हरियाणा के विधानसभा चुनाव में जिन सीटों पर बीजेपी के लिए टिकट बांटना बहुत मुश्किल है, उनमें एक गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट भी है। पार्टी का राज्य और केंद्रीय नेतृत्व भी चुनाव में टिकटों का बंटवारा करने के लिए मंथन में जुटा हुआ है। लेकिन अभी तक पार्टी अपनी पहली सूची जारी नहीं कर सकी है।

हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने एक वीडियो के जरिये भाजपा नेतृत्व को सीधी चुनौती दी है। राव नरबीर सिंह ने खुलकर कहा है कि वह हरियाणा में विधानसभा का चुनाव निर्दलीय नहीं लड़ेंगे। अगर एक पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी तो वह दूसरी से चुनाव लड़ेंगे, बस उन्हें लोगों का आशीर्वाद चाहिए।

राव नरबीर सिंह ने अपने तेवर दिखाकर यह साफ कर दिया है कि वह किसी भी सूरत में विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं और अब इस बारे में फैसला बीजेपी नेतृत्व को लेना है।

बीजेपी के लिए परेशानी की बात यह है कि लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अब अगर उसने विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारा ढंग से नहीं किया तो उसकी मुश्किलें बढ़ना तय है।

लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने गंवाई 5 सीटें

राजनीतिक दलविधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीटलोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट
कांग्रेस 15131 05
बीजेपी 47740105

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा, बीजेपी का घटा

राजनीतिक दललोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में)लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में)
कांग्रेस 28.51 43.67
बीजेपी 58.2146.11 

बादशाहपुर विधानसभा सीट अहीरवाल के इलाके में आती है। राव नरबीर सिंह अहीरवाल के बड़े नेता हैं। साल 2019 में बीजेपी ने राव नरबीर सिंह का टिकट काट दिया था और उनकी जगह भाजपा युवा मोर्चा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मनीष यादव को टिकट दिया था। लेकिन तब पार्टी को इस फैसले से नुकसान हुआ था और बीजेपी इस सीट को हार गई थी।

जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में राव नरबीर सिंह यहां से चुनाव जीते थे और तत्कालीन मनोहर लाल खट्टर सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने थे।

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टिकट बंटवारे के बाद बढ़ेगा घमासान? (Source- FB)

राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी माने जाते हैं नरबीर

राव नरबीर सिंह का अहीरवाल के सबसे बड़े नेता माने जाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के साथ राजनीतिक संबंध ठीक नहीं हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में जब राव नरबीर सिंह का टिकट काटा गया था तो यह कहा गया था कि राव इंद्रजीत सिंह के कहने पर ही बीजेपी नेतृत्व ने नरबीर सिंह को टिकट नहीं दिया है। उस समय तो नरबीर सिंह चुप रहे थे लेकिन इस बार वह ऐसा करने के लिए तैयार नहीं दिखते।

राव इंद्रजीत सिंह ने भाजपा नेतृत्व से जिन सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट देने की मांग की है, उनमें बादशाहपुर की सीट भी शामिल है। बीजेपी अगर राव नरबीर सिंह को टिकट नहीं देती है तो उसे एक बार फिर से बादशाहपुर में हार मिल सकती है।

75 पार के नारे का उड़ाया था मजाक

लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद से ही राव नरबीर सिंह लगातार बीजेपी को तेवर दिखा रहे हैं। पिछले महीने ही उन्होंने कहा था कि लोग उम्मीदवार को वोट देंगे बीजेपी को नहीं। उन्होंने एक चुनावी सभा में कहा था कि बीजेपी के नेतृत्व ने अगर सोच-समझकर टिकट नहीं दिया तो दक्षिण हरियाणा से पार्टी का सूपड़ा साफ हो जाएगा।

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कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला (Source- twitter/ ANI)

बादशाहपुर से ये भी हैं टिकट के दावेदार

बादशाहपुर विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के करीबी और उनके ओएसडी रहे जवाहर यादव के साथ ही बीजेपी के जिला अध्यक्ष कमल यादव भी टिकट के दावेदार हैं। भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य और पूर्व सांसद सुधा यादव भी यहां से टिकट चाहती हैं।

बड़े कद के नेता हैं राव नरबीर सिंह

राव नरबीर मनोहर लाल खट्टर सरकार में लोक निर्माण विभाग जैसे बड़े विभाग के मंत्री रहे हैं। बादशाहपुर सीट के अलावा 1987 में वह दक्षिणी हरियाणा की जटूसाना और 1996 में सोहना सीट से भी चुनाव जीत चुके हैं। 1987 में वह हरियाणा में गृह राज्य मंत्री और 1996 में हरियाणा सरकार में परिवहन, खाद्य एवं आपूर्ति जैसे बड़े मंत्रालय संभाल चुके हैं। नरबीर 26 साल की उम्र में राज्य गृह मंत्रालय का पद संभालने वाले देश के सबसे कम उम्र के निर्वाचित प्रतिनिधि बने थे। 2009 में गुरुग्राम सीट से उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार मिली थी।

इस तरह राव नरबीर सिंह का सियासी प्रभाव बादशाहपुर के बाहर भी है। ऐसे में बीजेपी क्या एक अनुभवी और तेजतर्रार नेता को टिकट न देने का जोखिम उठाएगी, यह कुछ ही दिनों में पता चल जाएगा?

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300 साल पुराना है असोज अमावस्या त्योहार। (Source-bishnoikuldeep/FB)

इन सीटों पर भी आ रही मुश्किल

इसके अलावा बीजेपी को गोहाना, रतिया, हिसार सीट पर भी उम्मीदवारों का चयन करने में मुश्किल आ रही है।
जब यह बात सामने आई कि भाजपा पूर्व सांसद डॉक्टर अरविंद शर्मा को गोहाना और पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को रतिया सीट से चुनाव लड़ा सकती है तो इसे लेकर कई स्थानीय नेताओं ने विरोध किया। हिसार में पूर्व मंत्री और कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल टिकट की दावेदार हैं जबकि यहां से सैनी सरकार में मंत्री कमल गुप्ता भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।