लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर की जा रही एक रैली का वीडियो मिला, जिसमें भगवा रंग के कपड़े पहने लोग रैली में हिस्सा लेते नजर आ रहे हैं।
दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश में सड़कों पर मार्च कर रहे हिंदुओं का है। जांच के दौरान हमने पाया कि यह वीडियो हाल का नहीं बल्कि 2023 का है।
क्या है दावा?
X यूजर Prof Sudhanshu ने भ्रामक दावे के साथ वीडियो साझा किया.
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखें।
https://archive.ph/nJYQH
अन्य उपयोगकर्ता भी भ्रामक दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने वीडियो से कीफ्रेम्स प्राप्त करके और फिर उस पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च चलाकर अपनी जांच शुरू की।
जांच के दौरान हमें फेसबुक पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला।
यह वही वीडियो था जिसे भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा था।
वीडियो का कैप्शन था (अनुवाद): प्रिय नेता फहमी गुलंदाज बाबेल सांसद श्री गफरगांव उपजिला छात्र लीग के नेतृत्व में एक बार फिर ढाका की सड़कों पर हलचल मच गई और इतिहास रच दिया।
इसके बाद हमने इस पर भी कीवर्ड सर्च किया और पाया कि यह वीडियो यूट्यूब शॉर्ट्स पर चैनल @channel24digital पर अपलोड किया गया है।
वीडियो 1 सितंबर, 2023 को अपलोड किया गया था। वीडियो के कैप्शन में लिखा था: BCL रैली में नेता और कार्यकर्ता एक विशाल जुलूस के साथ
हमें विरोध प्रदर्शन का एक और वीडियो मिला, जिसमें इस वीडियो के विपरीत सभी लोग काले कपड़े पहने हुए दिखाई दिए।
इसके बाद हमने बांग्लादेश के वरिष्ठ फैक्ट चेकर तौसीफ अकबर से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि वायरल वीडियो 2023 का है और रैली छात्र लीग (अवामी लीग की छात्र शाखा) की है।
निष्कर्ष: सितंबर 2023 में छात्र लीग के सदस्यों की रैली का पुराना वीडियो अब बांग्लादेश में हिंदुओं की एक हालिया रैली के रूप में शेयर किया जा रहा है। वायरल दावा भ्रामक है।