पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (पूर्व क्रिकेटर भी) जेल में हैं। उनके राजनीतिक दल पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) को चुनाव लड़ने की मनाही है। बावजूद इसके पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों ने पाकिस्तान के आम चुनाव में बड़ी जीत (101 सीट) दर्ज की है।
सरकार कौन बनाएगा इसे लेकर संशय लेकिन संदेश साफ है। पाकिस्तान की आवाम ने सेना के समर्थन वाले नवाज शरीफ को नकार दिया है। हालत ये है कि नवाज शरीफ की पीएमएल-एन (75 सीट) और बिलावल भुट्टो-जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (54) गठबंधन कर के भी सरकार बनाने लायक सीट नहीं जुटा पा रही हैं।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की 265 सीटों पर प्रत्यक्ष चुनाव होता है, बहुमत के लिए किसी राजनीतिक दल को 133 सीटें जीतने की जरूरत होती है। इसके अलावा 70 सीटें (60 महिला और 10 गैर-मुस्लिम) आरक्षित होती हैं, जिन पर चुनाव नहीं होता। मतों की गिनती के बाद, जिस पार्टी की जितनी बड़ी जीत होती है, उसे उसी अनुपात में आरक्षित सीटें अलॉट कर दी जाती हैं। खान को पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था, वह तब से जेल में हैं।
पाकिस्तान चुनाव के मद्देनजर इमरान खान की लोकप्रियता की चर्चा हो रही है। उनके समर्थक उन्हें एक बार फिर प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। खान 2018 में पहली बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे। उसी वर्ष आम चुनाव से ठीक पहले उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान की आत्मकथा प्रकाशित हुई थी। ब्रिटिश-पाकिस्तानी रेहम खान पत्रकार, फिल्ममेकर और लेखक हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा में खान के पीएम बनने के सपनों के बारे में लिखा है।
नरेंद्र मोदी से सीख लेने की सलाह देती थीं रेहम खान
रेहम ने लिखा है कि इमरान दिल से एक बेसब्र बच्चे की तरह थे। वह प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। उनकी यह ख्वाहिश पूरी हो, इसके लिए मैं उन्हें नरेंद्र मोदी की नकल करने की सलाह देती थी।
उन्होंने लिखा है, “मैं उन्हें बार-बार भारतीय प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देती थी, जो एक दशक तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, और अपनी नकारात्मक विरासत के बावजूद मजबूत शासन रिकॉर्ड के दम पर प्रधानमंत्री चुने गए।”
किताब के एक अन्य खंड में रेहम खान बताती हैं कि वह मोदी और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिष्ठित नेता नेल्सन मंडेला के उदाहरणों से इमरान खान को मोटिवेट करती थीं। उन्होंने लिखा है, “इमरान को लगता था कि उनका समय अब आ गया है। उन्हें जल्द से जल्द प्रधानमंत्री बन जाना चाहिए। मैं उन्हें यह कहकर समझाती थी कि नेल्सन मंडेला ने 27 साल एक ऐसी कालकोठरी (जेल की सजा) में बिताए जिसका कोई अंत तब नजर नहीं आ रहा था। पीएम बनने से पहले नरेंद्र मोदी 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे। उनके कट्टरपंथी विचारों के बावजूद प्रशासन के अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड के कारण लोगों ने उन्हें वोट दिया। आप पहले केपी [खान की पार्टी द्वारा शासित खैबर पख्तूनवा प्रांत] में खुद को साबित करो, फिर केंद्र की ओर देखो।”
रेहम की सलाह सुनकर खान गुस्से से चिल्लाते- क्या आप जानती हैं कि मैं कितने साल का हूं? रेहम अपने पति को समझातीं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह कहतीं- हिलेरी क्लिंटन भी 67 साल की हैं, क्या इसका मतलब यह है कि वह हार मान लेंगी?
