चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (Chief Justice Of India) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) शुक्रवार यानी 3 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह में शामिल नहीं हुए। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और बकायदा बैनर पर उनका नाम भी लिखा था। चीफ जस्टिस की अनुपस्थिति को उनकी एससीबीए अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह से हुई तकरार से जोड़कर देखा जा रहा है।
बार एसोसिएशन (Bar Association) के होली मिलन कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के कई जज, सीनियर एडवोकेट और बार के तमाम मेंबर शामिल हुए। दिग्गज कवि अशोक चक्रधर और शंभू शिखर ने कविता पाठ किया, लेकिन कार्यक्रम में सीजेआई की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी रही।
क्यों हुई थी सीजेआई की बहस?
2 फरवरी को ही चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट विकास सिंह के बीच तीखी बहस हो गई थी। सीजेआई ने विकास सिंह को कोर्टरूम से बाहर जाने तक तो कह दिया था।
दरअसल, एडवोकेट विकास सिंह ‘अप्पू घर’ की जमीन को वकीलों के चेंबर के लिए आवंटित करने वाली याचिका पर सुनवाई की मांग कर रहे थे। उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ से कहा कि 6 बार से इस याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी है। जिस पर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने उन्हें खाली वक्त में आने को कहा। इस पर एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले को जजों को घर तक ले जाना पड़ेगा। इस बात पर सीजेआई काफी नाराज हो गए और तेज आवाज में विकास सिंह को बैठ जाने को कहा।
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि उनकी बेंच इस तरह से डरने वाली नहीं है और बार के किसी मेंबर ने कभी इस तरीके से उनका अपमान नहीं किया है और अपने करियर के आखिरी 2 सालों में भी ऐसा नहीं होने देंगे। सीजेआई और एडवोकेट विकास सिंह के बीच हुई गहमागहमी के बाद सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने पूरे मामले पर मुख्य न्यायाधीश से माफी मांगी थी।
पिछले साल सीजेआई रमन्ना हुए थे शामिल
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के होली मिलन कार्यक्रम में पिछले साल तत्कालीन चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना शामिल हुए थे।