लोकसभा चुनाव 2024 में नेताओं ने पर‍िवारवाद का मुद्दा भी खूब उछाला। भाषणों में इसे गलत बताते हुए व‍िरोधी नेताओं पर बढ़ावा देने का आरोप लगाया। हकीकत में खुद इसे आगे बढ़ाया। सबसे ताजा और चर्च‍ित उदाहरण भाजपा का है।

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट पर पूर्व सांसद बृज भूषण शरण सिंह के सबसे छोटे बेटे करण भूषण सिंह को मैदान में उतारा है। पार्टी ने एक तरफ जहां यौन उत्पीड़न के आरोपी छह बार के सांसद को मैदान में न उतारकर किसी भी तरह के विवाद से बचने का प्रयास किया है। साथ ही यह ध्यान रखने के लिए कि कैसरगंज और आस-पास के इलाकों में उसका दबदबा कम न हो जाए, बृजभूषण के परिवार के किसी व्यक्ति को टिकट दे दिया। बजरंग पुन‍िया ने इसे पर‍िवारवाद बताया।

लोकनीत‍ि सीएसडीएस ने एक प्रीपोल सर्वे में जब लोगों के सामने पार्ट‍ियों में पर‍िवारवाद का सवाल रखा तो वोटर्स की राय भी बंटी हुई द‍िखी। भाजपा में पर‍िवारवाद है और कांग्रेस से कम पर‍िवारवाद है- दोनों राय व्‍यक्‍त करने वाले वोटर्स का प्रत‍िशत बराबर था। बहुत कम मतदाता मानते थे क‍ि बीजेपी पर‍िवारवाद से मुक्‍त पार्टी है।

बीजेपी नेता व‍िनय सहस्रबुद्धे ने अगस्‍त 2023 में इंड‍ियन एक्‍सप्रेस में ल‍िखे लेख में बीजेपी के पर‍िवारवाद का बचाव क‍िया था। उन्‍होंने तर्क द‍िया था क‍ि अगली पीढ़ी के नेता को पार्टी या राजनीत‍ि में आगे बढ़ाना अलग बात है और पार्टी पर पर‍िवार का कब्‍जा कर लेना दूसरी बात है। दूसरी बात को उन्‍होंने वंशवादी पार्टी कहा था और कहा था क‍ि पार्टी में वंशवाद नहीं बल्‍क‍ि वंशवादी पार्टी समस्‍या है।

बीजेपी ‘परिवारवादी पार्टी’ होने से इनकार करती रही है। वह अक्सर सपा और कांग्रेस पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ‘परिवारवाद’ पर लगातार हमलावर रहे हैं। भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर नरेंद्र मोदी अक्सर क्षेत्रीय दलों पर ‘परिवारवादी राजनीति’ करने का आरोप लगाते हैं। उन्‍होंने कई मौकों पर ऐसा कहा है, लेक‍िन उदाहरण के ल‍िए एक बयान ही लेते हैं।

परिवारवाद पर क्या बोले पीएम मोदी

अलीगढ़ में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने कहा था, “पहले जब अलीगढ़ आया था तो अनुराेध किया था सपा, कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर ताला लगा दीजिए। आपने ऐसा मजबूत ताला लगाया कि दोनों शहजादों को इसकी चाबी नहीं मिल रही है। अब देश को गरीबी और भ्रष्टाचार से मुक्त करने का समय आ गया है। परिवारवाद मुक्त करना है।”

अब भाजपा में पर‍िवारवाद के कुछ उदहारण देखते हैं:

भाजपा नेता रिश्तेदार ओहदा
राजनाथ सिंहबेटा पंकज सिंहउत्तर प्रदेश में एमएलए
गोपीनाथ मुंडेबेटी पंकजा मुंडेबीड़ से लोकसभा प्रत्याशी
गोपीनाथ मुंडेप्रीतम मुंडे बीड़ से दो बार सांसद
प्रमोद महाजन बेटी पूनम महाजन मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से सांसद
सुषमा स्वराज बेटी बांसुरी स्वराज नई दिल्ली लोकसभा सीट से प्रत्याशी
कल्याण सिंह बेटा राजवीर सिंह एटा से प्रत्याशी
नाथूराम मिर्धा पोती ज्योति मिर्धा नागौर से प्रत्याशी

दिलचस्प है कि योगी आदित्यनाथ खुद भी एक तरह से ‘परिवारवादी राजनीति’ का परिणाम हैं। उनके चाचा अवैद्यनाथ गोरखनाथ पीठ के महंत थे। पीठ में हजारों संन्यासी होने के बावजूद उत्तराधिकारी चुनने का समय आया तो अवैद्यनाथ ने अपने भतीजे आदित्यनाथ को चुना। इसके चार साल बाद जब सांसद अवैद्यनाथ ने अपनी पारंपरिक लोकसभा सीट छोड़ने का मन बनाया, तो वहां से भी आदित्यनाथ को ही सांसद बनवाया। योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट, अवैद्यनाथ के मामा के लड़के थे।

