चुनाव प्रचार के दौरान की एक शाम को सैकड़ों लोग गाजीपुर शहर के एम.एच. इंटर कॉलेज में नुक्कड़ सभा के लिए इकट्ठा हुए हैं। यहां पर गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अफजाल अंसारी की जनसभा होनी है। इकट्ठा होने वाले लोगों में से अधिकतर मुस्लिम समुदाय से हैं।
यहां इकट्ठा हुए लोगों के बीच अफजाल अंसारी के भाई और माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर चर्चा हो रही है। मुख्तार अंसारी की इस साल 28 मार्च को बांदा जेल में मौत हो गई थी।
30 साल के मोहम्मद आमिर मुख्तार अंसारी की मौत को अस्वाभाविक बताते हैं और कहते हैं कि गाज़ीपुर सीट पर मुख्तार अंसारी की मौत चुनावी मुद्दा है। इस सीट पर अंतिम चरण में 1 जून को वोटिंग होनी है।
मोहम्मद आमिर कहते हैं, ‘मौत के 10 दिन पहले मुख्तार ने अदालत को बताया था कि उन्हें जेल में जहर दिया जा रहा है तो ऐसे में उन्हें किसी अच्छे अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं किया गया, उन्हें जेल क्यों वापस भेज दिया गया।’ यह कहकर आमिर कई सवाल खड़े करते हैं।

SP candidate Afzal Ansari: अफजाल उठाते हैं मुख्तार की मौत का मुद्दा
रात को 9 बजे अफजाल अंसारी कारों के छोटे से काफिले के साथ सभा स्थल पर पहुंचते हैं और सीधे मंच पर पहुंच जाते हैं। यहां सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता उनका इंतजार कर रहे हैं।
अपने लगभग 1 घंटे के भाषण के दौरान अफजाल अंसारी मुख्तार की मौत का मुद्दा उठाते हैं। वह कहते हैं, ‘आपने देखा कि हाल ही में किस बेरहमी के साथ जेल में इन जालिमों ने उसको जहर दिया और और इसे दिल का दौरा बता दिया। उन्होंने लोगों को उनकी (मुख्तार की) कब्र पर जाने से भी रोक दिया। ऐसा कोई कानून नहीं है जो इसकी इजाजत देता हो। अब वक्त आ गया है कि इन जुल्म करने वालों को सजा दी जाए।’
अफजाल कहते हैं कि वह सिर्फ अपनी व्यक्तिगत शिकायत की वजह से ऐसा नहीं चाहते बल्कि इसलिए चाहते हैं कि इन लोगों ने किस तरह का धोखा देश के साथ किया है। महंगाई और बेरोजगारी बढ़ गई है। इस दौरान सभा में मौजूद लोग नारा लगाते हैं तख्त बदल दो ताज बदल दो, बेईमानों का राज बदल दो।

कुछ के लिए मसीहा, कुछ के लिए खूंखार अपराधी
मौत के 2 महीने बाद भी मुख्तार अंसारी को गाज़ीपुर सीट पर नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। कुछ लोग कहते हैं कि मुख्तार मसीहा था जबकि कुछ लोग कहते हैं कि वह खूंखार अपराधी था। कुछ लोग उत्तर प्रदेश सरकार के इस दावे पर भरोसा करते हैं कि मुख्तार की मौत में किसी तरह की कोई साजिश नहीं थी।
अंसारी के समर्थकों को अगर ऐसा लगता है कि उनके परिवार को योगी आदित्यनाथ की सरकार में सताया गया है तो इसका एक और पहलू भी है। पहलू यह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में अफजाल अंसारी को चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराए जाने के संबंध में एक मुकदमा चल रहा है।
बीते साल अप्रैल में गाजीपुर की एक अदालत ने अफजाल अंसारी को 4 साल जेल की सजा सुनाई थी और उन्हें सांसद पद से अयोग्य घोषित कर दिया था। दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देश दिया था कि वह अफजाल अंसारी के मामले को 30 जून, 2024 तक हल करे।
Ghazipur Seat Caste Equation: यादव, मुस्लिम वोटर हैं निर्णायक
गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है। यहां पर 3.50 लाख यादव और 2 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। इन्हें सपा का समर्थक माना जाता है। इसके अलावा दलित मतदाताओं की संख्या 3 लाख है, राजभर और कुशवाहा मतदाता 1-1 लाख और सवर्ण मतदाताओं की संख्या भी 2 लाख से कुछ कम है।

