रूस के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वहां के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है। मंगलवार को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ पीएम मोदी को दिया गया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद प्रधानमंत्री को यह सम्मान पहनाया। पीएम मोदी इस प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजे जाने वाले पहले भारतीय नेता हैं।

पीएम मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ सम्मान देने की घोषणा 2019 में की गई थी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को बढ़ावा देने में उनके योगदान के लिए क्रेमलिन के सेंट एंड्रयू हॉल में एक विशेष समारोह के दौरान पीएम मोदी को पुरस्कार प्रदान किया।

2019 में भारत में रूसी दूतावास ने घोषणा की थी, “12 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी को रूस और भारत के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी और रूसी और भारतीय लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में असाधारण सेवाओं के लिए ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया गया।” रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी 2019 में कहा था, “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू प्राप्त हुआ।”

यह पुरस्कार 300 साल पहले स्थापित किया गया था। ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल रूस का सर्वोच्च सम्मान है, जिसे 1699 के आसपास रूस के पहले सम्राट पीटर द ग्रेट द्वारा स्थापित किया गया था। इसे 1918 में रूसी क्रांति के बाद समाप्त कर दिया गया था और बाद में 1998 में रूस के राष्ट्रपति के एक कार्यकारी आदेश द्वारा इसे फिर से शुरू किया गया था।

ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल रूस का सर्वोच्च सम्मान है

यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देश की समृद्धि, शक्ति और गौरव में योगदान देने वाली असाधारण सेवाओं के लिए उत्कृष्ट राजनेताओं, सार्वजनिक हस्तियों, सैन्य नेप्रमुखों और विज्ञान, संस्कृति, कला और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के उत्कृष्ट प्रतिनिधियों और रूस के अन्य नागरिकों को प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, इसे रूसी संघ के लिए विशिष्ट योगदान देने वाले विदेशी राज्यों और सरकारों के प्रमुखों को भी दिया जा सकता है।

क्या-क्या मिलता है सेंट एंड्रयू द एपोस्टल के साथ

सेंट एंड्रयू द एपोस्टल के साथ एक बैज, एक स्टार और एक हल्का नीला रेशम मौयर रिबन शामिल है। युद्ध में विशिष्टता के लिए दिये जाने वाले लोगों के लिए बैज और स्टार को तलवारों से सजाया जाता है। ऑर्डर की चेन में 17 ऑल्टरनेटिंग लिंक और इसमें रूसी संघ के राज्य प्रतीक, दो सिर वाले ईगल की एक सोने की बनी इमेज शामिल है।

इस अवार्ड को सेंट एंड्रयू के नाम से दिया जाता है

इस अवार्ड को सेंट एंड्रयू के नाम से दिया जाता है, जिन्हें यीशु के 12 मूल अनुयायियों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाये जाने के बाद, अनुयायियों ने उनका संदेश फैलाने के लिए लंबी दूरी की यात्रा की थी। सेंट एंड्रयू ने रूस, ग्रीस और यूरोप और एशिया के अन्य स्थानों की यात्रा की और कॉन्स्टेंटिनोपल चर्च की स्थापना की, जिसके कारण बाद में रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च की स्थापना हुई। रूस में देश की लगभग 140 मिलियन की आबादी में से 90 मिलियन से अधिक लोग चर्च को फॉलो करते हैं।

सेंट एंड्रयू को रूस और स्कॉटलैंड का संरक्षक संत माना जाता है। स्कॉटलैंड के झंडे पर ‘X’ प्रतीक संत के प्रतीक से आता है, जिसे ‘सॉल्टायर’ कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि उन्हें इसी आकार के क्रूस पर लटकाया गया था।

इन विदेशी हस्तियों को मिल चुका है यह सम्मान

पीएम मोदी के साथ जिन ग्लोबल राजनीतिक हस्तियों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है उनमें अजरबैजान के पूर्व राष्ट्रपति हेदर अलीयेव, कजाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल हैं।

वहीं, पुरस्कार मिलने पर, प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत के लोगों और भारत और रूस के पारंपरिक संबंधों को समर्पित किया। उन्होंने कहा, “मुझे रूस के सर्वोच्च (नागरिक) पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए मैं आपका (राष्ट्रपति पुतिन) हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं। यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है, यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है।’’ उन्होंने कहा कि यह सम्मान दोनों देशों के बीच ‘‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’’ को उजागर करता है।