हरियाणा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए एक बड़ी मुश्किल टिकट बंटवारे में इसलिए खड़ी हो सकती है क्योंकि राज्य में बीजेपी के तीन दिग्गज नेता अपने बच्चों के लिए टिकट चाहते हैं।

अगर बीजेपी इन नेताओं के बच्चों को टिकट देने से इनकार करती है तो उसे दिग्गजों की नाराजगी झेलनी होगी और इसका उसे खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। लेकिन अगर वह इन्हें टिकट दे देती है तो उस पर परिवारवादी राजनीति करने का आरोप लगेगा और उसे इसे लेकर उठने वाले सवालों का जवाब देना होगा।

याद दिलाना होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 10 साल से लगातार कांग्रेस और कई विपक्षी दलों को परिवारवाद के नाम पर घेरते आ रहे हैं। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस, सपा, राजद, डीएमके जैसे बड़े विपक्षी दल परिवारवाद की राजनीति का उदाहरण हैं। लेकिन बीजेपी कई राज्यों मे अपने बड़े नेताओं के बच्चों को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार चुकी है। यहां तक कि उन्हें राज्य और केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाती रही है।

Kiran Choudhry arti singh rao
किरण चौधरी और आरती सिंह राव। (Source-FB)

बीजेपी विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के लिए इन दिनों सर्वे करा रही है और माना जा रहा है कि सर्वे की राय को वह अहमियत देगी। लेकिन इन नेताओं को वह बिलकुल नाराज नहीं करेगी।

कौन से नेता चाहते हैं बच्चों के लिए टिकट?

हरियाणा में बीजेपी के जो दिग्गज नेता अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट चाहते हैं उनमें सबसे पहला नाम राव इंद्रजीत सिंह का है। राव इंद्रजीत सिंह पांच बार सांसद रह चुके हैं और मोदी सरकार में मंत्री हैं। उनकी बेटी आरती राव अटेली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं।

दूसरा नाम है- फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर का। कृष्णपाल गुर्जर अपने बेटे देवेंद्र चौधरी को फरीदाबाद लोकसभा सीट के अंदर आने वाली तिगांव सीट से टिकट दिलाना चाहते हैं।

इसके बाद नंबर आता है भिवानी-महेंद्रगढ़ से दूसरी बार सांसद का चुनाव जीते चौधरी धर्मबीर सिंह का। चौधरी धर्मबीर सिंह अपने बेटे मोहित चौधरी के लिए तोशाम सीट से टिकट चाहते हैं।

Rao Inderjit Singh
अहीरवाल के दिग्गज नेता हैं राव इंद्रजीत सिंह। (Source-PTI)

राव इंद्रजीत सिंह ने दिखाए तेवर

इन तीनों नेताओं में राव इंद्रजीत सिंह अपनी बेटी के लिए काफी मुखर हैं। राव इंद्रजीत सिंह लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद कई बार यह खुलकर कह चुके हैं कि उनकी बेटी इस बार विधानसभा का चुनाव जरूर लड़ेगी।

राव इंद्रजीत सिंह 2014 और 2019 में भी आरती राव के लिए रेवाड़ी सीट से टिकट मांग रहे थे लेकिन तब बीजेपी ने परिवारवाद के आरोपों से बचने के लिए उनकी बेटी को टिकट नहीं दिया था। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह के तेवरों को देखते हुए साफ लगता है कि बीजेपी के लिए अहीरवाल के सबसे बड़े नेता कहे जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह को नजरअंदाज कर पाना बेहद मुश्किल होगा।

राव इंद्रजीत सिंह को मनाया था

भले ही बीजेपी ने 2019 के विधानसभा चुनाव में आरती राव को टिकट नहीं दिया हो लेकिन अहीरवाल इलाके की सीटों- रेवाड़ी, नारनौल, बावल, कोसली और अटेली में राव इंद्रजीत सिंह के समर्थकों को टिकट दिया गया था। इसके अलावा गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी राव नरबीर सिंह का टिकट पार्टी ने काट दिया था। ऐसा करके बीजेपी ने तब राव इंद्रजीत सिंह को मनाने की पूरी कोशिश की थी।

nayab singh saini
हरियाणा का विधानसभा चुनाव जीत पाएगी बीजेपी?(Source-FB)

