लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी से सांसद बने हैं। लेकिन, इस बार उनका वोट शेयर और जीत का मार्जिन, दोनों में जबरदस्त गिरावट है। उनका वोट शेयर तो 2014 से भी कम रह गया है और जीत के अंतर का प्रतिशत तीसरे सबसे निचले स्तर पर जा पहुंचा है।
अगर 1977 में इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी और 1991 में चंद्रशेखर का उदाहरण छोड़ दिया जाए तो प्रधानमंत्री रहते चुनाव जीतने वाले नेताओं में नरेंद्र मोदी की जीत का अंतर सबसे कम रहा है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2024 में भाजपा का भी प्रदर्शन बुरा रहा है। एनडीए ने बहुमत का आंकड़ा जरूर हासिल कर लिया है लेकिन बीजेपी अपने दम पर अकेले बहुमत नहीं हासिल कर सकी।
4 जून को सामने आए लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में एनडीए को 293 और भाजपा को 240 सीटें मिली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार ऐसा हुआ है जब भाजपा अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा हासिल नहीं कर सकी है। वहीं, वाराणसी सीट पर पीएम मोदी की जीत का मार्जिन भी कम हो गया है।
2024 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने वाराणसी लोकसभा सीट से 1.52 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की है जो 2019 की तुलना में काफी कम है। पिछले चुनाव में पीएम मोदी ने 4.79 लाख वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की थी। 2024 में उनकी जीत का मार्जिन 2019 की तुलना में करीब एक-तिहाई ही रह गया।
घट गया पीएम मोदी की जीत का अंतर
2024 के चुनाव में मोदी का वोट शेयर 54.2% है। हालांकि यह उनके 2019 और 2014 के वोट शेयर 63.6% और 56.4% से कम है। वहीं, दूसरी ओर 2014 और 2019 में वाराणसी में पीएम मोदी की जीत का मार्जिन 36.1% और 45.2% था। 2024 में यह गिरकर सिर्फ 13.5% रह गई है।
प्रधानमंत्री मोदी के क्षेत्र में 8478 वोटर्स ने ईवीएम में ‘नोटा’ बटन भी दबाया।

पीएम मोदी ने किसे दी मात
नरेंद्र मोदी ने 2014 में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और 2019 में समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव को हराया था और 2024 चुनाव में कांग्रेस के अजय राय को पीएम मोदी ने हराया।
AAP ने 2014 का चुनाव वाराणसी में अपने दम पर लड़ा था, 2019 में SP ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के साथ गठबंधन किया था और 2024 में कांग्रेस और सपा ने गठबंधन किया था।
वाराणसी में मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों (नोटा सहित) की संख्या 2014 में 42, 2019 में 26 और 2024 में सिर्फ सात थी।
वोट शेयर की बात करें तो वाराणसी में दूसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार का वोट शेयर 2014 में 20.3% और 2019 के चुनाव में 18.4% था। 2024 में यह संख्या बढ़कर 40.7% हो गई है।
वाराणसी सीट पर दूसरे स्थान पर आने वाले प्रत्याशी का वोट शेयर
चुनावी वर्ष | दूसरे स्थान पर आने वाले प्रत्याशी का वोट शेयर (%) |
2014 | 20.3 |
2019 | 18.4 |
2024 | 40.74 |
अब तक सबसे कम मार्जिन से जीतने वाले प्रधानमंत्री
1951 के बाद से 17 लोकसभा चुनाव हुए हैं। अगर 1977 में इंदिरा गांधी की हार को छोड़ दिया जाए तो मोदी की 2024 की जीत का अंतर, वोटों के प्रतिशत के मामले में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले किसी भी मौजूदा प्रधानमंत्री के लिए सबसे कम है। अगर आपातकाल के बाद हुए चुनाव और 1991 में चन्द्रशेखर की जीत का अंतर हटा दिया जाये तो।
गौरतलब है कि जब 1991 के चुनाव हुए तो चन्द्रशेखर कार्यवाहक प्रधानमंत्री थे। 1984 में राजीव गांधी की 72.2% की जीत का अंतर लोकसभा चुनाव लड़ रहे किसी मौजूदा प्रधानमंत्री के लिए अब तक का सबसे बड़ा जीत अंतर है। हालांकि, यह चुनाव इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुआ था।
प्रधानमंत्री | जीत का मार्जिन |
राजीव गांधी | 72.18 |
राजीव गांधी | 50.22 |
नरेंद्र मोदी | 45.22 |
इंदिरा गांधी | 40.47 |
अटल बिहारी वाजपेयी | 37.74 |
इंदिरा गांधी | 35.24 |
जवाहरलाल नेहरू | 33.46 |
चरण सिंह | 33.33 |
पीवी नरसिम्हा राव | 30.97 |
जवाहरलाल नेहरू | 21.88 |
जवाहरलाल नेहरू | 19.49 |
अटल बिहारी वाजपेयी | 16.4 |
पीवी नरसिम्हा राव | 13.56 |
नरेंद्र मोदी | 13.49 |
चंद्रशेखर | 12.78 |
वाराणसी लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | मिले वोट |
नरेंद्र मोदी | भाजपा | 612970 |
अजय राय | कांग्रेस | 460457 |
अतहर जमाल लारी | बसपा | 33766 |
के. शिवकुमार | युग तुलसी पार्टी | 5750 |
गगन प्रकाश यादव | अपना दल (के) | 3634 |
दिनेश कुमार यादव | निर्दलीय | 2917 |
संजय कुमार तिवारी | निर्दलीय | 2171 |
नोटा | | 8478 |
कुल | | 1130141 |
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रैलियों व रोड शो के जरिए भाजपा व एनडीए के लिए वोट मांगने गए। पीएम मोदी ने जहां रोड शो या रैलियाँ की थीं, उनमें से 75 सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश में नरेंद्र मोदी ने 27 रैलियाँ और 4 रोड शो किए लेकिन बीजेपी सिर्फ 13 सीटें जीत सकी। पंजाब, तमिलनाडु और गोवा में नरेंद्र मोदी ने 11 रैलियां कीं लेकिन वहां भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली।