2019 Lok Sabha Chunav: मनोज सिन्हा को हराया था
2019 के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी ने बसपा के टिकट पर यह सीट जीती थी। तब बसपा और सपा का गठबंधन था। तब अफजाल अंसारी ने बीजेपी के उम्मीदवार रहे मनोज सिन्हा को 1.19 लाख वोटों से हराया था। मनोज सिन्हा गाजीपुर से 1996 और 2014 में लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। मौजूदा वक्त में वह जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल हैं। मनोज सिन्हा लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान लगातार गाजीपुर आकर यहां से उम्मीदवार पारसनाथ राय के चुनाव पर नजर रखते हैं। राय उनके करीबी माने जाते हैं।
BJP Parasnath Rai: बीजेपी के उम्मीदवार हैं पारसनाथ राय
पारसनाथ राय भूमिहार जाति से आते हैं और गाजीपुर जिले में स्कूल चलाते हैं। वह कई दशकों से आरएसएस से जुड़े हुए हैं।
एक चुनावी सभा में पारसनाथ राय कहते हैं, ‘वह (अफजाल) कहते हैं कि पूरा जिला रो रहा है और मुख्तार अंसारी की कब्र पर मिट्टी देने के लिए हजारों लोग आए। मैं कहता हूं कि जिस दिन वह हत्यारा मर गया, पूरे जिले ने राहत की सांस ली। भगवान जानता है कि कितनी महिलाओं को उसने विधवा कर दिया, कितनी बहनों ने अपने भाइयों को खो दिया। क्या लोगों को यह सब कुछ याद नहीं है, वह आतंक पैदा करने वाला आदमी था।’
बसपा ने गाजीपुर सीट से ठाकुर बिरादरी का आने वाले उमेश कुमार सिंह को टिकट दिया है।

मेरा वोट अफजाल अंसारी को जाएगा: सोनू
गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के जंगीपुर विधानसभा के सरायबंदी गांव में रहने वाले 34 साल के सोनू कुमार बताते हैं, ‘मुख्तार अंसारी ने मोहम्मदाबाद में रहने वाले हर गरीब व्यक्ति की मदद की। उनकी मौत हम सभी के लिए एक बड़ा नुकसान है। आमतौर पर मैं बसपा को वोट देता हूं और कभी भी सपा को वोट नहीं दिया। लेकिन इस बार मेरा वोट अफजाल अंसारी को जाएगा।’ दलित समुदाय से आने वाले सोनू कुमार के कुछ रिश्तेदार मोहम्मदाबाद में रहते हैं। मोहम्मदाबाद में ही अंसारी बंधुओं का परिवार भी रहता है।
40 साल की मंती देवी राजभर नरेंद्र मोदी सरकार की पांच किलोग्राम मुफ्त राशन योजना के बारे में बताती हैं। वह कहती हैं कि दूसरे लोग कहां वोट दे रहे हैं, वह उस हिसाब से ही वोट देंगी।
कुशवाहा बिरादरी से आने वाले राजीव कुमार कहते हैं कि उनका परिवार ऐसे राजनीतिक दल को वोट देगा जो उनके बेटे को नौकरी दिला सके। वह कहते हैं मेरा बेटा 25 साल का है और उसे ग्रेजुएट हुए 4 साल हो गए और हमें बदलाव चाहिए।

शिक्षा माफिया हैं पारसनाथ राय: अफजाल
अफजाल अंसारी कहते हैं कि पारसनाथ राय शिक्षा माफिया का हिस्सा हैं और उन्हें मनोज सिन्हा के कहने पर ही बीजेपी ने टिकट दिया है। अफजाल कहते हैं कि पारसनाथ राय स्कूल चलाते हैं और वहां छात्रों को नकल करवा कर पैसे कमाते हैं। गाजीपुर नकल करने वाले केंद्र के रूप में प्रसिद्ध हो गया है और अपनी चुनावी बैठकों में मैं इस मुद्दे को बार-बार उठाता हूं।
इस बारे में पूछने पर पारसनाथ राय कहते हैं कि उनके पास इस तरह के आरोपों का जवाब देने के लिए वक्त नहीं है। राय एक चुनावी सभा में कहते हैं, ‘अफजाल आप एक सांसद हो और एक सम्मानित व्यक्ति हो, आपको उसी तरह बात करनी चाहिए। आज तक ऐसा कोई साल नहीं हुआ है जब पंडित मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज उत्तर प्रदेश की मेरिट लिस्ट में ना आया हो। मैं एक शिक्षक हूं और मुझसे उसी तरह बात करो।’
