लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के कई उम्मीदवारों को उनके अपने-अपने क्षेत्र में ही जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि कई उम्मीदवारों को पांच साल क्षेत्र में नहीं दिखने के आरोप के चलते विरोध का सामना करना पड़ा है। झारखंड में रविवार को गीता कोड़ा के साथ हुई घटना में भी ग्रामीणों ने यही आरोप लगाया। हालांकि, कोड़ा का कहना है कि वे झामुमो समर्थक थे। उन्होंने कहा कि उनकी हत्या भी हो सकती थी। कोड़ा इस चुनाव के समय ही भाजपा में आई हैं।
Geeta kora Protest: गीता कोड़ा को गांव में घुसने नहीं दिया
सिंहभूम सीट से बीजेपी की उम्मीदवार गीता कोड़ा का बीते रविवार को सरायकेला-खरसावां जिले के मोहनपुर गांव में विरोध हुआ। विरोध कर रहे लोगों का आरोप था कि पिछले 5 सालों में गीता कोड़ा उनके गांव नहीं आई। उनका यह भी कहना था कि गीता कोड़ा को यहां आने से पहले ग्राम सभा की अनुमति लेनी चाहिए थी।
पारंपरिक हथियारों से लैस ग्रामीणों ने गीता कोड़ा को गांव में घुसने नहीं दिया। कोड़ा ने झामुमो समर्थकों पर उन्हें करीब डेढ़ घंटे तक बंधक बनाने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी हत्या भी हो सकती थी।
ग्रामीणों के जबरदस्त विरोध को देखते हुए पुलिस और प्रशासन से जुड़े लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। इस दौरान बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थानीय कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई। गीता कोड़ा ने सिंहभूम सीट से कांग्रेस के टिकट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।
गीता कोड़ा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी हैं।

Preneet Kaur Protest: किसानों ने किया परनीत कौर का विरोध
पंजाब की पटियाला सीट से बीजेपी की उम्मीदवार परनीत कौर को बीते रविवार को किसानों के पुरजोर विरोध का सामना करना पड़ा। 2014 को छोड़कर परनीत कौर कांग्रेस के टिकट पर पटियाला से चार बार – 1999, 2004, 2009 और 2019 में लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं। परनीत के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने विरोध प्रदर्शन की अपील की थी। इससे पहले भी पंजाब में किसान आंदोलन के दौरान बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं का जबरदस्त विरोध हो चुका है। उस पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई गांवों में ‘भाजपा नेताओं का आना मना है’ लिखे हुए पोस्टर लगाए गए थे।
परनीत कौर पटियाला के राजघराने से आती हैं और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं। वह भारत सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं।

Tejasvi Surya faces protest: तेजस्वी सूर्या को छोड़ना पड़ा कार्यक्रम
बेंगलुरु साउथ से बीजेपी के उम्मीदवार और वर्तमान सांसद तेजस्वी सूर्या को भी सोमवार को कुछ ऐसे ही हालात का सामना करना पड़ा। सूर्या एक चुनावी सभा में भाग लेने पहुंचे थे लेकिन वहां कुछ लोगों ने सूर्या के खिलाफ नारेबाजी की। इस वजह से सूर्या को जल्दी कार्यक्रम छोड़कर जाना पड़ा।
इन लोगों को श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक (एसजीआरएसबीएन) में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में नुकसान हुआ था। तेजस्वी सूर्या ने इस साल जनवरी में घोटाले से प्रभावित लोगों से कहा था कि उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बारे में जानकारी दी है और वह खुद इस मामले की मॉनीटरिंग कर रही हैं।
सूर्या ने लोगों को यह भी भरोसा दिलाया था कि सरकार इन सभी लोगों के हितों की चिंता करेगी। सूर्या के समर्थकों पर आरोप है कि उन्होंने इस दौरान उन्होंने भी विरोध कर रहे लोगों से बदसलूकी की।
Rajputs protest Parshottam Rupala: रुपाला से नाराज है राजपूत समुदाय
इसके अलावा गुजरात की राजकोट सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला को भी राजपूत समाज के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर सीट से बीजेपी उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के खिलाफ राजपूत समाज के लोग विरोध कर रहे हैं।

Ghaziabad Atul Garg: गाजियाबाद में अतुल गर्ग के साथ धक्कामुक्की
बीते मार्च में चुनाव प्रचार के दौरान गाजियाबाद सीट से बीजेपी उम्मीदवार अतुल गर्ग के साथ कुछ कार्यकर्ताओं ने धक्का-मुक्की की थी। जब बीजेपी के गाजियाबाद महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा बीच बचाव करने पहुंचे थे तो बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने उन्हें थप्पड़ मार दिया था।
उत्तर प्रदेश में कैराना से बीजेपी के प्रत्याशी प्रदीप चौधरी के खिलाफ राजपूत समाज के लोगों ने नारे लगाए। प्रदीप चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी बीते शनिवार को चुनाव प्रचार के दौरान झबीरण गांव पहुंची थीं। इस गांव में राजपूत समुदाय के लोगों की आबादी ज्यादा है। समुदाय के लोगों ने प्रदीप चौधरी मुर्दाबाद, सुनीता चौधरी वापस जाओ के नारे लगाए।
Betul Harda Harsud Durgadas Uike: सांसद से पूछा- आप गांव क्यों नहीं आए
इसी तरह मध्य प्रदेश के बैतूल हरदा हरसूद लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी और सांसद दुर्गादास उइके का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि दुर्गादास उइके जब शनिवार की रात महतपुर गांव पहुंचे तो रिटायर्ड टीचर होशियार सिंह तूरिया ने उनसे पूछा कि पिछले बार हम लोगों ने आपको जिताया था, उसके बाद आप एक बार भी गांव में नहीं आए। उन्होंने कहा कि हम जितने लोग भी बीजेपी के समर्थक हैं, नोटा का बटन दबाने को लेकर विचार करेंगे।