राजस्थान में सामाजिक न्याय मामलों के मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार ओबीसी कोटे से मुसलमानों को दिए गए आरक्षण की समीक्षा करेगी। गहलोत ने कहा है कि अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के चलते कांग्रेस ने राजस्थान में 14 मुस्लिम जातियों को 1997 से 2013 के बीच ओबीसी कोटे के अंदर आरक्षण दिया था।
गहलोत ने कहा कि हमारे पास सारे सर्कुलर्स हैं और तय समय के अंदर हमारा विभाग और सरकार इसकी समीक्षा करेगी। बता दें कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार है।
गहलोत ने कहा कि संविधान के तहत धर्म के आधार पर किसी भी जाति, समुदाय या वर्ग को आरक्षण दिए जाने पर रोक है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में बहुत सारी शिकायतें मिली हैं और हमारा विभाग इन शिकायतों की जांच कर रहा है।
मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा।

Rajasthan Reservation: ओबीसी को मिल रहा 21% आरक्षण
राजस्थान में वर्तमान में 64% आरक्षण दिया जा रहा है। इसमें 21% आरक्षण ओबीसी को, 16% दलित समुदाय को, 12% आदिवासी समुदाय को, 10% आरक्षण ईडब्ल्यूएस और 5% आरक्षण अति पिछड़ा वर्ग को दिया गया है।
Muslim Reservation: बीजेपी ने उठाया है सवाल
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। पिछले महीने राजस्थान में हुई एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कांग्रेस ने कई बार एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कमी करके मुसलमानों को देने की कोशिश की है और वह संविधान की परवाह नहीं करती।
मोदी ने टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में आयोजित चुनावी रैली में कहा था, ‘मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं, क्या वह इस बात का ऐलान करेगी कि वह दलित आदिवासी और पिछड़े समुदाय का आरक्षण कम नहीं करेगी और इसे मुसलमानों को नहीं देगी। मोदी ने कहा था कि कांग्रेस को देश से इस बारे में वादा करना चाहिए।’

OBC certificates Cancelled: हाई कोर्ट ने दिया था आदेश
कुछ दिन पहले एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के द्वारा 2010 से जारी किए गए सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द करने का आदेश दिया था। साथ ही 37 समुदायों को दिए गए ओबीसी के दर्जे को भी खत्म कर दिया था।
अदालत के फैसले का स्वागत: शाह
इस फैसले के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा था कि ममता बनर्जी सरकार ने बिना कोई सर्वे या प्रक्रिया का पालन किए बिना 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी का आरक्षण दे दिया था। इसके खिलाफ कुछ लोग अदालत चले गए। हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और 2010 से 2014 के बीच जारी किए गए ऐसे सभी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया।
शाह ने कहा था कि अपनी वोट बैंक की नीति के कारण ममता बनर्जी ने ओबीसी समुदाय को मिलने वाले आरक्षण को छीनकर मुसलमानों को दे दिया था। शाह ने अदालत के फैसले का स्वागत किया था।

Rajasthan CM Bhajan Lal Sharma : सीएम बोले- तुष्टिकरण की राजनीति पर लगा ताला
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के लिए लखनऊ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी ने बिना किसी सर्वे के 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में शामिल कर लिया था और सभी को आरक्षण दे दिया था। लेकिन हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति पर ताला लगा दिया। भजन लाल ने कहा था कि हमारा संविधान धर्म के आधार पर किसी तरह के आरक्षण को स्वीकार नहीं करता है।