भाजपा के सहयोगी दलों में परिवारवाद

कश्‍मीर में ज‍िस पीडीपी के साथ म‍िल कर बीजेपी ने एक बार सरकार बनाई थी, उसकी नेता महबूबा मुफ्ती को राजनीति अपने पिता जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद से विरासत में मिली। पंजाब में भाजपा का गठबंधन अकाली दल से था जहां परिवारवाद पूरी तरह हावी है।

वहीं, बिहार में भाजपा का गठबंधन लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से है। इसके अध्यक्ष चिराग पासवान को यह पार्टी अपने पिता राम विलास पासवान से विरासत में मिली थी। च‍िराग हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्‍होंने अपनी मौजूदा सीट (जमुई) से अपने जीजा को उम्‍मीदवार बनाया है। उनकी र‍िश्‍ते की बहन शांभवी भी चुनाव मैदान में हैं। चाचा पशुपत‍ि नाथ पारस सांसद हैं ही। मेघालय में भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपल्स पार्टी है। राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के पिता पीए संगमा भी मेघालय के सीएम रह चुके हैं।

भाजपा ने महाराष्ट्र में शरद पवार के भतीजे अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया है। इससे पहले वह पवार परिवार पर लगातार परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगाते रहे हैं। पीएम मोदी एनसीपी को प्राइवेट लिमिटेड पार्टी, परिवार लिमिटेड पार्टी तक कहते थे।

कर्नाटक में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही जेडीएस ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बेटे और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को उम्मीदवार बनाया है। कर्नाटक सरकार के पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना भी जेडीएस के टिकट पर अपनी सियासी किस्मत आजमा रहे हैं।

कांग्रेस में परिवारवाद

कांग्रेस नेता रिश्तेदार ओहदा
तरुण गोगोई बेटे गौरव गोगोई जोरहाट से प्रत्याशी
कमलनाथ बेटा नकुलनाथ छिंदवाड़ा से प्रत्याशी
हरीश रावत बेटा वीरेंद्र रावत हरिद्वार से प्रत्याशी
पी चिदंबरम बेटा कार्ति चिदंबरम शिवमोग्गा से प्रत्याशी
मल्लिकार्जुन खरगे दामाद राधाकृष्ण डोडामणि गुलबुर्गा से प्रत्याशी
सुशील शिंदे बेटी प्रणिति शिंदे सोलापुर से उम्मीदवार

सपा में परिवारवाद

सपा नेता रिश्तेदार ओहदा
मुलायम सिंह बेटा अखिलेश यादव सपा प्रमुख और कन्नौज से उम्मीदवार
मुलायम सिंह बहू डिंपल यादव मैनपुरी से उम्मीदवार
शिवपाल यादव बेटा आदित्य यादव बदायूं से उम्मीदवार
अखिलेश यादव चचेरे भाई अक्षय यादव फिरोजाबाद से उम्मीदवार
अखिलेश यादव चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ से उम्मीदवार

आरजेडी में परिवारवाद

लोकसभा क्षेत्रप्रत्याशीपारिवारिक पृष्ठभूमि
सारणरोहिणी आचार्यपिता लालू यादव, मां राबड़ी देवी (दोनों बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री)
पाटलिपुत्रमीसा भारतीपिता लालू यादव, मां राबड़ी देवी (दोनों बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री)
बक्सरसुधाकर सिंहपिता, जगदानंद सिंह, पूर्व मंत्री
गयाकुमार सर्वजीतपिता, दिवंगत राजेश कुमार, पूर्व सांसद
मधेपुराकुमार चंद्रदीपपिता, आरके यादव, पूर्व राज्यसभा और पूर्व लोकसभा सांसद

लालू-राबड़ी के बेटे और राजद व‍िधायक तेजस्वी यादव व‍िरोधी पर पर‍िवारवाद के ख‍िलाफ कैसे हमला बोलते हैं, इसकी एक बानगी यहां देख‍िए।

झामुमो में परिवारवाद

झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गईं। उनके पति दुर्गा सोरेन, झामुमो प्रमुख के बेटे और झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के बड़े भाई भी राजनीति में थे। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा अरेस्ट करने के बाद स एउङ्कि पत्नी कल्पना सोरेन के भी राजनीति में आने की संभावना जताई जा रही है।

ममता बनर्जी और मायावती ने भी अपने भतीजों (अभ‍िषेक बनर्जी और आकाश आनंद) को राजनीत‍ि में आगे बढ़ाया है।