उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 12 सीटें ऐसी हैं जो अपने पिछले कुछ चुनावों के नतीजे की वजह से चर्चा में हैं। यहां हर लोकसभा चुनाव में जनता ने सांसद बदल दिया है। सीधे शब्दों में कहें तो कोई भी प्रत्याशी इन सीटों पर लगातार चुनावी जीत दर्ज नहीं कर पाया है। अगर यह ट्रेंड कायम रहा तो बसपा आठ जीती हुई सीटें गंवा सकती है। 2019 में बसपा ने कुल 10 सीटें जीती थीं।
ऐसी सीटों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की रामपुर, बिजनौर, सहारनपुर, संभल, अमरोहा, मुरादाबाद और पूर्वी उत्तर प्रदेश की लालगंज, श्रावस्ती, फूलपुर, जौनपुर, घोसी, गाजीपुर और श्रावस्ती सीट शामिल है। आइए, जानते हैं इन सीटों पर पिछले लोकसभा चुनाव में क्या नतीजे रहे थे।
सीट | सांसद | पार्टी |
रामपुर | मोहम्मद आजम खान</td> | सपा |
रामपुर 2022 (उपचुनाव) | घनश्याम सिंह लोधी | बीजेपी |
बिजनौर | मलूक नागर | बसपा |
अमरोहा | दानिश अली | बसपा |
संभल | शफीकुर रहमान बर्क | सपा |
सहारनपुर | हाजी फजलुर रहमान | बसपा |
मुरादाबाद | डॉ. एसटी हसन | सपा |
लालगंज | संगीता आजाद | बसपा |
श्रावस्ती | राम शिरोमणि वर्मा | बसपा |
फूलपुर | केशरी देवी पटेल | बीजेपी |
जौनपुर | श्याम सिंह यादव | बसपा |
घोसी | अतुल राय | बसपा |
गाजीपुर | अफज़ाल अंसारी | बसपा |
Sambhal Lok Sabha Election 2024: संभल लोकसभा सीट
संभल की करीब आधी आबादी मुस्लिम है। संभल से छह बार यादव समुदाय के नेताओं को जीत मिली है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके भाई रामगोपाल यादव भी संभल से चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे थे।

Jaunpur Lok Sabha Election 2024: धनजंय सिंह की पत्नी मैदान में
जौनपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री रहे कृपा शंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है तो सपा ने मायावती सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है। बसपा ने यहां से बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को टिकट दिया है।
2019 के लोकसभा चुनाव में जौनपुर से बसपा के श्याम सिंह यादव, 2014 में बीजेपी के कृष्ण प्रताप और 2009 में बसपा के धनंजय सिंह चुनाव जीते थे।
Ghazipur Lok Sabha Election 2024: अफजाल अंसारी से हारे थे मनोज सिन्हा
2019 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर संसदीय सीट पर भाजपा के बड़े नेता और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को हार मिली थी। उन्हें बसपा के उम्मीदवार अफजाल अंसारी ने हराया था। अफजाल अंसारी इस बार सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने पारस नाथ राय को उम्मीदवार बनाया है। बसपा ने यहां से उमेश कुमार सिंह को टिकट दिया है।
Ghosi Lok Sabha Election 2024: दो बार जीत चुकी है बसपा
घोसी लोकसभा सीट से सपा ने राजीव कुमार राय और एनडीए गठबंधन ने सुभासपा नेता अरविंद राजभर को टिकट दिया है। इस सीट से 2019 में बीएसपी के उम्मीदवार अतुल राय जीते थे। 2014 में यहां से बीजेपी के हरिनारायण राजभर और 2009 में बसपा से दारा सिंह चौहान चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।
Phulpur Lok Sabha Election 2024: नेहरू भी जीते थे यहां से
फूलपुर सीट से इस बार बीजेपी ने प्रवीण पटेल, सपा ने अमरनाथ मौर्य और बसपा ने जगन्नाथ पाल को टिकट दिया है। 2019 में बीजेपी से केशरी देवी पटेल, 2014 में बीजेपी से केशव प्रसाद मौर्य और 2009 में बसपा से कपिल मुनि करवरिया इस सीट से चुनाव जीते थे। इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी चुनाव जीत चुके हैं।
Lalganj Lok Sabha election 2024: बीजेपी ने नहीं दिया संगीता आज़ाद को टिकट
बीजेपी ने यहां से नीलम सोनकर, सपा ने दारोगा सरोज और बसपा ने डॉ. इंदु चौधरी को टिकट दिया है। 2019 में बसपा से संगीता आज़ाद, 2014 में बीजेपी से नीलम सोनकर और 2009 में बसपा से डॉ. बलिराम को जीत मिली थी। संगीता आज़ाद चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में शामिल हो गई थीं लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।

अब देखते हैं कि पिछले कुछ लोकसभा चुनावों में बीजेपी, सपा और बसपा का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश में कैसा रहा है। पहले नजर डालते हैं बसपा के प्रदर्शन पर।
साल | सीट | वोट प्रतिशत |
1989 | 2 | 2.1 |
1991 | 1 | 1.8 |
1996 | 6 | 4.0 |
1998 | 4 | 4.7 |
1999 | 14 | 4.2 |
2004 | 19 | 5.3 |
2009 | 20 | 6.2 |
2014 | 0 | 4.2 |
2019 | 10 | 3.7 |
UP Lok Sabha Election 2024: बीजेपी का ग्राफ बढ़ा
पिछले दो लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रदर्शन को देखें तो पता चलता है कि पार्टी के प्रदर्शन का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। 2014 में बीजेपी ने यूपी में 80 में से 71 सीटें जीती थीं, लेकिन 2019 में वह 62 सीटें ही जीत सकी थी। हालांकि तब उसे बसपा, सपा और रालोद के संयुक्त गठबंधन की ओर से चुनौती मिली थी। लेकिन इस बार बसपा और रालोद विपक्षी गठबंधन में नहीं हैं।

Samajwadi Party UP: 35 से 5 सीटों पर पहुंची सपा
लोकसभा चुनाव 2024 में सपा कांग्रेस के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रही है। 2004 में उत्तर प्रदेश में 35 सीटें जीतने वाली सपा 2019 में 5 सीटों के आंकड़े पर आकर सिमट गई थी।

विधानसभा चुनाव 2022 में मिली हार के बाद सपा इस बार बदली हुई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में है। पार्टी ने अपने मुस्लिम-यादव समीकरण से उलट इस बार मुस्लिम और यादव उम्मीदवारों को बड़ी संख्या में टिकट देने का परहेज किया है।
