इंदिरा गांधी द्वारा लगाए आपातकाल के बाद हुए चुनाव में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनी थी। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने थे। लेकिन महात्मा गांधी की समाधि पर जेपी के नेतृत्व में लिए गए संकल्पों को जनता पार्टी के नेता जल्दी ही भूलने लगे। नेताओं की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा प्रबल होती और पार्टी कमजोर होती है।

पहले मोरारजी देसाई की सरकार गिरी। फिर कांग्रेस के समर्थन से बनी चरण सिंह की सरकार गिरी। इस तरह 1980 में लोकसभा की घोषणा हुई। द इंडियन एक्सप्रेस की कंट्रीब्यूटिंग एडिटर नीरजा चौधरी एक इंटरव्यू में बताती हैं कि जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद उनके नेताओं की समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करना है, क्या नहीं।

लेकिन इंदिरा गांधी तुरंत चुनाव की तैयारी में जुट गई थीं। अपनी बहुचर्चित किताब ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ (How Prime Ministers Decide) को लेकर यूट्यूब चैनल VAAD से बातचीत में चौधरी बताती हैं कि इंदिरा गांधी तुरंत ही चुनाव प्रचार के लिए निकल गईं। वह अपने साथ आठ साड़ी, दो थर्मस (एक दूध और दूसरा पानी के लिए) और एक जापानी एलईडी लाइट लेकर मैदान में उतरी थीं। उन्हें पता था कि लोगों को दिखना कैसे है। वह रात में यात्रा करतीं तो लाइट को अपने सामने रखतीं। वह जानती थीं कि लोग उन्हें देखना चाहते है। उनका कैंपेन एक दम सिंपल था। वह लोगों से मिलती थीं और साफ-साफ शब्दों में वोट मांगती थीं। उनके उस कैम्पेन में कोई ज्यादा मैसेज वगैरह नहीं था।

मुस्लिम नहीं, हिंदुओं को पसंद आई थी कांग्रेस

चौधरी आगे बताती हैं कि मुस्लिम तब कांग्रेस से नाराज (आपातकाल की वजह से) थे, इसलिए उन्होंने उतना वोट नहीं दिया था। लेकिन हिंदू वोटर्स ने कांग्रेस की तरफ टर्न किया था। इंदिरा मानती थीं कि उन्हें 1980 के लोकसभा चुनाव में जो 353 सीटें मिली थीं, उसमें आरएसएस का योगदान था। वह यह प्राइवेटली कहती थीं। लेकिन पब्लिकली कभी नहीं कहा।

पीएम मोदी भी इंदिरा की टेक्निक का करते हैं इस्तेमाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब कार में यात्रा करते हैं तब एक एलईडी लाइट जली रहती है, जिसकी रोशनी उनके चेहरे पर पड़ती है। पूरी गाड़ी में अंधेरा रहता है लेकिन चेहरा चमकता रहता है। बाहर से फोटो लेने पर वह अच्छा दिखता है। आस-पास के लोगों को भी दिखता है कि अंदर कौन बैठा है।

लोकसभा चुनाव से जुड़ा एक और द‍िलचस्‍प क‍िस्‍सा

मोरारजी देसाई ने जब ‘कुर्सी’ की खात‍िर जेपी को कह द‍िया ‘बाहरी’, विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्‍ल‍िक करें

Morarji Desai | Jayaprakash Narayan
जेपी ने अंदरूनी लड़ाई खत्‍म करने की अपील की लेकिन उनकी कोश‍िशों का जनता पार्टी के नेताओं पर कोई असर पड़ा। (Express archive photo)