टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा दुनिया के उन गिने-चुने बिजनेसमैन में से एक हैं, जिन्हें सिर्फ उनकी प्रोफेशनल सफलता के लिए नहीं जाना जाता। वह अपने विनम्र स्वभाव और जमीन से जुड़े रहने वाले व्यक्तित्व के कारण भी करोड़ों लोगों की इंस्पिरेशन हैं। हाल में स्तम्भकार सुहेल सेठ ने रतन टाटा के परोपकारी स्वभाव का एक ऐसा किस्सा साझा किया है, जिसे जानकर लोग चकित रह गए हैं।
मामला 2018 का है। 6 फरवरी को ब्रिटेन के शाही राजमहल बकिंघम पैलेस में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस चार्ल्स रतन टाटा को उनके परोपकारी कार्यों के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देना चाहते थे। सब कुछ तय योजना के मुताबिक चल रहा था। शाही राजमहल ने पुरस्कार समारोह का आयोजन ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के साथ मिलकर किया था।
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सुहेल सेठ 2-3 फरवरी को ही लंदन पहुंच गए थे। लैंड करने बाद उन्होंने अपना मोबाइल चेक किया तो रतन टाटा के 11 मिस्ड कॉल नजर आ रहे थे। एक साथ इतने मिस्ड कॉल देख पहले तो सेठ हैरान हुए, फिर उन्होंने तुरंत कॉल बैक किया। टाटा ने फोन पर बताया कि उनका एक कुत्ता बहुत बीमार है। तब रतन टाटा के पास दो कुत्ते थे टैंगो और टिटो।
सेठ उस बातचीत को याद करते हैं, ”टाटा ने मुझसे कहा कि यह बीमार है। मैं इसे यहां छोड़कर नहीं आ सकता हूं।” इस बार को सुनकर हैरान सुलेह सेठ ने टाटा को याद दिलाया कि ऑवर्ड प्रिंस चार्ल्स देने वाले हैं। हालांकि टाटा पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ। वह नहीं माने। अपने बीमार कुत्ते की देखभाल करने के लिए वह अपना लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड लेने नहीं गए।
जब सुहेल सेठ ने यह बात प्रिंस चार्ल्स को बताई तो उन्होंने रतन टाटा की तारीफ करते हुए कहा, ”इंसान ऐसा होना चाहिए। रतन टाटा कमाल के इंसान हैं।”
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