छत्तीसगढ़ में मुस्लिम समुदाय ने मांग की है कि गाय को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। यह भी मांग की गई है कि कथित गोरक्षकों के द्वारा की जा रही हिंसा की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बीफ के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गुरुवार को बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग जुटे और उन्होंने इसे लेकर चिंता जताई कि उनके समुदाय को लगातार नाइंसाफी का सामना करना पड़ रहा है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से इसे लेकर भी चिंता जताई गई कि 7 जून को छत्तीसगढ़ के आरंग में कथित गोरक्षकों ने तीन ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर दी थी।

बीते कुछ सालों में देश के कई राज्यों में कथित गोरक्षकों के द्वारा गाय की रक्षा के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले की कई घटनाओं को अंजाम दिया गया है। इसके खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी आवाज उठ चुकी है।

Muslims | BJP |
रिपोर्ट दिल्ली में पेश की गई है। (फोटो : Express)

क्या हुआ था आरंग की घटना में?

7 जून को सद्दाम कुरैशी, उसके चचेरे भाई गुड्डू खान, चांद मियां खान जब पशुओं को छत्तीसगढ़ के महासमुंद से राज्य की राजधानी रायपुर की ओर लेकर आ रहे थे तो लोगों ने उन्हें रोक लिया था और आरंग इलाके में महानदी पुल पर इन लोगों पर हमला कर दिया था। पीड़ित परिवार के लोगों ने आरोप लगाया था कि यह मॉब लिंचिंग की घटना है। पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। मारे गए सभी लोग उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे।

भाजयुमो नेता की हुई थी गिरफ्तारी 

इस मामले में जिन चार लोगों की गिरफ्तारी हुई थी उनमें से एक भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता राजा अग्रवाल का नाम भी शामिल है। राजा अग्रवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं सहित कई साधु और संतों ने रायपुर में जोरदार प्रदर्शन किया था। पुलिस ने सभी अभियुक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 और 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इससे पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन कर इस घटना में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी की मांग की थी। 

मुस्लिम समुदाय के कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने कहा कि इस मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की और इससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि इस घटना की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए क्योंकि यह सिर्फ हत्या का मामला नहीं है बल्कि मॉब लिंचिंग की घटना है।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि कुछ लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि नए कानूनों में रिमांड का समय बढ़ गया है लेकिन नए कानूनों के तहत भी रिमांड का समय पहले की तरह 15 दिनों का ही है।(Source-PTI)

सीजेआई ने की थी कड़ी टिप्पणी

साल 2018 में तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा था कि मॉब लिंचिंग की घटनाएं कानून के शासन और संविधान के मूल्यों को नीचे दिखाने की कोशिश है और ऐसी घटनाओं को किसी भी सूरत में रोकना ही होगा वरना इससे अराजकता बढ़ जाएगी और यह किसी महामारी की तरह देश को खत्म कर देगी।

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे सरकार: हाई कोर्ट

सितंबर, 2021 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव ने केंद्र सरकार से मांग की थी वह गाय की सुरक्षा के लिए संसद में विधेयक लेकर आए। उन्होंने यह भी कहा था कि गाय की सुरक्षा करना हिंदुओं का मौलिक अधिकार है। जज ने यह भी कहा था कि ‘वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है जो ऑक्सीजन लेती है और ऑक्सीजन ही छोड़ती है।’

पसमांदा या पिछड़े मुसलमानों के लिए काम करने वाले संगठन ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ (एआईपीएमएम) ने कुछ महीने पहले बिहार के जाति सर्वेक्षण पर आधारित एक रिपोर्ट जारी की थी और इसके जरिये मांग की थी कि केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग के खिलाफ कड़ा कानून बनाए और ‘बुलडोजर कल्चर’ की जांच करे। एआईपीएमएम ने कहा था कि मॉब लिंचिंग और बुलडोजर के पीड़ितों में लगभग सभी पीड़ित पसमांदा समुदाय से हैं।

नए कानून में क्या है प्रावधान

भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 के तहत पहली बार मॉब लिंचिंग और हेट क्राइम को हत्या की एक अलग श्रेणी बना दिया गया है। यह अपराध उन मामलों से संबंधित है जब पांच या इससे ज्यादा लोगों की भीड़ नस्ल, जाति, समुदाय या निजी विश्वास जैसी वजहों के आधार पर किसी की हत्या करती है।

मॉब लिंचिंग की बड़ी घटनाएं

पिछले कुछ सालों में मॉब लिंचिंग की पहली बड़ी घटना 2015 में ग्रेटर नोएडा में हुई थी। यहां एक बुजुर्ग शख्स अखलाक की पीट-पीटकर इसलिए हत्या कर दी गई थी क्योंकि क्योंकि कथित गो रक्षकों को इस बात का शक था कि अखलाक के फ्रिज में गो मांस रखा है।

जुलाई, 2018 में रकबर खान को भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया था और इसका आरोप कथित गौरक्षकों पर लगा था। उन्हें शक था कि रकबर मवेशियों की तस्करी कर रहा था। यह घटना अलवर में हुई थी। 

इसके बाद राजस्थान के अलवर में पहलू खान से लेकर झारखंड में अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या का मामला जोर-शोर से सामने आया था। राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले जुनैद और नासिर की बीते साल भिवानी में हत्या कर दी गई थी।