नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में राजनाथ सिंह को दूसरी बार रक्षा मंत्री का पद सौंपा गया है। रक्षा मंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल के दौरान राजनाथ की प्राथमिकताओं में सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की समीक्षा शामिल होगी। इसके अलावा चीन के साथ जारी गतिरोध और जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के अलावा कई सुधार और अन्य मुद्दे भी उनकी प्राथमिकताओं की लिस्ट में शामिल होंगे।

कई राजनीतिक दल, कुछ सहयोगी और विपक्ष योजना की समीक्षा की मांग कर रहे हैं, ऐसे में सरकार संभवतः इसे प्राथमिकता पर लेगी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सशस्त्र बलों से फीडबैक इकट्ठा करने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही थी और राजनाथ सिंह ने पहले भी कहा था कि जरूरत पड़ने पर योजना की समीक्षा की जाएगी। सेना की ओर से मिले फीडबैक और सिफारिशों के आधार पर अग्निपथ योजना में कुछ बदलाव होने की संभावना है।

अग्निवीर योजना के तहत 4 साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती

राजनाथ सिंह ने इससे पहले जून 2019 में रक्षा मंत्री का पद संभाला था। रक्षा मंत्री के रूप में राजनाथ के पहले कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए जून 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी। इसके तहत 17.5 से 21 वर्ष की आयु के पुरुष और महिला उम्मीदवारों को चार साल के लिए अधिकारी रैंक से नीचे के कैडर में भर्ती किया जाता है। योजना के तहत भर्ती किये गये लोगों को अग्निवीर कहा जाता है। भर्ती किए गए लोगों में से 25 प्रतिशत को 4 साल के बाद 15 सालों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है।

बीजेपी के गठबंधन सहयोगियों ने अग्निपथ योजना पर चिंता जताई

योजना की घोषणा के बाद देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, युवाओं के एक वर्ग ने इसका विरोध किया था। हालिया लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के तुरंत बाद बीजेपी के गठबंधन सहयोगियों ने अग्निपथ योजना के बारे में चिंता जताई है। विपक्ष ने भी इस योजना आलोचना की थी और चुनाव अभियान के दौरान इसे खत्म करने का वादा किया था। ऐसे में योजना से जुड़ी चिंताओं को दूर करना राजनाथ की प्राथमिकताओं में से एक होगा।

अग्निपथ योजना सफल है और रहेगी- राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि अग्निपथ योजना उपयोगी नहीं है। उन्होंने सरकार के रुख को दोहराया कि चार साल के भर्ती कार्यक्रम से युवा, रोजगार योग्य आबादी के एक बड़े हिस्से को लाभ होगा। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि अग्निपथ योजना सफल है और रहेगी। इस योजना को शुरू करने के पीछे एक कारण ज्यादा संख्या में युवाओं को सशस्त्र बलों में लाना है।”

राजनाथ ने कहा, ”अग्निवीरों को अनुशासित होने के लिए तैयार करना कोई अपराध नहीं है। मैं युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी को भी उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देंगे। एक अग्निवीर चार साल तक नए कौशल सीखेंगे और चार साल के अंत में उनके पास कुछ लाख रुपये होंगे।”

युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं- रक्षा मंत्री

इंटरव्यू के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा, “अगर उनमें से कोई नौकरी ढूंढना चाहता है तो वे नौकरी पा सकते हैं। अगर उनमें से कोई अर्धसैनिक बलों में प्रवेश करना चाहता है तो वे कर सकते हैं। अगर वे सेवाओं में प्रवेश करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से वे कर सकते हैं। हमने उनके लिए आरक्षण भी रखा है। यह है ऐसा नहीं है कि कोई भी उन्हें नजरअंदाज कर सकता है। निजी क्षेत्र भी अग्निवीरों को काम पर रखना चाहता है। हमारी सरकार किसी को भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देगी।”

अग्निपथ स्कीम की समीक्षा

इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक, सेनाअग्निपथ योजना पर एक आंतरिक सर्वे कर रही है, जिसके आधार पर योजना में संभावित बदलावों पर सरकार के लिए सिफारिशें तैयार करने की संभावना है । अधिकारियों के अनुसार, सेना सर्वे में अग्निवीरों, सेना के विभिन्न रेजिमेंट में भर्ती और प्रशिक्षण कर्मचारियों, यूनिट और सब-यूनिट कमांडरों (जिनके अधीन अग्निवीर काम करते हैं) सहित सभी हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि सभी के उत्तरों का मूल्यांकन किया जाएगा।

सर्वे में अग्निपथ योजना के लॉन्च से पहले भर्ती किए गए सैनिकों की तुलना में अग्निवीरों के तुलनात्मक प्रदर्शन, उनके बीच प्रतिस्पर्धा और अग्निवीरों में देखे गए सकारात्मक/नकारात्मक गुणों पर प्रतिक्रिया देनी होगी। इन विवरणों के आधार पर सेना अग्निवीरों की भागीदारी, अग्निवीरों को सेना में स्थायी पोस्ट के संदर्भ में अग्निपथ योजना में संभावित बदलाव का सुझाव देगी।

जेडीयू ने जताई अग्निपथ योजना की समीक्षा की इच्छा

केंद्र की एनडीए सरकार का हिस्सा बनी जेडीयू ने अग्निपथ योजना की समीक्षा की इच्छा जताई है। जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा, “अग्निपथ योजना को लेकर मतदाताओं में गुस्सा है। हमारी पार्टी चाहती है कि इस योजना पर सरकार में विस्तार से चर्चा की जाए ताकि इसकी खामियों को दूर किया जा सके।” इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए त्यागी ने कहा, “हमने वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा अपने चुनाव अभियान के दौरान कही गई बातों के आधार पर अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग की है।”

एनडीए के एक अन्य सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान ने भी एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में कहा, “प्रधानमंत्री ने कहा है कि मंच चर्चा के लिए खुला है। मेरा मानना है कि हमें इस बात पर चर्चा करनी चाहिए कि अग्निवीर के माध्यम से हम कितना कुछ कर सकते हैं क्योंकि यह हमारे देश के युवाओं से जुड़ा मामला है। समीक्षा की जानी चाहिए।”

अग्निपथ योजना पर बवाल

केंद्र सरकार के द्वारा जून 2022 में अग्निपथ भर्ती योजना लाई गई थी। इसके विरोध में कई राज्यों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन हिंसक प्रदर्शनों के बाद इसमें शामिल युवाओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर किए गए थे।

अग्निपथ के तहत अब तक इतनी भर्तियां

जानकारी के मुताबिक, सेना में 40,000 अग्निवीरों के दो बैचों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और पोस्टिंग पर हैं। 20,000 अग्निवीरों के तीसरे बैच का नवंबर 2023 में प्रशिक्षण शुरू किया गया। नौसेना में, 7,385 अग्निवीरों के तीन बैचों ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। भारतीय वायुसेना में 4,955 अग्निवीर वायु प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।

सूत्रों के मुताबिक, 2022 से 2026 के बीच करीब 1.75 लाख अग्निवीरों की भर्ती होने की उम्मीद है। रक्षा मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के तत्कालीन अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी के अनुसार, निकट भविष्य में अग्निवीरों की संख्या 1.25 लाख तक पहुंच जाएगी।