तिगांव से बेटे के लिए टिकट चाहते हैं गुर्जर

फरीदाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने 2019 के विधानसभा चुनाव में भी अपने बेटे देवेंद्र चौधरी को तिगांव सीट से टिकट देने के लिए पूरा जोर लगाया था लेकिन तब पार्टी ने देवेंद्र को उम्मीदवार नहीं बनाया था।

कृष्णपाल गुर्जर हरियाणा में गुर्जर राजनीति के बड़े चेहरे हैं। वह तीन बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं और कई बार विधायक रहने के साथ ही हरियाणा में मंत्री भी रहे हैं।

गुर्जर समुदाय के बीच कृष्ण पाल गुर्जर का सियासी कद देखते हुए भाजपा शायद इस बार तिगांव सीट से देवेंद्र चौधरी को उम्मीदवार बना सकती है। लेकिन इसके लिए बीजेपी को राजेश नागर का टिकट काटना होगा। पिछली बार राजेश नागर ने लगभग 34 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। ऐसे में बीजेपी अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटेगी या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है।

Nayab singh Saini
नायब सिंह सैनी के कंधों पर बीजेपी को जीत दिलाने की बड़ी जिम्मेदारी है। (Source-NayabSainiOfficial)

तोशाम से किसे टिकट देगी बीजेपी?

भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से 2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले चौधरी धर्मबीर सिंह पिछली बार अपने बेटे मोहित चौधरी के लिए तोशाम से टिकट मांग रहे थे। लेकिन पार्टी ने शशि परमार को टिकट दिया था।

तब यहां से पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू और उस वक्त कांग्रेस में रहीं किरण चौधरी ने शशि परमार को 18000 वोटों के अंतर से हराया था। इस बार किरण चौधरी बीजेपी में शामिल हो गई हैं तो यहां से मोहित चौधरी को टिकट कैसे मिलेगा, यह एक बड़ा सवाल पार्टी के सामने है। जाट समुदाय से आने वाले चौधरी धर्मबीर सिंह बीजेपी के बड़े जाट चेहरों में से एक हैं।

किरण चौधरी यहां से अपनी बेटी श्रुति चौधरी के लिए टिकट मांग सकती हैं।

एक बात तय है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों में झटका खा चुकी बीजेपी विधानसभा चुनाव में इन दिग्गज नेताओं की नाराजगी मोल लेने का जोखिम कतई नहीं लेगी।

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हुआ नुकसान

राजनीतिक दलविधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीटलोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट
कांग्रेस 15131 05
बीजेपी 47740105

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का घटा

राजनीतिक दललोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में)लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में)
कांग्रेस 28.51 43.67
बीजेपी 58.2146.11 

बीजेपी देती रही है नेताओं के बच्चों को टिकट

दूसरों को परिवारवाद के नाम पर घेरने वाली बीजेपी इस मामले में बिलकुल भी पाक साफ नहीं है और वह जमकर पार्टी नेताओं के बेटे-बेटियों को टिकट देती रही है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह नोएडा से विधायक हैं। हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर हमीरपुर सीट से सांसद हैं और केंद्र में मंत्री रहे हैं। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत राजे सांसद हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत कल्याण सिंह के बेटे राजबीर सिंह एटा से सांसद हैं और पोते संदीप सिंह योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री हैं।

मोदी सरकार में मंत्री पीयूष गोयल के पिता वेदप्रकाश गोयल अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे थे और और उनकी मां मुंबई के माटुंगा से तीन बार विधायक रहीं।

इसके अलावा मोदी सरकार में निवर्तमान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता ठाकुर प्रसाद के बेटे हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली से सांसद रहे हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता रहे चरती लाल गोयल के बेटे विजय गोयल मोदी सरकार में मंत्री रहे हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष हैं।

इसके अलावा भी कई नेताओं के बच्चों को बीजेपी ने टिकट दिया है।