजेपी
हरियाणा में बीजेपी अपने गैर जाट फॉर्मूले की राजनीति पर आगे बढ़ रही है। पार्टी ने 2014 में सरकार बनने पर गैर जाट नेता मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया था। इस साल मार्च में जब खट्टर को हटाया गया तो नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी गई।
चूंकि हरियाणा में जाट मतदाताओं की संख्या 22 से 25 प्रतिशत है इसलिए बीजेपी ने जाट मतदाताओं की अहमियत को देखते हुए ओमप्रकाश धनखड़ को राष्ट्रीय सचिव बनाया है और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को राज्यसभा भेजा है। 2019 के विधानसभा चुनाव में 90 सीटों वाले हरियाणा में बीजेपी ने 20, कांग्रेस ने 27 और जेजेपी ने 34 जाट उम्मीदवारों को टिकट दिया था।

