Pakistan Airspace Closure: पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले लिए गए तो उसने भी भारत की फ्लाइट्स के लिए अपना एयर स्पेस बंद कर दिया। दिल्ली के आईजीआई इंटरनेशनल एयरपोर्ट सहित तमाम एयरपोर्ट्स से जाने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट्स पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल भी करती हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब से लौटते वक्त पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल नहीं किया था और वह दूसरे रूट से भारत आए थे।

पाकिस्तान के इस फैसले के बाद इन सवालों को लेकर चर्चा हो रही है कि क्या इससे भारत में हवाई किराया महंगा हो जाएगा, भारत की एयरलाइंस को कितना आर्थिक नुकसान होगा? भारत की तमाम एयरलाइंस इस बात का आकलन कर रही हैं कि किसी दूसरे देश तक पहुंचने के लिए उन्हें कौन से हवाई रास्ते का इस्तेमाल करना होगा?

भारत की सभी बड़ी एयरलाइंस इंटरनेशनल फ्लाइट्स ऑपरेट करती हैं और इनमें से ज्यादातर पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल करती हैं।

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एयरलाइंस के खर्चों में बढ़ोतरी होगी

अगले कुछ दिनों में पाकिस्तान के इस फैसले का असर साफ तौर पर दिख सकता है क्योंकि भारत से बड़ी संख्या में लोग इंटरनेशनल फ्लाइट लेकर दुनिया के तमाम देशों में जाते हैं। सिविल एविएशन इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि हालांकि इस बारे में अभी कोई बहुत बड़ा आकलन करना जल्दबाजी होगा लेकिन इतना तय है कि इससे एयरलाइंस के खर्चों में बढ़ोतरी होगी और इसका नतीजा यह होगा कि इससे फ्लाइट्स का किराया बढ़ सकता है।

The Indian Express ने दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना होने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट्स के रास्तों का आकलन किया है और इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के द्वारा अपना एयर स्पेस बंद किए जाने के फैसले से सेंट्रल एशिया, काकेशस, पश्चिम एशिया, यूरोप, ब्रिटेन और उत्तरी अमेरिका की फ्लाइट्स प्रभावित होंगी।

चूंकि बाकी देशों की एयरलाइंस को लेकर पाकिस्तान ने ऐसा फैसला नहीं लिया है इसलिए वे पाकिस्तान के एयर स्पेस का इस्तेमाल करना जारी रखेंगे और ऐसे में उन्हें भारतीय एयरलाइंस की तुलना में फायदा होगा।

700 करोड़ से ज्यादा का हुआ था नुकसान

यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी होगा कि जब भारत ने फरवरी, 2019 में बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी तब भी पाकिस्तान ने अपने एयरस्पेस को कुछ महीनों के लिए बंद कर दिया था। पाकिस्तान ने जुलाई, 2019 में अपने एयर स्पेस को खोल दिया था और तब भारत के सिविल एविएशन मंत्रालय ने बताया था कि एयर स्पेस के बंद होने की वजह से इंडियन एयरलाइंस को कुल 550 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ था और पाकिस्तान ने जब तक एयर स्पेस को लेकर सभी प्रतिबंध हटाए थे तब तक यह नुकसान 700 करोड़ से ज्यादा का हो चुका था।

उस दौरान एयर इंडिया को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था क्योंकि उसने दूसरी एयरलाइंस के मुकाबले पश्चिम को जाने वाली सबसे ज्यादा इंटरनेशनल फ्लाइट्स को उड़ाया था।

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70 से 80 मिनट तक अतिरिक्त उड़ान भरनी पड़ी

The Indian Express के मुताबिक, उस दौरान पाकिस्तान के द्वारा एयर स्पेस बंद किए जाने की वजह से ज्यादातर उड़ानों को 70 से 80 मिनट तक अतिरिक्त उड़ान भरनी पड़ी थी। जैसे- दिल्ली से शिकागो जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट्स को फ्यूल (ईंधन) भरने के लिए यूरोप में रुकना पड़ता था। इसके अलावा दिल्ली से इस्तांबुल जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट्स को फ्यूल भरने के लिए दोहा में रुकना पड़ा था।

एयर इंडिया आज भी यूरोप और उत्तर अमेरिका जाने वाली लंबी दूरी की फ्लाइट्स को ऑपरेट करती है। इसके अलावा इंडिगो ने भी पिछले सालों में अपने इंटरनेशनल नेटवर्क का विस्तार किया है और सेंट्रल एशिया और यूरोप की सीमा से लगे काकेशस इलाके के लिए फ्लाइट्स शुरू की हैं। इन इलाकों में आने वाले कई लोकप्रिय टूरिस्ट जगहों में भारतीय जाते हैं।

एयर इंडिया पश्चिम एशिया, यूरोप, ब्रिटेन और उत्तर अमेरिका के लिए फ्लाइट्स ऑपरेट करती है जबकि इंडिगो वेस्ट एशिया, तुर्की और सेंट्रल एशिया के लिए जाने वाली फ्लाइट को ऑपरेट करती है।

पाकिस्तान के इस फैसले के बाद उत्तर भारत के एयरपोर्ट्स, जैसे- दिल्ली, लखनऊ और अमृतसर से उड़ान भरने वाली एयरलाइंस को अब गुजरात या महाराष्ट्र का रास्ता लेना पड़ेगा और फिर यूरोप, उत्तरी अमेरिका या पश्चिम एशिया की ओर मुड़ना होगा।

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