लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी पंकजा मुंडे को राज्य सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। बीजेपी को मराठवाड़ा क्षेत्र में एक भी सीट नहीं मिली है और अब पार्टी की योजना है कि ओबीसी समुदाय का चेहरा पंकजा मुंडे को विधान परिषद सदस्य बनाकर महाराष्ट्र की बीजेपी-एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री बनाया जाए।

बीजेपी के दिग्गज नेता रहे और पार्टी के प्रमुख ओबीसी चेहरे गोपीनाथ मुंडे की सबसे बड़ी बेटी पंकजा मुंडे ने महाराष्ट्र की राजनीति में देवेंद्र फडणवीस के उभार के बाद से ही उन्हें साइडलाइन किए जाने की बात को कभी नहीं छुपाया।

मामूली अंतर से चुनाव हारीं पकंजा

बीजेपी ने इससे पहले पंकजा को राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में जिम्मेदारी दी थी और इस बार लोकसभा चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें बीड़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। हालांकि पंकजा को 6000 मतों के मामूली अंतर से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

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बीजेपी में नहीं थम रही रार। (Source-PTI)

बीजेपी के एक बड़े सूत्र ने कहा कि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित महाराष्ट्र बीजेपी की कोर कमेटी के नेताओं ने इस बात की सिफारिश की है कि पंकजा मुंडे को विधान परिषद के चुनाव में उम्मीदवार बनाया जाए और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी दी जाए। केंद्रीय नेतृत्व ने भी इसे लेकर अपनी सहमति जताई है।

सिर्फ 9 सीटें जीत सकी है बीजेपी

बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 23 सीटें मिली थी लेकिन इस बार वह सिर्फ 9 सीटों पर ही चुनाव जीत सकी है। इसके बाद से ही पार्टी को ऐसा लग रहा है कि कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उसे अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

बाीजेपी को एक ऐसा चेहरा चाहिए जो ओबीसी समुदाय में उसके परंपरागत वोट बैंक को मजबूत कर सके। पंकजा मुंडे न सिर्फ ऐसा कर सकती हैं बल्कि पंकजा मराठवाड़ा क्षेत्र में ओबीसी के तहत आने वाली वंजारी जाति से ताल्लुक रखती हैं। बताना होगा कि मराठवाड़ा ही मराठा आरक्षण आंदोलन का केंद्र रहा है।

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लोकसभा चुनाव में जीत के बाद बीजेपी हेडक्वार्टर में पीएम मोदी (Source- PTI)

प्रदेश अध्यक्ष भी हैं ओबीसी समुदाय से

महाराष्ट्र में बीजेपी के पास प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के रूप में एक ओबीसी चेहरा मौजूद है। चंद्रशेखर विदर्भ से आते हैं और तेली समुदाय से हैं लेकिन मराठवाड़ा क्षेत्र से भी अगर एक ओबीसी चेहरा सामने आता है तो इससे बीजेपी को ज्यादा फायदा हो सकता है।

बीजेपी को इस बार मराठवाड़ा क्षेत्र की आठ लोकसभा सीटों में से एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है। इस इलाके में 46 विधानसभा क्षेत्र आते हैं।

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी के पास दो रास्ते हैं- पहला यह कि पंकजा मुंडे को महाराष्ट्र के कोटे से राज्यसभा का सदस्य बनाया जाए और इसके बाद उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में शामिल कर लिया जाए। दूसरा रास्ता यह है कि उन्हें एमएलसी बनाकर महाराष्ट्र की बीजेपी-शिंदे सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया जाए क्योंकि विधानसभा चुनाव ज्यादा महत्वपूर्ण हैं इसलिए पंकजा राज्य की राजनीति में ज्यादा असरदार साबित हो सकती हैं।

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नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ (Source- PTI)

महाराष्ट्र में सक्रिय रहना चाहती हैं पंकजा मुंडे

2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पंकजा ने बीड़ जिले की परली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें एनसीपी के उम्मीदवार और अपने चचेरे भाई धनंजय मुंडे के हाथों हार मिली थी। 2020 में उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया और साथ ही मध्य प्रदेश में सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी दी गई। हालांकि पंकजा मुंडे के सहयोगी और उनके समर्थक खुलकर इस बात को कहते हैं कि उन्हें महाराष्ट्र की राजनीति में ही सक्रिय रहना चाहिए। पंकजा मुंडे भी महाराष्ट्र में ही काम करना चाहती हैं।

धनंजय को बनाया था मंत्री

धनंजय मुंडे ने जब एनसीपी में हुई टूट के बाद अजित पवार का साथ दिया था तो उन्हें महाराष्ट्र की राज्य सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया था। इससे पंकजा मुंडे के समर्थकों में यह संदेश गया था कि महाराष्ट्र बीजेपी में उनकी नेता को किनारे लगाया जा रहा है।

महाराष्ट्र में 12 जुलाई को विधान परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव होना है। भाजपा को उम्मीद है कि वह इनमें से अपने दम पर 5 सीटें जीत सकती है। साथ ही एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के साथ मिलकर चार और सीटें जीत सकती है। कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है और एनसीपी (शरद चंद्र पवार) और शिवसेना (यूबीटी) भी महा विकास आघाडी के लिए एक सीट जीत सकते हैं।

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चुनाव में नहीं चला राम मंदिर का मुद्दा? (Source-PTI)

शिंदे कैबिनेट का होना है विस्तार

सूत्रों का कहना है कि विधान परिषद चुनाव के बाद शिंदे कैबिनेट का विस्तार होगा। वर्तमान में महाराष्ट्र की राज्य सरकार में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों- (देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार) को मिलाकर कुल 29 मंत्री हैं। महाराष्ट्र में कुल 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस तरह सरकार में 14 सीटें खाली हैं।