हरियाणा विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले अहीरवाल में बीजेपी के भीतर टिकटों की लड़ाई बेहद दिलचस्प हो गई है। अहीरवाल बेल्ट में खासा असर रखने वाले गुरुग्राम के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह विधानसभा चुनाव में अपने समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं।
राव इंद्रजीत सिंह कह चुके हैं कि हरियाणा में सरकार बनाने का रास्ता अहीरवाल से ही होकर जाता है।
पिछले कुछ दिनों में राव इंद्रजीत सिंह मोदी सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर अपनी पीड़ा खुलकर जता चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि उनसे छोटे और पहली बार जीतकर आए लोगों को कैबिनेट में शामिल कर लिया गया।
माना जा रहा है कि राव इंद्रजीत सिंह ने इस तरह के बयानों के जरिये बीजेपी नेतृत्व से खुलकर अपनी नाराजगी का इजहार किया है। बीजेपी के सामने मुश्किल यह है कि अहीरवाल के इलाके में टिकट बंटवारा करते हुए वह राव इंद्रजीत सिंह की पसंद को नजरअंदाज करने का जोखिम नहीं उठा सकती, वह भी तब जब लोकसभा चुनाव के नतीजे उसके लिए खराब रहे हैं।

सैलजा के पोस्टर में नजर आए हुड्डा और उदयभान
दूसरी ओर, कांग्रेस संदेश यात्रा निकाल रहीं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने अपने पोस्टर में बदलाव कर किया है और इसमें प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तस्वीर को जगह दी है। वहीं हुड्डा ने भी कहा है कि कुमारी सैलजा अपने ढंग से पार्टी के लिए काम कर रही हैं। इससे ऐसा लगता है कि इस मामले में हाईकमान ने दखल दिया है और हरियाणा कांग्रेस के इन दोनों दिग्गजों ने अपनी तलवारें म्यान में वापस रख दी हैं।
अहीरवाल में गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पटौदी, नारनौल, नांगल चौधरी, बावल, कोसली और अटेली विधानसभा सीटें आती हैं।
इन सीटों पर है राव का जोर
हरियाणा की राजनीति के जानकारों के मुताबिक, राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि महेंद्रगढ़ जिले में पड़ने वाली अटेली और नारनौल, रेवाड़ी जिले की बावल, कोसली, रेवाड़ी और गुरुग्राम में बादशाहपुर और पटौदी विधानसभा सीट पर उनके समर्थकों को बीजेपी टिकट दे। लेकिन अहीरवाल के इलाके में राव इंद्रजीत सिंह का विरोधी खेमा भी काफी ताकतवर है।

राव विरोधी खेमा भी सक्रिय
अहीरवाल की राजनीति में राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी धड़े में पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह के अलावा पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास, पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव, भाजपा संसदीय बोर्ड की सदस्य सुधा यादव, सिंचाई मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव, पर्यटन निगम के अध्यक्ष डॉक्टर अरविंद यादव आदि शामिल हैं। इस खेमे में शामिल नेता भी कई सीटों पर टिकट चाहते हैं।
आरती राव को चाहिए अटेली से टिकट
राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव सिंह अटेली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं लेकिन अगर बीजेपी आरती राव को टिकट देती है तो उसे यहां से मौजूदा विधायक सीताराम यादव का टिकट काटना पड़ेगा।
अटेली की सीट से पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। संतोष यादव अटेली से विधानसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। लेकिन राव आरती सिंह के चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बीच यहां बीजेपी के लिए मुसीबत बढ़ना तय है। यहां से नरेश यादव भी टिकट मांग रहे हैं। ऐसी हालत में निश्चित रूप से अहीरवाल में बीजेपी के अंदर बगावत हो सकती है।
बीजेपी के लिए अटेली के अलावा अहीरवाल की कुछ अन्य सीटों पर भी टिकटों का बंटवारा कर पाना बेहद मुश्किल होगा।

बादशाहपुर: राव नरबीर कह चुके हैं जरूर लड़ूंगा चुनाव
अहीरवाल बेल्ट की एक और सीट बादशाहपुर पर भी बीजेपी के लिए टिकट बांटना आसान नहीं होगा क्योंकि यहां से पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह दावेदार हैं। राव नरबीर सिंह को राव इंद्रजीत सिंह का सियासी विरोधी माना जाता है। 2019 में जब राव नरबीर सिंह का टिकट कटा था तो इसके पीछे यही माना गया था कि उन्हें राव इंद्रजीत सिंह से राजनीतिक दुश्मनी होने का खामियाजा उठाना पड़ा है।
रेवाड़ी में क्या करेगी बीजेपी?
रणधीर सिंह कापड़ीवास का पिछली बार रेवाड़ी से टिकट काट दिया गया था। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और इस वजह से राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक सुनील मूसेपुर को हार मिली थी। कुछ महीने पहले बीजेपी ने रणधीर सिंह कापड़ीवास को फिर से पार्टी में शामिल किया था। कापड़ीवास राव इंद्रजीत सिंह के धुर विरोधी हैं।
सीटें कम हुई, वोट शेयर गिरा
बीजेपी को हरियाणा के लोकसभा चुनाव में इस बार बड़ा झटका लगा है और उसका वोट शेयर भी काफी नीचे आ गया है। ऐसे में पार्टी के लिए हरियाणा का चुनाव जीतना एक मुश्किल टास्क साबित हो सकता है क्योंकि अहीरवाल के इलाके में उसे राव इंद्रजीत सिंह को साथ लेकर चलना ही होगा। इसके अलावा लोकसभा चुनाव की तरह किसानों के विरोध का भी उसके उम्मीदवारों को सामना करना पड़ सकता है।
राजनीतिक दल | विधानसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2014 में मिली सीट | विधानसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2019 में मिली सीट | लोकसभा चुनाव 2024 में मिली सीट |
कांग्रेस | 15 | 1 | 31 | 0 | 5 |
बीजेपी | 47 | 7 | 40 | 10 | 5 |
राजनीतिक दल | लोकसभा चुनाव 2019 में मिले वोट (प्रतिशत में) | लोकसभा चुनाव 2024 में मिले वोट (प्रतिशत में) |
कांग्रेस | 28.51 | 43.67 |
बीजेपी | 58.21 | 46.11 |
फोटो लगाने की हो रही ज्यादा चर्चा
अब बात अगर हरियाणा कांग्रेस की करें तो शायद कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा कांग्रेस में चल रही नेताओं की अंदरूनी लड़ाई का संज्ञान लिया है। सिरसा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा के कांग्रेस संदेश यात्रा के नए पोस्टर से ऐसा ही लगता है।
पुराने पोस्टर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान सिंह की फोटो नहीं होने की बात मीडिया में बड़े पैमाने पर मुद्दा बनी थी और अब जब नए पोस्टर में दोनों नेताओं की फोटो आ गई है तो इसकी और ज्यादा चर्चा है।
हरियाणा की राजनीति में यह बात जोर-शोर से उठ रही है कि हाईकमान ने पार्टी नेताओं को गुटबाजी को लेकर कोई सख्त हिदायत जरूर दी है। भले ही कुमारी सैलजा ने पोस्टर में हुड्डा और उदयभान की फोटो को जगह दी हो लेकिन पिछले कई महीनों में सैलजा इन नेताओं के साथ मंच पर नहीं दिखाई दी हैं।
कुछ दिनों पहले उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में स्पष्ट रूप से कहा था कि हरियाणा कांग्रेस में जिस तरह का कामकाज चल रहा है, उससे विधानसभा चुनाव में जैसे नतीजे की उम्मीद है, वैसे नतीजे नहीं आ सकते।