देश में करीब 20 लाख नाबालिग भांग का नशा करते हैं, 40 लाख नाबालिग हेरोइन व अन्य ओपीओइड का नशा करते हैं और दो लाख बच्चे कोकीन की गिरफ्त में हैं। ये सिर्फ नाबालिगों से जुड़ा आंकड़ा है। वयस्कों की संख्या करोड़ों में है। संसद में पूछे गए सवालों के जवाब में भारत सरकार ने खुद इन आंकड़ों को पेश किया है।

Continue reading this story with Jansatta premium subscription
Already a subscriber? Sign in

नशा करने वालों की संख्या

वी. मुरलीधरन के सवाल का जवाब देते हुए गृह मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि देश में करीब 3,10,18,000 (तीन करोड़ दस लाख अठारह हजार) लोग भांग का नशा करते हैं। इसमें 20 लाख नाबालिग और 2,90,18,000 ( दो करोड़ नब्बे लाख अठारह हजार) वयस्क शामिल हैं।

करीब 2,26,44,000 (दो करोड़ छब्बीस लाख चौवालीस हजार) लोग हेरोइन व अन्य ओपीओइड का नशा करते हैं। इसमें 40 लाख नाबालिग और 1,86,44,000 (एक करोड़ छियासी लाख चौवालीस हजार) वयस्क शामिल हैं।

कोकेन जैसा खतरनाक ड्रग्स भी भारत में भारी मात्रा में किया जा रहा है। करीब 11,40,000 (ग्यारह लाख चालीस हजार) लोग भारत में कोकेन का नशा करते हैं। इसमें दो लाख नाबालिग और 9,40,000 (नौ लाख चालीस हजार) वयस्क शामिल हैं।

कैसे जुटाए गए आंकड़े?

साल 2018 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने एम्स के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर के माध्यम से ‘भारत में मादक पदार्थों के इस्तेमाल की सीमा और पैटर्न’ के संबंध में व्यापक राष्ट्रीय सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट फरवरी 2019 में जारी की गई थी।

ड्रग्स तस्करी में यूपी नंबर-1

NDPS (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट, 1985 के तहत सबसे अधिक मामले यूपी में ही दर्ज हुए हैं। साल 2020 में उत्तर प्रदेश में इस एक्ट के तहत 10852 मामले दर्ज किए गए। इतने मामले देश के किसी दूसरे किसी राज्य में दर्ज नहीं हुए। यह आंकड़ा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़े सवालों के जवाब में 19 जुलाई, 2022 को बताया था। 

NDPS एक्ट के तहत नशीले पदार्थों के अवैध व्यापार से अर्जित संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है। इस एक्ट के तहत दो तरह के नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। पहला नारकोटिक और दूसरा साइकोट्रोपिक।  नारकोटिक ड्रग्स में नेचुरल रिसोर्सेज से बना होता है, जैसे -चरस, गांजा, अफीम आदि। साइकोट्रोपिक ड्रग्स हानिकारक केमिकल से बनाये जाते हैं, जैसे- एलएसडी, एमएमडीए, अल्प्राजोलम आदि।

जनसत्‍ता स्‍पेशल स्‍टोरीज पढ़ने के ल‍िए क्‍ल‍िक करें। अगर क‍िसी मुद्दे को व‍िस्‍तार से समझना है तो Jansatta Explained पर क्‍ल‍िक करें।