कोरोना महामारी के दौरान जब भारत की आम जनता अपनी बचत लुटाकर जीवन बचाने में जुटी थी। उसी वक्त जनता की नुमाइंदगी करने का दावा करने वाली राजनीतिक पार्टियां सैकड़ों करोड़ का चंदा बटोर रही थीं। जब महामारी और लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था पर मंदी छा रही थी, तब राजनीतिक दलों की चांदी हो रही थी।
भाजपा को मिला सबसे ज्यादा चंदा : एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म (ADR) की ताजा रिपोर्ट से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2020-21 में जब कोरोना अपने चरम पर था, ठीक उसी वक्त राजनीतिक दलों को 593.748 करोड़ का चंदा मिला। इस चंदे का 80 प्रतिशत केलव एक पार्टी के हिस्से गया, वह पार्टी है सत्तारूढ़ भारतीय जानता पार्टी। कोरोना महामारी की विभीषिका के बीच भाजपा को 477.545 करोड़ चंदा मिला। वैसे पिछले वित्त वर्ष यानी 2019-20 की तुलना में यह 39.23 प्रतिशत कम है। 2019-20 में भाजपा को 758.77 करोड़ रुपये का चंदा मिला था।
भाजपा के अलावा 6 अन्य दलों के पास राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा है। इसमें कांग्रेस, बीएसपी, भाकपा, माकपा, एनसीपी और टीएमसी का नाम शामिल है। भाजपा को मिला चंदा शेष सभी दलों को मिले चंदे से 4 गुना ज्यादा है। आश्चर्यजनक रूप से यह ट्रेंड पिछले कई सालों से बना हुआ है। संयोग से भाजपा को जितना अधिक चंदा मिल रहा है, शेष 6 राष्ट्रीय दलों का आधार उतनी ही तेजी से खिसक रहा है।
कॉरपोरेट की पसंद भाजपा : राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे का 80 प्रतिशत से अधिक यानी 480.655 करोड़ रुपये कॉरपोरेट से आया है। इसमें से 416.794 करोड़ अकेले भाजपा को मिला। करीब 1,100 से अधिक कॉरपोरेट और व्यावसायिक क्षेत्र से भाजपा को चंदा मिला। वहीं कांग्रेस सिर्फ 146 कॉरपोरेट का चंदा मिला, जिसकी कुल रकम 35.89 करोड़ रुपये है। इस वित्त वर्ष में कांग्रेस को कुल 74.524 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। यह पिछले वित्त वर्ष से 46.39 प्रतिशत कम है। 2019-20 में कांग्रेस को 139.016 करोड़ रुपये चंदा मिला था।
BSP को नहीं मिला 20 हजार से ज्यादा का चंदा : सभी राष्ट्रीय दलों द्वारा घोषित आंकड़ों से पता चलता है कि 3,753 व्यक्तियों व प्रतिष्ठानों ने 20 हजार से ज्यादा का चंदा दिया, जो कुल 593.748 करोड़ रुपये है। भाजपा को 2206 व्यक्तियों व प्रतिष्ठानों और कांग्रेस को 1077 व्यक्तियों व प्रतिष्ठानों 20 हजार से अधिक का चंदा दिया। एनसीपी, माकपा, भाकपा और टीएमसी को भी 20 हजार से अधिक का चंदा कई व्यक्तियों और संस्थानों से मिला लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को 20 हजार से अधिक का चंदा किसी से नहीं मिला। 20 हजार से अधिक का चंदा पाने के मामले में बसपा भले ही पिछड़ गयी हो लेकिन आय व खर्च का ब्योरा देने में बसपा नंबर-1 रही है।