रेहम के लिखे से पता चलता है कि उनके और इमरान खान के बीच हुई ये बातचीत 2015 के आस-पास की है। दोनों की शादी जनवरी 2015 में हुई थी। तब इमरान 62 और रेहम 42 साल की थीं। रेहम ने आत्मकथा में इमरान खान को पर कई सनसनीखेज आरोप भी लगाए थे।
रेहम की किताब में इमरान खान के बारे में कई सनसनीखेज दावे
रेहम खान ने आत्मकथा में इमरान खान से जुड़ी कई ऐसी घटनाओं का वर्णन किया था, जो पहले सार्वजनिक नहीं थीं। जैसे रेहम खान ने अपनी किताब में इमरान खान के कई पुरुषों के साथ लंबे समय तक लिव-इन रिलेशनशिप के बारे में लिखा है।
रेहम ने लिखा है, “जाकिर और इमरान अपने क्रिकेट के दिनों से ही एक-दूसरे से अलग नहीं हुए थे। इमरान जब भी छुट्टी लेता, जैक (जाकिर) उसके साथ रहता। मोबी (मुबाशिर) के साथ लंबे समय तक लिव-इन रिलेशनशिप भी अजीब था। इमरान उसे अपनी पत्नी बताता था। मोबी ने तीसरी बार शादी करने के बाद भी इमरान के साथ रहना पसंद किया, न कि अपनी पत्नी के साथ। मुझे ये रिश्ते समझ नहीं आ रहे थे, लेकिन मैंने इसे बेवकूफी मानते हुए ध्यान न देने का निर्णय लिया।”
रेहम आगे लिखती हैं, “हालांकि, अपने पति की साइड टेबल के निचले-बाएं दराज की सफाई करते समय, मुझे सिगार के खाली डिब्बे और केवाई जेली की बड़ी ट्यूबें मिलीं। जब मैंने पूछा कि ये किस लिए हैं, तो इमरान ने बताया कि ल्यूब्रिकेंट और मेटल केस (सिगार का खाली डिब्बा) का एक साथ इस्तेमाल किया जाता है। इतना सुनने के बाद मुझे पता चल गया कि उन्हें क्या पसंद है। मुझे हैरान देखकर मेरा पति जोर-जोर से हंसने लगा।”
रेहम के मुताबिक, इमरान खान के पास खास डीवीडी कलेक्शन था। वह उन डीवीडी कैसेट को प्ले कर के पुरुष जननांगों की ‘तारीफ’ करते थे। रेहम जब रसोई में खाना पकाने में व्यस्त रहती थीं, तब इमरान खुद को मर्दों के शरीर देखकर खुश करते थे। रेहम ने लिखा है, “ऐसे पति के साथ बेडरूम में जाना शर्मनाक था।”
शुरुआत में रेहम जब इमरान से पूछती थी कि वह मर्दों के शरीर की इतनी तारीफ क्यों करते हैं, इस पर पूर्व प्रधानमंत्री मामले को ‘कवर’ करते हुए कहते कि वह सर्जरी के माध्यम से अपने लिंग को एक-दो इंच बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं। रेहम ने लिखा है, “यह बार-बार होने वाली बातचीत थी। जाहिर है उसने इस पर कुछ रिसर्च भी किया था। मैं बिल्कुल नहीं जानती कि इतने नाजुक मामले पर डिप्लोमैटिक तरीके से कैसे प्रतिक्रिया दी जाती है। असल मे मैं उसके जुनून से हैरान थी, खास कर जिस उम्र में वह इस बारे में सोच रहा था। मैंने उसकी बात को मूर्खतापूर्ण बकवास कहकर खारिज कर दिया था।”
अपने जननांग के प्रति इमरान खान को इस कदर असुरक्षित देखकर रेहम को निराशा होती। रेहम लिखती हैं, “अगर इमरान खान, जो कई पीढ़ियों से बहुत पसंद किए जाते रहे हैं, फॉलो किए जाते हैं और आदर्श माने जाते रहे हैं, वह इतने असुरक्षित हो सकते हैं तो एक सामान्य आदमी से क्या उम्मीद है?”