आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जानी है। पिछले कुछ महीने चुनाव आयोग ने मतदाता सूची को अपडेट करने में बिताए हैं। उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक सूची अपडेट करने का काम जारी रहेगा।
चुनाव आयोग ने फरवरी की शुरुआत में कहा था कि अब तक उसने 96.9 करोड़ मतदाताओं को पंजीकृत किया है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में 6% अधिक है। तब मतदाताओं की संख्या 91.2 करोड़ से थी। सिर्फ इस साल की शुरुआत से चुनाव आयोग ने 2.63 करोड़ नए मतदाता जोड़े हैं।
1.85 करोड़ फर्स्ट टाइम वोटर्स
चुनाव आयोग ने बताया है कि अतिरिक्त 5.68 करोड़ मतदाताओं में से 1.85 करोड़ फर्स्ट टाइम वोटर्स (पहली बार वोट करने वाले) हैं, यह कुल का लगभग 1.91% है। 2019 में पहली बार वोट देने वाले युवाओं की संख्या 1.5 करोड़ थी, यानी कुल में उनकी हिस्सेदारी 1.64% से थोड़ी कम थी।
2019 की तुलना में इस वर्ष 18-19 आयु वर्ग के लोगों का नामांकन लगभग 23% बढ़ गया है, यह महत्वपूर्ण है जब बेरोजगारी, शैक्षिक अवसर जैसे युवाओं से संबंधित कई मुद्दे मतदाताओं के बीच बड़ी चिंता हैं।
फर्स्ट टाइम वोटर्स पर भाजपा की नजर
इस सप्ताह की शुरुआत में सरकार ने फर्स्ट टाइम वोटर्स को प्रोत्साहित करने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया। पिछले महीने भाजपा युवा आउटरीच के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लगभग 30 लाख फर्स्ट टाइम वोटर्स के साथ बातचीत की और उनसे भाजपा के चुनाव घोषणापत्र के लिए सुझाव भेजने का आग्रह किया।
पीएम ने अपने हालिया “मन की बात” में भी पहली बार वोट करने वाले युवाओं से अपील की है। उन्होंने कहा, “भारत को अपनी युवा शक्ति पर गर्व है जो जोश और ऊर्जा से भरी है और जितना अधिक युवा चुनावी प्रक्रिया में भाग लेंगे, देश के लिए परिणाम उतने ही बेहतर होंगे।”

पहले चुनाव से अब तक जनसंख्या चार गुना और मतदाता छह गुना बढ़े
उपरोक्त चार्ट से पता चलता है, 1951-52 में पहले लोकसभा चुनाव के वक्त देश की कुल आबादी 36.1 करोड़ थी और मतदाता 17.3 करोड़ थे। तब से मतदाताओं की संख्या लगभग छह गुना बढ़ गई है जबकि कुल जनसंख्या चार गुना बढ़ी है। मतदान प्रतिशत भी लगातार बढ़ा है। 1951-52 में मतदान प्रतिशत 45.7% था, जो 2019 में अब तक के उच्चतम 67.4% पहुंच गया था।
महिला मतदाताओं के पंजीकरण में भी वृद्धि हुई है, लिंग अनुपात 2019 में 928 से बढ़कर अब 948 हो गया है। 47.1 करोड़ महिलाओं की तुलना में अब 49.7 करोड़ पुरुष मतदाता हैं। 2019 में कुल मतदाताओं में 46.5 करोड़ पुरुष और 43.1 करोड़ महिलाएं थीं। पिछले पांच वर्षों में ट्रांसजेंडर मतदाताओं की संख्या 39,683 से बढ़कर 48,044 हो गई है।
किस राज्य में सबसे ज्यादा मतदाता?
8 फरवरी तक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में सबसे अधिक मतदाता थे। ये राज्य देश में सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में से हैं। हालांकि तमिलनाडु में मध्य प्रदेश की तुलना में अधिक मतदाता हैं, जबकि मध्य प्रदेश पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है।