बिहार सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की उनके घर में बेरहमी से हत्या कर दी गई। जीतन सहनी का दरभंगा के सुपौल बाजार के अफजला पंचायत में घर है और वहीं उनकी हत्या हुई है।
उनकी हत्या पर सियासत भी शुरू हो गई है। जहां सत्ताधारी एनडीए के नेता बिहार सरकार के बचाव में उतर आए हैं, वहीं विरोधी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने सरकार पर हमला बोला है। खास बात है कि जहां इंडिया गठबंधन सत्ता में है, वहां ऐसी ही घटनाओंं पर बीजेपी नेताओं ने सीधे तौर पर सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए अपराधियों का राज करार दिया था।
जीतन सहनी की हत्या को लेकर बीजेपी के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, ‘हत्या निश्चित रुप से जघन्य अपराध है और सभ्य समाज में आप अपराध को नहीं रोक सकते हैं, चाहे आप कितने भी सक्षम हो जाएं। इसका उदाहरण अमेरिका है, जहां पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला हो गया।’
अजय आलोक ने कहा कि राज्य सरकार अपराधों पर अंकुश लगाना जानती है और 72 घंटे के अंदर इस घटना में शामिल लोगों का पता लगा लिया जाएगा।
कुछ इसी तरह का बयान केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर ने भी दिया है। उन्होंने कहा है कि घटनाएं होती हैं और अमेरिका में ट्रंप पर गोली चल गई।
बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस घटना पर दुख जताया है और राज्य की कानून व्यवस्था के बारे में कुछ नहीं कहा है। गिरिराज सिंह ने कहा है कि यह घटना राजनीति का विषय नहीं है।
बिहार में अपराध के आंकड़े
साल | डकैती की वारदात | दुष्कर्म की वारदात |
2019 | 391 | 730 |
2020 | 222 | 806 |
2021 | 267 | 786 |
बिहार में आपराधिक घटनाओं की लगभग बाढ़ सी आई हुई है। अगर आप बिहार के अलग-अलग जिलों के समाचार पत्रों को देखेंगे तो पता चलेगा कि लगातार अपराध हो रहा है। ऐसा नहीं है कि एनडीए शासित राज्य में ही अपराध हो रहा है। विपक्ष शासित राज्यों में भी अपराध हो रहा है लेकिन इसको लेकर राजनेताओं के जो बयान हैं, उन्हें देखकर हैरानी पैदा होती है।
जीतन सहनी की हत्या को लेकर बीजेपी नेता अजय आलोक ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार का बचाव करने की कोशिश की है लेकिन विपक्ष शासित राज्य पश्चिम बंगाल में अगर इस तरह की घटना हो जाए तो बीजेपी या एनडीए नेताओं के बयान पूरी तरह अलग होते हैं।
जैसे बंगाल में हिंसा पर बीजेपी नेता बयान देते हैं कि लगातार हिंसा की वजह से लोग बंगाल छोड़कर जा रहे हैं।
झारखंड में विपक्षी दलों की गठबंधन सरकार है और वहां किसी भी तरह के अपराध पर भाजपा के नेता तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं और कानून व्यवस्था की स्थिति के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराते हैं।