गुरुग्राम लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को इस बार गुटबाजी का सामना करना पड़ रहा है। हालात कुछ ऐसे हैं कि गुरुग्राम में बीजेपी के दो विधायक राव इंद्रजीत सिंह के चुनाव प्रचार में नहीं दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के कुछ बड़े नेता भी उनके चुनाव प्रचार में सिर्फ नाम मात्र के लिए ही दिख रहे हैं।
2019 में राव इंद्रजीत सिंह की जीत का अंतर लगभग चार लाख वोटों का रहा था। तब उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन अजय यादव को हराया था। राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम सीट से लगातार तीन चुनाव जीत चुके हैं लेकिन इस बार जिस तरह की गुटबाजी बीजेपी में दिखाई दे रही है, क्या उससे उनकी राह मुश्किल हो सकती है?
कांग्रेस ने गुरुग्राम सीट से पूर्व अभिनेता राज बब्बर को टिकट दिया है। पंजाबी समुदाय से आने वाले राज बब्बर से कांग्रेस को उम्मीद है कि उनके स्टारडम का फायदा पार्टी को मिल सकता है।
इंडियन नेशनल लोकदल ने इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी संख्या को देखते हुए हाजी सोहराब खान को उम्मीदवार बनाया है जबकि जननायक जनता पार्टी ने पॉपुलर हरियाणवी गायक राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया को टिकट दिया है।
Gurugram Lok Sabha Election: गुरुग्राम से अब तक बने सांसद
1957 में भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़कर चुनाव जीते थे। फिल्म स्टार शाहरुख खान के पिता ताज मोहम्मद भी 1957 में इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।
| साल | जीते उम्मीदवार का नाम | किस राजनीतिक दल को मिली जीत |
| 1952 | ठाकुर दास भार्गव | कांग्रेस |
| 1957 | अबुल कलाम आज़ाद | कांग्रेस |
| 1958 (उपचुनाव) | प्रकाश वीर शास्त्री | निर्दलीय |
| 1962 | गजराज सिंह यादव | कांग्रेस |
| 1967 | अब्दुल गनी डार | निर्दलीय |
| 1971 | तैय्यब हुसैन | कांग्रेस |
| 2009 | राव इंद्रजीत सिंह | कांग्रेस |
| 2014 | राव इंद्रजीत सिंह | बीजेपी |
| 2019 | राव इंद्रजीत सिंह | बीजेपी |
Rao Inderjit Singh BJP: कौन हैं राव इंद्रजीत सिंह?
राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल यानी दक्षिणी हरियाणा के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। उन्हें अहीरवाल का राजा भी कहा जाता है। उनके पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री बने थे। राव इंद्रजीत सिंह पांच बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। तीन बार गुरुग्राम सीट से जीत दर्ज करने के अलावा वह दो बार भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से भी सांसद रहे हैं।
राव इंद्रजीत सिंह जब कांग्रेस में थे तब भी उनका बड़ा कद था और वह मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री थे। बीजेपी में आने के बाद भी वह पिछले 10 साल से मोदी सरकार में मंत्री हैं। राव इंद्रजीत सिंह 2009 में गुरुग्राम से कांग्रेस के टिकट पर जीते थे लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।

Gurugram Lok Sabha Chunav 2024: ये विधायक हैं चुनाव प्रचार से दूर
राव इंद्रजीत सिंह जानते हैं कि चुनाव में उन्हें इस गुटबाजी से नुकसान हो सकता है इसलिए वह पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लेकिन गुरुग्राम सीट के विधायक सुधीर सिंगला, सोहना सीट से विधायक संजय सिंह राव इंद्रजीत सिंह के प्रचार में नजर नहीं आए हैं। बताया जा रहा है कि सुधीर सिंगला के गले का ऑपरेशन हुआ है, इसलिए वह चुनाव प्रचार से दूर हैं। बादशाहपुर से निर्दलीय विधायक लेकिन राज्य की भाजपा सरकार को समर्थन देने वाले राकेश दौलताबाद भी राव इंद्रजीत सिंह के प्रचार में नहीं दिखाई दे रहे हैं।
ये सीनियर नेता भी नहीं दिखते चुनाव प्रचार में
राव इंद्रजीत सिंह को चुनाव प्रचार के दौरान विधायकों के अलावा पार्टी के बड़े नेताओं से भी सहयोग नहीं मिल पा रहा है। गुरुग्राम लोकसभा सीट पर पूर्व सांसद सुधा यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास अहीरवाल के इस दिग्गज नेता के प्रचार से लगभग दूर ही हैं। ये नेता पार्टी के किसी बड़े नेता के आने पर ही चुनाव प्रचार में दिखाई देते हैं।

