लोकसभा चुनाव 2024 में वोटिंग का दिन नजदीक आते ही गुरु नगरी अमृतसर में चुनावी मुकाबला जोरदार हो गया है। अमृतसर को जीतने के लिए बीजेपी, कांग्रेस, अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी है। पिछले दो चुनाव में यहां से जीत हासिल कर चुके कांग्रेस के उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं। औजला की नजर हैट्रिक पर है।

आम आदमी पार्टी ने इस सीट से भगवंत मान सरकार में कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को टिकट दिया है। शिरोमणि अकाली दल ने अमृतसर में हिंदू मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए कभी बीजेपी में रहे हिंदू नेता अनिल जोशी को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने पूर्व राजनयिक तरनजीत सिंह संधू को अपना उम्मीदवार बनाया है।

बीजेपी 2004 के बाद से यहां से तीन चुनाव जीती है तो तीन चुनाव (उपचुनाव मिलाकर) हार भी चुकी है। इसलिए पार्टी की कोशिश इस सीट पर फिर से जीत हासिल करने की है। लेकिन किसानों का विरोध उसके ल‍िए बड़ी चुनौती खड़ी कर रहा है।

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पंजाब के बाघापुराना में स्मृति ईरानी का विरोध करने जाते किसान। (Source-kirtikisanunion/FB)

13 लोकसभा सीटों वाले पंजाब में 1 जून को वोटिंग होगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां 8 सीटें जीती थी जबकि शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी ने गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए दो-दो सीटों पर जीत हासिल की थी। एक सीट आम आदमी पार्टी के खाते में गई थी।

कभी नहीं जीता अकाली दल

अमृतसर सीट के बारे में खास बात यह है कि 1952 से आज तक शिरोमणि अकाली दल यहां जीत हासिल नहीं कर सका है। इस बात को भी ध्यान में रखना जरूरी है कि पिछले दो दशक से शिरोमणि अकाली दल ने यहां पर लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा है क्योंकि गठबंधन में रहते हुए यह सीट बंटवारे के तहत बीजेपी को मिलती थी। लेकिन उससे पहले भी अकाली दल यहां कभी नहीं जीत पाया। जबकि अमृतसर सीट पर 64 प्रतिशत आबादी सिख समुदाय की है।

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल। (Source-FB)

सिद्धू, अमरिंदर भी जीते चुनाव

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर से तीन बार बीजेपी के टिकट पर सांसद रह चुके हैं जबकि पंजाब की राजनीति के सीनियर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 2014 में यहां से चुनाव जीते थे। तब उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार और दिग्गज नेता अरुण जेटली को हराया था।

2017 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जब अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने थे तो इस सीट पर हुए उपचुनाव में गुरजीत सिंह औजला पहली बार लोकसभा का चुनाव जीते थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में गुरजीत सिंह औजला ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी को एक लाख वोटों के अंतर से चुनाव हराया था।

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चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान। (Source-FB/BhagwantMann1)

BJP Taranjit Singh Sandhu: राजदूत से नेता बने हैं संधू

बीजेपी के उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू ने अमृतसर के विकास और ड्रग्स की समस्या को चुनाव में मुद्दा बनाया है। संधू अमेरिका में भारत के राजदूत रहे हैं और इन दिनों पाकिस्तान में स्थित करतारपुर गुरुद्वारे में जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए लगने वाली वीजा फीस को कम करने को लेकर काम कर रहे हैं। बीजेपी को मोदी सरकार के काम के भरोसे यहां वोट मिलने की उम्मीद है।

तरनजीत सिंह संधू के दादा तेजा सिंह समुंदरी गुरुद्वारों का प्रबंधन करने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के संस्थापक सदस्य थे। संधू के पिता बिशन सिंह समुंदरी गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे हैं। संधू के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि अमृतसर लोकसभा सीट के ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी का आधार कमजोर है।

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बीते शुक्रवार को शंभू रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करते किसान। (Express Photo)

Farmers Protest: किसानों के विरोध से परेशान हैं संधू

जिस तरह हरियाणा और पंजाब में बीजेपी के कई उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के दौरान किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा। इसी तरह तरनजीत सिंह संधू को भी अमृतसर में कई बार किसानों की नाराजगी झेलनी पड़ी है। किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने हाल ही में संधू के घर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और धरना भी दिया। किसानों का कहना है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा नहीं निभाया।

Akali Dal Hindu Politics: अकाली दल ने खेला हिंदू कार्ड

इस लोकसभा सीट में 32% आबादी हिंदुओं की है। अनिल जोशी बीजेपी-अकाली दल की सरकार में मंत्री रहे थे और 2021 में अकाली दल में आए थे। अनिल जोशी अमृतसर नॉर्थ विधानसभा सीट से दो बार विधायक का चुनाव भी जीत चुके हैं।

पूर्व कैबिनेट मंत्री और अकाली दल के बड़े नेता बिक्रम सिंह मजीठिया यहां पर अनिल जोशी का चुनाव प्रचार संभाल रहे हैं। हिंदू वोटों को अपनी तरफ लाने के लिए अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी कई बार धार्मिक कार्यक्रमों में मंदिर जा चुके हैं। अकाली दल को उम्मीद है कि सिख और हिंदू वोटों के दम पर वह इस सीट को जीत सकती है।

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(बाएं से) भगवंत मान, सुनील जाखड़, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और सुखबीर सिंह बादल। (Source-FB)

आप के उम्मीदवार कुलदीप सिंह धालीवाल के पक्ष में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान चुनाव प्रचार कर चुके हैं। आम आदमी पार्टी यहां पर मुफ्त बिजली और राज्य सरकार की तमाम उपलब्धियों को लेकर लोगों के बीच में जा रही है।

कांग्रेस उम्मीदवार गुरजीत सिंह औजला चुनाव प्रचार के दौरान इस बात को कहते हैं कि वह हमेशा लोगों के संपर्क में रहे हैं। वह आम आदमी पार्टी पर अपने चुनावी वादे पूरे न करने का भी आरोप लगाते हैं।

Amritsar Lok Sabha: 9 में से 7 विधानसभा सीटें आप के पास

अमृतसर लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा सीटें हैं और इसमें से सात सीटें आम आदमी पार्टी के पास हैं। एक सीट अकाली दल और एक सीट कांग्रेस के पास है। इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाली 9 विधानसभा सीटों के नाम- अमृतसर सेंट्रल, अमृतसर नॉर्थ, अमृतसर साउथ, अमृतसर ईस्ट, अमृतसर वेस्ट, अजनाला, राजासांसी, अटारी और मजीठा हैं।