अंकिता देशकर

हरियाणा के नूंह जिले में सांप्रदायिक हिंसा के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तमाम वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं और दावा किया जा रहा है कि ये हाल की हैं। हमारे सामने एक ऐसा वीडियो आया, जिसे धड़ल्ले से साझा किया जा रहा है। इस वीडियो में एक समूह को सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है।

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह हालिया मेवात हिंसा का है। हालांकि, हमने अपनी जांच में पाया कि वीडियो पुराना है और गुजरात का है।

क्या हो रहा है वायरल?

ट्विटर यूजर सौरभर बारी झुनझुनवाला (Sourabh Bari Jhunjhunwala) ने अपनी प्रोफ़ाइल पर वायरल वीडियो साझा किया।

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखें।

पोस्ट का आर्काइव वर्जन।

तमाम अन्य यूजर्स भी इस वीडियो को साझा कर रहे हैं और ऐसा ही दावा कर रहे हैं। देखें कुछ ट्वीट…

जांच पड़ताल:

हमने वीडियो को ध्यान से देखा और अपनी पड़ताल शुरू की। हमें बस के अंत में ‘SITILINK’ लिखा हुआ मिला। हमने गूगल पर ‘SITILINK’ सर्च किया और पाया कि सिटी लिंक सूरत, गुजरात में एक बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) है। इससे यह संकेत मिला कि वीडियो सूरत, गुजरात का हो सकता है।

फिर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया और वीडियो को ऑनलाइन खोजा। कीवर्ड खोज से हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि एक पैदल यात्री को टक्कर मारने के बाद भीड़ ने एक बस में तोड़फोड़ की थी।

इसके बाद हमने इससे जुड़े और वीडियो चेक किए। हमें एबीपी अस्मिता के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। इस वीडियो के डिटेल के तौर पर लिखा था, ‘सूरत में मॉब लिंचिंग के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। भीड़ ने पथराव किया जिसके परिणामस्वरूप पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी। पिछले महीने एक युवक की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना हुई थी। एक युवक को भीड़ चौराहे पर पीट रही थी, जब युवक की पिटाई हो रही थी तो गांव में सैकड़ों लोग खड़े होकर तमाशा देख रहे थे। यह घटना दाहोद जिले की फतेपुरा तहसील में हुई।

हमें TV9 गुजराती द्वारा 4 साल पहले अपलोड किया गया एक वीडियो भी मिला।

हमें यही वीडियो प्रवीण पी नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला। यह वीडियो चार साल पहले अपलोड किया गया था। वीडियो का शीर्षक था: सूरत मॉब फाइट डैमेजिंग बस 2019, 12 जुलाई।

हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर एक फॉलोअप रिपोर्ट भी मिली, जिसमें कहा गया था कि मॉब लिंचिंग से जुड़ी रैली में हिंसा के लिए 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

हमें Divyang News  चैनल पर अपलोड किया गया एक वीडियो भी मिला, जिससे हमें पता चला कि यह वीडियो सूरत के नानपुरा का है। हमें एक रिपोर्ट के जरिये नानपुरा के बारे में और अधिक जानकारी मिली। इसमें लिखा था- “जैसे ही वे नानपुरा मक्काई पुल सर्कल पहुंचे, अनुमति न होने के कारण पुलिस उन्हें रोकने के लिए मौजूद थी।”

हमें घटना की सटीक लोकेशन भी गूगल मैप पर मिली।

निष्कर्ष: 2019 में सूरत (गुजरात) में मॉब लिंचिंग के खिलाफ हुए एक विरोध प्रदर्शन का वीडियो, मेवात झड़प का बताकर वायरल किया जा रहा है। दावा फर्जी है। (सोर्स- लाइटहाउस जर्नलिज्म)