मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के पूनामल्ली (Poonamallee) जिले की स्पेशल कोर्ट को बीजेपी नेता वी. रमेश मर्डर केस की सुनवाई 2 महीने के अंदर पूरी करने का आदेश दिया है। ‘ऑडिटर रमेश’ के नाम से मशहूर बीजेपी नेता और राज्य के महासचिव रहे वी. रमेश की साल 2013 में उनके घर के बाहर गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।

91 साल की मां ने खटखटाया HC का दरवाजा

वी. रमेश की 91 साल की मां ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और स्पेशल कोर्ट द्वारा इस मामले की तेजी से सुनवाई की मांग की थी। मद्रास हाईकोर्ट की जस्टिस आरएन मंजुला (RN Manjula) के संज्ञान में जब यह बात आई कि इस मामले की सुनवाई 50 से ज्यादा बार टल चुकी है तो वह खुद हैरान रह गईं। जस्टिस मंजुला ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ट्रायल में इतनी देरी स्थानीय कोर्ट की असंवेदनशीलता दिखाती है।

2 महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश

मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने पूनामल्ली (Poonamallee) की स्पेशल कोर्ट को आदेश दिया कि हर हाल में इस केस की सुनवाई 2 महीने के भीतर पूरी हो जाए। मामले की हर दिन सुनवाई हो और किसी परिस्थिति में मामले को 2-3 दिन से ज्यादा के लिए स्थगित ना किया जाए।

मामले के ज्यादातर गवाह हैं बुजुर्ग

वी. रमेश की 91 वर्षीय मां वी. कमला ने कोर्ट को बताया कि इस मामले के तमाम प्रमुख गवाह सीनियर सिटीजन यानी बुजुर्ग हैं और कई लोगों की उम्र 80 साल से ज्यादा है। ऐसे में प्रयास होना चाहिए कि जल्द से जल्द उनकी गवाही ले ली जाए।

क्या है पूरा मामला?

बीजेपी नेता वी. रमेश (V Ramesh) की 20 जुलाई 2013 को हत्या कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक रमेश रात 10 बजे पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद वापस अपने घर लौटे। हत्यारे उन्हीं के घर के कंपाउंड में छिपे हुए थे। रमेश जैसे ही कंपाउंड में दाखिल हुए, उन पर हमला कर दिया। गर्दन और सिर पर गंभीर चोट आई और मौके पर ही मौत हो गई थी।

Bar & Bench की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में छानबीन शुरू की थी और 2014 में ही चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। इसके बाद जब भी सुनवाई का मौका आया तो मामला स्थगित होता रहा और कुल एक-दो नहीं बल्कि 50 से ज्यादा बार स्थगित हुआ।