Jharkhand Assembly Election 2024 NDA Alliance: चुनावी समर के लिए तैयार हो चुके झारखंड में एनडीए ने सीटों का बंटवारा फाइनल कर लिया है। 81 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 68, आजसू 10, जेडीयू 2 और लोजपा (रामविलास) एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। बीते कई महीने से झारखंड में चुनाव लड़ने के लिए जेडीयू और लोजपा (रामविलास) भी तैयारी कर रहे थे लेकिन उन्हें काफी कम सीटें दी गई हैं।
झारखंड में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी। 23 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी।
शिवराज, सरमा को दी कमल खिलाने की जिम्मेदारी
झारखंड में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए विपक्षी दल बीजेपी ने पूरी ताकत लगाई हुई है। पार्टी ने बेहद अनुभवी और लंबे वक्त तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री और हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय हिमंता बिस्वा सरमा जैसे वरिष्ठ नेताओं को झारखंड चुनाव में कमल खिलाने का टास्क दिया है। झारखंड एनडीए में बीजेपी के अलावा ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू), बिहार की सरकार में भागीदार जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) शामिल हैं।
जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन में झामुमो, कांग्रेस, आरजेडी और वाम दल शामिल हैं।
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार मिलने की एक वजह यह भी मानी गई थी कि पार्टी ने आजसू से गठबंधन तोड़ दिया था लेकिन राजनीतिक मजबूरियों के चलते दोनों दल फिर से साथ आए हैं और 2024 का लोकसभा चुनाव भी उन्होंने मिलकर लड़ा।
2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को राज्य की 14 में से 8 सीटों पर जीत मिली और एक सीट पर आजसू जीती जबकि इंडिया गठबंधन ने 5 सीटों पर कब्जा जमाया।
झारखंड लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे (कुल सीटें-14)
| राजनीतिक दल | मिली सीटें |
| बीजेपी | 8 |
| कांग्रेस | 2 |
| झामुमो | 3 |
| आजसू | 1 |
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी का वोट शेयर गिरा, झामुमो और कांग्रेस का बढ़ा
| राजनीतिक दल | 2019 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में) | 2024 लोकसभा चुनाव में मिले वोट (प्रतिशत में) |
| बीजेपी | 50.96 | 44.60 |
| कांग्रेस | 15.63 | 19.19 |
| झामुमो | 11.51 | 14.60 |
सीट बंटवारे के साथ ही यह सवाल भी खड़ा हुआ है कि क्या नीतीश कुमार और चिराग पासवान सिर्फ 2 और 1 सीट लेकर खुश हैं? बताया जा रहा है कि बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि विधानसभा चुनाव में उसका लक्ष्य किसी भी कीमत पर हेमंत सोरेन की सरकार को सत्ता से हटाना है और इसलिए सीट बंटवारे के मामले में सभी को लचीला रुख अपनाना होगा।
आरक्षित लोकसभा सीटों पर मिली एनडीए को हार
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद झारखंड में बीजेपी के प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व ने सक्रियता बढ़ाई है क्योंकि राज्य में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी पांचों सीटों पर बीजेपी को हार मिली थी। ये सीटें- खूंटी, सिंहभूम, लोहरदगा, दुमका और राजमहल हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इसमें से सिर्फ 2 सीटों (राजमहल और सिंहभूम) पर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों को जीत मिली थी लेकिन इस बार उसने सभी पांचों सीटें जीत ली हैं।
लोकसभा चुनाव के नतीजों में और विशेषकर आदिवासी बेल्ट वाली सीटों पर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का असर दिखाई दिया था।
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीटें
| लोकसभा सीट का नाम | आने वाली विधानसभा सीटें |
| खूंटी | खरसावां (एसटी), तमाड़ (एसटी), तोरपा (एसटी), खूंटी (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलेबिरा (एसटी) |
| सिंहभूम | सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगनाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी) |
| लोहरदगा | मांडर (एसटी), सिसई (एसटी), गुमला (एसटी), बिशुनपुर (एसटी), लोहरदगा (एसटी) |
| दुमका | शिकारीपाड़ा (एसटी), नाला, जामताड़ा, दुमका (एसटी), जामा (एसटी), सारठ |
| राजमहल | बोरियो (एसटी), राजमहल, बरहेट (एसटी), लिट्टीपाड़ा (एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी) |
बीजेपी के ये बड़े आदिवासी नेता हारे
| नेता का नाम | किस सीट से हारे |
| अर्जुन मुंडा | खूंटी |
| सीता सोरेन | दुमका |
| गीता कोड़ा | सिंहभूम |
बीजेपी के लिए चिंता की बात यह भी है कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इन पांच लोकसभा सीटों में से चार सीटों पर उसकी हार का अंतर 1.2 लाख वोटों से ज्यादा का रहा है। केवल दुमका सीट पर वह 23 हजार वोटों से हारी है। बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव 1.39 लाख वोटों से लोहारदगा सीट से चुनाव हार गए। निश्चित रूप से यह पार्टी की बड़ी हार है। बीजेपी ने बड़े आदिवासी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को अपने साथ लाकर आदिवासी मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की है।
झारखंड में एससी-एसटी मतदाताओं के हाथ है सरकार की चाबी
झारखंड में 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 9 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में लगभग आधी सीटों पर एससी और एसटी मतदाता किसी भी पार्टी की सरकार बनाने में बेहद अहम साबित होते हैं। झारखंड में एसटी समुदाय की आबादी 26%, एससी समुदाय की आबादी करीब 12%है।
‘घुसपैठ’ और ‘डेमोग्राफिक चेंज’ को मुद्दा बना रही BJP
बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में आदिवासी इलाकों में कथित रूप से हो रही घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज को मुद्दा बनाया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपनी चुनावी जनसभाओं में कह चुके हैं कि झारखंड में आए घुसपैठिए नौकरियां और जमीन हड़पने के लिए आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं। झारखंड के गोड्डा से बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे भी इस मामले को लेकर काफी मुखर हैं।
बीजेपी आदिवासियों को अपने पक्ष में लाने के लिए इस बात का प्रचार कर रही है कि आदिवासी बहुल इलाके संथाल परगना में ‘मुस्लिम घुसपैठ’ के कारण उनकी जान को खतरा है और झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार घुसपैठियों को बढ़ावा दे रही है।
दूसरी ओर इंडिया गठबंधन भी अपनी सीटों के बंटवारे का ऐलान जल्द ही कर सकता है। जेल से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बीजेपी और एनडीए पर हमलावर हुए हैं। सोरेन ने बीजेपी पर उन्हें फंसाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