Sudha Yadav BJP: सुधा यादव को नहीं मिला टिकट
सुधा यादव 1999 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर राव इंद्रजीत सिंह को हरा चुकी हैं। सुधा यादव इस बार गुरुग्राम सीट से टिकट मांग रही थी लेकिन पार्टी ने एक बार फिर राव इंद्रजीत सिंह पर ही भरोसा जताया। सुधा यादव की तरह रणधीर सिंह कापड़ीवास और राव नरबीर सिंह भी भाजपा प्रत्याशी के प्रचार में खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।
इसके पीछे यह वजह बताई जाती है कि 2019 के विधानसभा चुनाव में जब राव नरबीर सिंह बादशाहपुर से टिकट मांग रहे थे और रणधीर सिंह कापड़ीवास रेवाड़ी सीट से टिकट के दावेदार थे तो उनका टिकट काट दिया गया था। बताया जाता है कि उस वक्त टिकट बंटवारे में राव इंद्रजीत सिंह की चली थी और इन दोनों नेताओं का राव इंद्रजीत सिंह से 36 का आंकड़ा माना जाता है।

Biplab Deb BJP: नहीं आए थे प्रदेश प्रभारी
बीते महीने जब राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम लोकसभा सीट के अंदर आने वाली बावल विधानसभा सीट पर चुनावी जनसभा का आयोजन किया था तो इसमें पार्टी के प्रदेश प्रभारी बिप्लव देब नहीं आए थे। बीजेपी का भी कोई बड़ा नेता इस चुनावी जनसभा में नहीं पहुंचा था। इसका दर्द भी राव इंद्रजीत सिंह के भाषण में दिखाई दिया था।
चुनाव के बाद होगा हिसाब: राव इंद्रजीत सिंह
राव इंद्रजीत सिंह जानते हैं कि उन्हें चुनाव के दौरान गुटबाजी का शिकार होना पड़ रहा है। इसलिए कुछ दिन पहले उन्होंने भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से बीजेपी के उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर सिंह की चुनावी सभा में अपने दिल का दर्द बयां किया था। उन्होंने कहा था कि इस लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा का नक्शा बदलेगा। उन्होंने कहा था कि बीजेपी में परिवर्तन होगा और जो लोग बड़े-बड़े पदों पर बैठे हैं, यह जरूरी नहीं है कि वे लोग आगे भी बैठे रहेंगे, हमें बीजेपी के अंदर अनुशासन लाना है।

Congress Raj Babbar: कांग्रेस ने राज बब्बर को उतारा है मैदान में
कांग्रेस ने गुरुग्राम सीट से पूर्व अभिनेता राज बब्बर को टिकट दिया है। राज बब्बर सपा से होते हुए कांग्रेस में आए हैं। वह उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।
Gurugram Lok Sabha Seat: बीजेपी-कांग्रेस के पास हैं 4-4 सीटें
गुरुग्राम लोकसभा सीट में नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनके नाम बावल, रेवाड़ी, पटौदी, बादशाहपुर, गुरुग्राम, सोहना, नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में इनमें से चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी जबकि कांग्रेस के खाते में भी चार सीटें आई थी। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते थे।
राजनीतिक दलों से मिले आंकड़ों के मुताबिक, गुरुग्राम सीट पर कुल 25,49,628 मतदाता हैं। इसमें अहीर 19%, मुस्लिम 17%, पंजाबी और राजपूत 8% हैं। इस सीट पर अनूसूचित जाति वर्ग के मतदाता 18% हैं। इसके अलावा ब्राह्मण और जाट मतदाता 7-7% हैं। यहां ओबीसी और वैश्य मतदाताओं की भी अच्छी संख्या है।

