लोकसभा चुनाव 2024 और 5 ट्र‍िल‍ियन डॉलर इकॉनमी की चर्चा के बीच भारतीय शेयर बाजार ( बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज – बीएसई) में सूचीबद्ध कंपन‍ियों की कुल पूंजी (मार्केट कैप) का आंकड़ा 5 ट्र‍िल‍ियन डॉलर (416 लाख करोड़ रुपये) के पार कर गया गया।

21 मई को पहली बार बाजार ने यह उपलब्‍ध‍ि हास‍िल की। 23 मई को भी बाजार बंद होते समय बीएसई में सूचीबद्ध कंपन‍ियों का कुल मार्केट-कैप 5.05 ट्रि‍ल‍ियन डॉलर (420.22 लाख करोड़ रुपये) था। 23 मई को एनएसई ने भी यह आंकड़ा पार कर ल‍िया। अमेर‍िका, चीन, जापान और हांगकांग के बाद भारत इस आंकड़े को पार करने वाला पांचवा शेयर बाजार बन गया है।

चुनाव सह‍ित देश-व‍िदेश में चलने वाली गत‍िव‍िध‍ियों का असर बाजार पर पड़ता ही है। चुनाव के बीच इस ऐत‍िहास‍िक आंकड़े से बाजार में उम्‍मीद जगी है और इस बात पर भी चर्चा होने लगी है क‍ि चुनाव नतीजों के बाद बाजार की स्‍थ‍ित‍ि कैसी रहेगी। इस चर्चा के बीच हम यह समझने की कोश‍िश करते हैं क‍ि प‍िछले चुनावों के वक्‍त शेयर बाजार का प्रदर्शन कैसा रहा था।

सबसे पहले यह देखते हैं क‍ि क‍िस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में शेयर बाजार से न‍िवेशकों को सबसे ज्‍यादा फायदा हुआ। अंग्रेजी अखबार ह‍िंंदुस्‍तान टाइम्‍स ने बीएसई के आंकड़ों के आधार पर यह गणना की है क‍ि क‍िसी प्रधानमंत्री के कार्यकाल की शुरुआत पर बीएसई में क‍िया गया एक हजार रुपये का न‍िवेश उस प्रधानमंत्री के कार्यकाल के अंत में कहां पहुंच गया।

क‍िस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में शेयर बाजार से न‍िवेशकों को हुआ क‍ितना फायदा?

प्रधानमंत्री कार्यकाल कार्यकाल की शुरुआत में बीएसई में क‍िया गया एक हजार रुपये का न‍िवेश कार्यकाल के अंत में क‍ितना हो गया (रुपये में)
नरस‍िंंह राव21 जून 91 से 16 मई 96 2807.6
अटल बिहारी वाजपेयी 16 मई 96 से 31 मई 96 974.3
एचडी देवेगौड़ा 3 जून 96 से 21 अप्रैल 97 1000.2
इंद्र कुमार गुजराल 21 अप्रैल 97 से 19 मार्च 98 1005.5
अटल बिहारी वाजपेयी 19 मार्च 98 से 21 मई 04 1298.5
मनमोहन सिंह 24 मई 04 से 22 मई 09 2710.6
मनमोहन सिंह 22 मई 09 से 26 मई 14 1779.8
नरेंद्र मोदी 26 मई 14 से 13 मई 19 1611.5
नरेंद्र मोदी 13 मई 19 से 22 मई 24 1863.4

अटल ब‍िहारी वाजपेयी के कार्यकाल में न‍िवेशकों को घाटा

गणना के मुताब‍िक 1996 में 13 द‍िन के अटल ब‍िहारी वाजपेयी के कार्यकाल में ही न‍िवेशकों को घाटा हुआ। बाकी सभी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कुछ न कुछ फायदा ही हुआ। सबसे कम फायदा एचडी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल के कार्यकाल में हुआ। ये दोनों साल भर से कम ही प्रधानमंत्री के पद पर रहे थे।

मोदी के कार्यकाल में निवेशकों को कितना फायदा?

नरेंद्र मोदी और मनमोहन स‍िंंह के दो कार्यकालों की तुलना करें तो पता चलता है क‍ि मनमोहन स‍िंंह के पहले कार्यकाल के दौरान बीएसई में एक हजार रुपये का न‍िवेश 2710 रुपये तक पहुंच गया था, जबक‍ि दूसरे कार्यकाल में यह 1780 रुपये तक गया था। नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में जहां न‍िवेशकों को हजार रुपये के न‍िवेश पर 611 रुपये का फायदा हुआ, वहीं दूसरे कार्यकाल में 863 रुपये का। टेबल में देख‍िए 1991 से 2024 के बीच क‍िस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में शेयर बाजार से न‍िवेशकों को क‍ितना फायदा हुआ

चुनाव पर‍िणाम का भी शेयर बाजार पर असर पड़ता है। लोकसभा चुनाव 2024 के पर‍िणाम 4 जून को आएंगे। इससे पहले जब भी मतगणना हुई तो उस द‍िन या उसके अगले द‍िन शेयर बाजार (सेंसेक्‍स और न‍िफ्टी) की चाल कैसी रही, नीचे द‍िए गए टेबल से समझ‍िए:

लोकसभा चुनाव पर‍िणाम और शेयर बाजार का कैसा रहा र‍िश्‍ता

चुनावी वर्ष मतगणना या उसके अगले द‍िन सेंसेक्स में उछाल मतगणना या उसके अगले द‍िन न‍िफ्टी में उछाल
1991 1.1 1.2
1996 1.5 0.9
1998 2.7 1.7
1999 -0.2 1.1
2004 -11.1 -12.2
2009 17.3 17.7
20140.9 1.1
2019 -0.8-0.7

अब इस चार्ट से समझ‍िए क‍ि लोकसभा चुनाव के दौरान (लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से लेकर मतगणना तक) शेयर बाजार की चाल कैसी रही

चुनावी वर्षचुनाव की घोषणा से मतगणना के बीच सेंसेक्स में उछाल चुनाव की घोषणा से मतगणना के बीच न‍िफ्टी में उछाल
19912.5 1.1
199615.2 14.9
19983.0 1.7
19997.7 11.1
2004-22.6-25.0
200966.061.6
201413.413.8
20194.74.4

बात अगर करें क‍ि चुनाव के बाद एक साल के दौरान शेयर बाजार का परफॉर्मेंस कैसा रहा तो इस ल‍िहाज से 1991 का चुनाव टॉप पर और 2019 का चुनाव सबसे नीचे आता है। देख‍िए इस चार्ट में

चुनाव के बाद एक वर्ष में शेयर बाजार का कैसा रहा प्रदर्शन

चुनावी वर्षसेंसेक्सनिफ्टी
1991135.7113.5
1996-1.3-5.2
1998-0.8-1.9
1999-12.9-7.7
200443.543.4
200918.117.2
201414.816.3
2019-21.1-22.5