UK Prime Minister Race: ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा सोमवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12.30 हो जाएगा। शुक्रवार को कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों ने ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और लिज ट्रस (Liz Truss) की किस्मत का फैसला बैलेट बॉक्स बंद कर दिया। यानी वोटिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली।
भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को अब प्रधानमंत्री की रेस से बाहर बताया जा रहा है। परिणाम लिज ट्रस (Liz Truss) के पक्ष में आएगा, यह तय माना जा रहा है। सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री पद के सबसे प्रबल दावेदार बताए जा रहे है ऋषि सुनक रेस में पीछे कैसे छूट गए? और यह लिज ट्रस कौन हैं, जिन्होंने आखिरी वक्त में बाजी मार ली।
कौन हैं लिज ट्रस?
पिछली बोरिस जॉनसन सरकार में 47 वर्षीय लिज़ ट्रस अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री बनाई गई थीं। वह पिछले 20-22 सालों से राजनीति में सक्रिय हैं। उनका जन्म साल 1975 में ऑक्सफोर्ड शहर में हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रस की मां पेशे से नर्स और पिता गणित के प्रोफेसर रहे हैं। ट्रस ने दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की शिक्षा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से हासिल की। राजनीति में पहले वह लिबरल डेमोक्रेट्स के साथ रहीं, बाद में कंजरवेटिव पार्टी के साथ आ गईं।
साल 2010 में ट्रस पहली बार सांसद चुनी गईं। हालांकि मंत्री बनने का मौका उन्हें 2012 में मिला। शिक्षा मंत्री के रूप में चर्चा में रहने के बाद साल 2014 में उन्हें पर्यावरण मंत्री बनीं। ट्रस शुरुआत में ब्रेक्जिट विरोधी रही हैं। लेकिन बाद में विचार बदल लिया।
कैसे पीछे छूटे ऋषि सुनक?
कंजर्वेटिव पार्टी के लगभग 1,60,000 सदस्यों का वोट अपनी तरफ खींचने के लिए सुनक और ट्रस कई बार आमने-सामने हुए। बहस की। सुनक ने अपने अभियान में बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाने की बात कही। वहीं ट्रस ने सत्ता मिलने पर टैक्स कम करने का वादा किया। सर्वेक्षण के परिणाम बताते हैं कि पार्टी सदस्यों का मत पाने में पिछड़ गए हैं।
दरअसल पार्टी में सुनक को बोरिस का तख्तापलट करने वाला माना जा रहा है। बोरिस के पद से हटने के कुछ घंटों बाद सुनक ने प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी ठोक दी थी। ‘रेडी फॉर ऋषि’ नाम के उनके शुरुआती अभियान वीडियो ने कमाल किया। लेकिन जल्द ही उनके पक्ष से लोग खिसकने लगे- साजिद जाविद, नादिम ज़हावी और मोर्डंट जैसे सांसदों ने पाला बदल लिया। दूसरी ओर लिज़ दौड़ में शामिल होने वाली अंतिम थी, लेकिन बदलते समय के साथ तेज और होशियार होती गईं।
इस्तीफे के बाद फले ही सुनक की व्यक्तिगत रेटिंग में वृद्धि हुई हो, लेकिन जॉनसन को इस्तीफा देने के लिए टोरीज़ ने हमेशा ऋषि को पीठ में छुरा घोंपने वाला माना। द गार्जियन ने अपने संपादकीय में लिखा, जिसने बोरिस जॉनसन के खिलाफ तख्तापलट का किया, वह ताज नहीं पहन सकता।