उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को गलत बताया है। इंडियन एक्सप्रेस के ‘आइडिया एक्सचेंज’ कार्यक्रम में शामिल हुए मौर्य से जब पूछा गया कि क्या वह गैंगस्टर और राजनेता रहे अतीक अहमद की हत्या को सरकार के लिए चुनौती की तरह देखते हैं?

मौर्य ने बताया कि सरकार और खुद उनका भी व्यक्तिगत तौर पर यह मानना है कि अहमद-अशरफ की हत्या नहीं होनी चाहिए थी। मौर्य ने कहा, “अतीक और उसका भाई अशरफ बड़े अपराधी थे। सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि उनके मामलों को फास्ट-ट्रैक अदालतों में चलाया जाए और उन्हें फांसी की सजा हो। हत्या नहीं होनी चाहिए थी। अब एक विशेष जांच दल (SIT) इस घटना की जांच कर रहा है। सभी हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सच्चाई का पता लगाने के लिए उनका नार्को-एनालिसिस टेस्ट भी कराया जाएगा और उन्हें जल्द और कड़ी सजा दी जाएगी।”

कोई सरकार सबको नौकरी नहीं दे सकती- मौर्य

प्रदेश की बेरोजगारी के सवाल पर मौर्य ने दो टूक में कहा कि कोई भी सरकार सबको नौकरी नहीं दे सकती, “हम अवसर प्रदान कर रहे हैं जिससे राज्य के युवा अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां अवसरों की कमी नहीं है। आत्मनिर्भर भारत और कोविड के बाद घोषित राहत पैकेज के परिणाम धरातल पर दिखने लगे हैं। छोटे व्यवसाय प्रधानमंत्री मुद्रा योजना या स्टार्टअप इंडिया का लाभ ले सकते हैं।

यहां तक कि छोटे कारोबारी भी पीएम स्वनिधि योजना को चुन सकते हैं। जैसे- अगर कोई बैंक में सिर्फ आधार कार्ड लेकर जाता है और सब्जी की दुकान के लिए लोन मांगता है तो उसे बिना किसी गारंटी ऋण मिल जाएगा। प्रतिभाशाली युवा स्टार्टअप का विकल्प चुन सकते हैं। उन्हें नए क्षेत्रों में बिजनेस करना चाहिए।

सरकार उन्हें प्रशिक्षित करने और उन्हें आवश्यक बुनियादी सुविधा प्रदान करने के लिए तैयार है। यूपी अब आईआईटी और एनआईटी जैसे कई प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ एक शिक्षा केंद्र है। हम प्रत्येक कमिश्नरेट में एक विश्वविद्यालय बनाना चाहते हैं। सरकार के पास हर तबके के लिए कुछ न कुछ है। डबल इंजन वाली सरकार होने का यही फायदा है।”

उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी का हाल

पिछले साल आई गैर-सरकारी संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के सर्वे के मुताबिक, काम करने के इच्छुक उत्तर प्रदेश के 29.72 लाख युवा नौकरी खोजना ही बंद कर चुके हैं। हालांकि CMIE का ही 2020-21 (जुलाई 2020 से जून 2021) का डाटा बताता है कि उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर मात्र 4.2 प्रतिशत है।

देश में रोजगार का हाल

सरकारी नौकरी की बात करें तो केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या 47.58 लाख बताई जाती है। 2014 में भी संख्या लगभग इतनी ही थी। सैलरीड एम्‍ललॉइज की संख्‍या बढ़ी है। सीएमआईई की रिपोर्ट बताती है कि अगस्‍त 2020 में देश में सैलरीड एम्‍ललॉइज की संख्‍या 6.5 करोड़ थी, जो अक्‍टूबर 2022 में 8.6 करोड़ हो गई थी। NSSO ने दिखाया कि शहरी क्षेत्रों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों की बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 के दौरान घटकर 6.8 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले 8.2 प्रतिशत थी।

स्पष्ट है कि सरकारी डेटा में बेरोजगारी घटी है, लेकिन प्राइवेट थ‍िंंक टैंक इसके उलट आंकड़े दे रहे हैं। (विस्तार से पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें)

1980 के दंगे की रिपोर्ट अब क्यों खोल रही है यूपी सरकार?

इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकार दीप्तिमान तिवारी ने केशव प्रसाद मौर्य से पूछा कि आपकी सरकार ने कहा है कि वह 1980 के मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट विधानसभा में रखेगी। हालांकि दंगा प्रभावित लोग मर चुके हैं और कानूनी कार्यवाही अब मुश्किल है। पुराने घावों को फिर से ताजा करने के अलावा इस रिपोर्ट से आखिर क्या हासिल होगा?

मौर्य ने जवाब दिया कि “हम उस समय सरकार में नहीं थे। अगर रिपोर्ट थी तो तत्कालीन सरकार को सामने लाना चाहिए था लेकिन उन्होंने इसे छुपाया। क्योंकि मारे गए लोगों में से अधिकांश हिंदू थे और अनुसूचित जाति के थे, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम लोगों को सच बताएं।