गौतम अडानी का परचम एक समय सारी दुनिया में लहरा रहा था। वो हर तरह से अर्श पर दिख रहे थे। अलबत्ता हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद उनके लिए सब कुछ ठीक नहीं रहा। एक के बाद एक करके तमाम इन्क्वायरी खुलती जा रही हैं। उनके खिलाफ चल रहे 388 करोड़ रुपये फ्रॉड मामले में भी जांच को फिर से खुलवाने के लिए स्पेशल फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस ने बांबे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
हालांकि स्पेशल फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस ने बांबे हाईकोर्ट में गौतम अडानी के खिलाफ चल रहे केस में स्टे हटवाने के लिए अपील की तो जस्टिस आरजी अवचत ने उनके वकील से हल्के अंदाज में कहा कि साल भर से आपका कोई अता पता नहीं था। अचानक गौतम अडानी के खिलाफ हवा बिगड़ी तो बाहर का माहौल देखकर आप भी उनके पीछे लग लिए। जज का कहना था कि अभी वो क्यों जाग रहे हैं। बाहर के माहौल की वजह से?
2012 में फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस ने दायर की थी चार्जशीट
स्पेशल फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस ने 2012 में गौतम अडानी समेत 12 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इसमें आरोप है कि केतन पारेख नाम के शख्स को गौतम अडानी ने फंड मुहैया कराया था। इस पैसे से गैरकानूनी गतिविधि चलाई जानी थीं। मई 2014 में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अडानी और दूसरे आरोपियों को बरी कर दिया था। हालांकि 27 नवंबर 2019 में सेशन कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के फैसले को खारिज कर दिया। सेशन कोर्ट ने माना कि फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस ने जो केस तैयार किया है उसमें केतन पारेख को 388 और 151 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया।
गौतम अडानी की तरफ से बांबे हाईकोर्ट में दी गई थी चुनौती
गौतम अडानी की तरफ से बांबे हाईकोर्ट में सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की गई। उसमें कहा गया कि सेशन कोर्ट का फैसला सरासर गलत है। उनकी तरफ से कहा गया था कि जो आरोप याचिका में लगाए गए हैं वो सरासर गलत हैं। ये इमेज खराब करने के लिए लगाए गए हैं। याचिका में कहा गया कि सेशन कोर्ट के फैसले को खारिज करके उन्हें राहत दी जाए।
बांबे हाईकोर्ट ने गौतम अडानी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिसंबर 2019 में सेशन कोर्ट के आदेश पर अगली तारीख यानि 13 जनवरी 2020 तक स्टे लगा दिया था। गौतम अडानी को दी गई राहत फरवरी 2022 तक बढ़ा दी गई थी। लेकिन फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस ने उसके बाद हाईकोर्ट में कोई अपील दायर करके स्टे को हटवाने की कोशिश नहीं की। उनकी तरफ से जो अपील दायर की गई वो तकरीबन 1साल बाद आई है।